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बच्चे की उछल-कूद से हो गए हैं परेशान, ऐसे करें हाइपर एक्टिव बच्चे को डील

  • Tips to Manage Hyperactive Kids: आपको अगर लगता है कि आपका बच्चा सारा दिन उछल-कूद करता रहता है, कहने पर भी एक जगह टिककर नहीं बैठता है, उसका ध्यान शरारतों में लगा रहता है तो आपको बता दें, वो हाइपर एक्टिव किड है।

Manju Mamgain लाइव हिन्दुस्तानWed, 23 April 2025 01:20 PM
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बच्चे की उछल-कूद से हो गए हैं परेशान, ऐसे करें हाइपर एक्टिव बच्चे को डील

अपने बच्चे को अच्छी परवरिश देने के लिए सभी पेरेंट्स अपनी तरफ से पूरी कोशिश करते हैं। बावजूद इसके हर बच्‍चा अलग होता है, कुछ बच्‍चे स्वभाव से थोड़े शरारती होते हैं तो कुछ गंभीर या शर्मीले होते हैं। लेकिन आपको अगर लगता है कि आपका बच्चा सारा दिन उछल-कूद करता रहता है, कहने पर भी एक जगह टिककर नहीं बैठता है, उसका ध्यान शरारतों में लगा रहता है तो आपको बता दें, वो हाइपर एक्टिव किड है। ऐसे बच्‍चों में एनर्जी इतनी होती है कि उनके पीछे भागते-भागते बड़े लोग थक जाते हैं लेकिन बच्‍चे नहीं थकते।

हाइपर एक्टिव किड्स की ये है पहचान

हाइपरएक्टिव बच्‍चों को पहचानने का सबसे आान तरीका है कि उन्‍हें किसी की भी बात मानने में दिक्‍कत होती है। ऐसे बच्चे आसानी से परेशान, फ्रस्‍ट्रेट, और दुखी हो जाते हैं। ये बच्चे दूसरों की बात कम सुनते हैं और बहुत ज्‍यादा बोलते हैं। ऐसे बच्चे दूसरों की बात को हमेशा काटते रहते हैं।

हाइपर एक्टिव किड्स को डील करने के टिप्स

नियमित दिनचर्या बनाएं

हाइपर एक्टिव किड्स को डील करने के लिए सबसे पहले उनकी एक निश्चित दिनचर्या बनाएं, जिसमें उनकी पढ़ाई से लेकर खेल, भोजन, और सोने का समय तय हो। दिनचर्या बनाने से बच्चे के व्यवहार को संतुलित करने में मदद मिलती है।

शारीरिक गतिविधियां बढ़ाएं

हाइपर एक्टिव बच्चों को खेल, डांस, तैराकी, या कोई अन्य शारीरिक गतिविधि में शामिल करें। ऐसा करने से उनकी एनर्जी सकारात्मक दिशा में लगेगी। रोजाना इसके लिए 30 मिनट जरूर निकालें।

धैर्य और समझ

बच्चों के व्यवहार को समझते हुए धैर्य बनाए रखें। ऐसे बच्चों पर गुस्सा या उन्हें सजा देने से बचें, क्योंकि यह उनकी बेचैनी बढ़ा सकता है। उनकी भावनाओं को सुनें और सहानुभूति दिखाएं।

ध्यान केंद्रित करने वाले गेम्स

पजल्स, ड्राइंग, लेगो, या माइंडफुलनेस गेम्स जैसी गतिविधियां बच्चों का ध्यान केंद्रित करने में मदद करती हैं। इन्हें दिन में 15-20 मिनट के लिए बच्चे को जरूर खेलने के लिए दें।

स्क्रीन टाइम सीमित करें

टीवी, मोबाइल, या टैबलेट जैसी चीजों का उपयोग दिन में 1-2 घंटे से ज्यादा ना करें। अधिक स्क्रीन टाइम बच्चे की सक्रियता को बढ़ा सकता है।

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