बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह के कंप्यूटर से जरूरी डाटा चोरी होने का मामला सामने आया है। जिसकी शिकायत मिलने पर ईओयू ने कंप्यूटर सील कर दिया है। और जांच शुरू कर दी है। आशंका जताई जा रही है कि किसी कर्मचारी ने डाटा डिलीट किया है, या चोरी किया है।
पटना के एक डॉक्टर दंपति को 12 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा गया। साइबर अपराधियों ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के केस में फंसाने का झांसा देकर लगभग 2 करोड़ रुपये ठग लिए।
एक दर्जन से अधिक एटीएम फ्रॉड की घटनाओं में दोनों ने संलिप्तता स्वीकार की है। इस गिरोह में गया और नालंदा के अलावा अन्य जिलों के शातिर भी शामिल हैं जो अन्य राज्यों में घूम-घूम कर ठगी करते है।
सी-डेक पटना के सहयोग से आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) में साइबर सुरक्षा एवं साइबर फॉरेंसिक के अनुसंधान एवं विकास केंद्र (रिसर्च एंड डेवलपमेंट) का शुभारंभ किया गया। जिसका उद्घाटन आर्थिक अपराध इकाई के अपर पुलिस महानिदेशक नैयर हसनैन खान ने इस केंद्र का उद्घाटन किया। जो साइबर अपराध रोकने में अहम साबित होगा।
गृह विभाग ने ईओयू को लिखे पत्र में बताया है कि पटना हाईकोर्ट और बिहार सरकार के नाम पर कई फर्जी वेबसाइट सरकारी भर्ती, रिजल्ट और कर्मचारी लॉगिन के नाम पर निजी जानकारी और बैंक डाटा चुराने का काम कर रही है।
पटना में एक रिटायर्ड सैन्य अधिकारी से 1.90 करोड़ रुपये की ठगी कर दी। शातिरों ने शेयर मार्केट में निवेश के नाम पर उनसे भारी रकम ऐंठ ली।
पटना के एक डॉक्टर से साइबर ठगी की कोशिश करने वाले दो शातिर भाइयों को ईओयू ने गिरफ्तार किया है। उन्होंने खुद को आईएएस अधिकारी बताकर डॉक्टर को ईडी की कार्रवाई का डर दिखाकर रुपये मांगे थे।
सिंगापुर के लोगों से साइबर अपराधियों ने ठगी की थी, जिसकी राशि बिहार पहुंची और नालंदा, नवादा एवं पटना के बैंक खातों से इसकी निकासी की गई।
ऑनलाइन डेटिंग की डिजिटल प्रेमिका ने पटना के युवक को पोपट बना दिया। युवती ने निवेश का झांसा देकर संपत्तचक निवासी से 27 लाख ठग लिए।
संदीप दागर नामक एक व्यक्ति ने खुद को सीबीआई का अधिकारी बताते हुए वीडियो कॉल किया। उसने आधार नंबर किसी अपराधी को देने, केनरा बैंक में खाता खुलवाकर उसमें 17 करोड़ रुपए के लेन-देन का आरोप लगाते हुए मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने की धमकी दी।