जमशेदपुर के साकची गुरुद्वारे के प्रबंधक कमेटी के प्रधान पद के चुनाव का विवाद एसडीओ कोर्ट में पहुँच गया है। वर्तमान प्रधान निशान सिंह और पूर्व प्रधान हरविंदर सिंह मंटू के पक्ष के खिलाफ समन जारी किए गए...
यह केस साल 2019 में मुंबई के डीएन नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज हुआ था। लड़की के पिता ने उसी साल नवंबर में उसकी गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी। कुछ दिनों बाद उसे जुहू चौपाटी के पास आरोपी और उसके दोस्तों के साथ पाया गया।
रिपोर्ट के मुताबिक, शादी का रिसेप्शन चल रहा था। इसी बीच दूल्हे के पिता उसे मंडप से थोड़ा दूर लेकर गया और कहने लगा कि दुल्हन के घर वालों ने पर्याप्त मात्रा में सोना नहीं दिया है।
वकील ने बताया कि सांप पकड़ने वालों को बुलाया गया। उन्होंने पुरानी फाइल से भरे अदालत कक्ष और दीवारों व फर्श की छानबीन की जिनमें कई छेद थे।
न्यायालय ने याचिकाकर्ता की ओर से गंभीर तात्कालिकता का हवाला दिया। साथ ही, कोर्ट का तीन घंटे का समय बर्बाद करने पर भी टिप्पणी की। इसे लेकर याचिका दायर करने वाले को फटकार लगाई गई।
बेंच ने कहा, ‘पुरुष वर्चस्व और पुरुषवादी मानसिकता अब भी कायम है। जब तक हम अपने बच्चों को घर में समानता की शिक्षा नहीं देंगे, तब तक कुछ नहीं होगा। तब तक निर्भया जैसे कानून और अन्य कानून कारगर नहीं होंगे।’
अदालत ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के पूर्व उपाधीक्षक अख्तर अली की याचिका पर निर्देश जारी किए थे। अली ने घोष के कार्यकाल के दौरान मेडिकल कॉलेज में वित्तीय कदाचार की प्रवर्तन निदेशालय (ED) से जांच कराने की मांग की थी।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने संजय रॉय को कोलकाता की एक अदालत में पेश किया था। इस दौरान मामले में आरोपी और संदिग्धों के पॉलीग्राफ टेस्ट की इजाजत मांगी गई थी।
पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से संचालित आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के सेमिनार में 9 अगस्त को जूनियर डॉक्टर का शव मिला था। इसके एक दिन बाद ही आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार कर लिया गया।
रिपोर्ट के अनुसार, MUDA मामले में विचाराधीन भूमि दलित समुदाय के सदस्यों के लिए थी। मगर, फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके धोखाधड़ी से इसे स्थानांतरित कर दिया गया। इससे राज्य को हजारों करोड़ का नुकसान हुआ।