40 students got fake admission in B.Tech in MMMUT Gorakhpur mastermind confessed this is how the game was played गोरखपुर के MMMUT में 40 छात्रों का बीटेक में फर्जी एडमिशन, मास्टरमाइंड ने कबूला, ऐसे हुआ खेल, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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गोरखपुर के MMMUT में 40 छात्रों का बीटेक में फर्जी एडमिशन, मास्टरमाइंड ने कबूला, ऐसे हुआ खेल

गोरखपुर के मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (MMMUT) में 40 छात्रों का बीटेक में फर्जीवाड़ा कर एडमिशन लिया गया है। मास्टरमाइंड लिपिक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उसने ही यह बात कबूली है।

Yogesh Yadav गोरखपुर, वरिष्ठ संवाददाताWed, 2 April 2025 08:53 PM
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गोरखपुर के MMMUT में 40 छात्रों का बीटेक में फर्जी एडमिशन, मास्टरमाइंड ने कबूला, ऐसे हुआ खेल

मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमयूटी) में 40 छात्रों के फर्जी तरीके से बीटेक में दाखिले के मामले के मास्टरमाइंड वरिष्ठ लिपिक रवि मोहन श्रीवास्तव को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। करीब छह महीने से पुलिस इस प्रकरण की जांच कर रही थी। साक्ष्य जुटाने के बाद अब पुलिस ने कार्रवाई की। आरोपित ने पूछताछ में बताया कि काउंसलिंग के बाद लिस्ट में नीचे नाम बढ़ा दिया करता था। बड़ी बात यह कि जिम्मेदारों ने भी बिना देखे उस पर हस्ताक्षर कर अपनी सहमति दे दी। उधर, बुधवार को पुलिस ने आरोपित को कोर्ट में पेश किया, जहां से जेल भेजा गया।

आरोपित रवि मोहन श्रीवास्तव बेलीपार थाना क्षेत्र के महावीर छपरा का मूल निवासी है। जानकारी के मुताबिक, एसएसपी के आदेश पर बीटेक में फर्जी प्रवेश पाने वाले छात्र राहुल गुप्ता के पिता श्रीप्रकाश गुप्ता की तहरीर पर एमएमएमयूटी के कुलसचिव कार्यालय में तैनात वरिष्ठ लिपिक रवि मोहन श्रीवास्तव पर धोखाधड़ी और रुपये हड़पने का केस दर्ज किया गया है। लिपिक पर कोटे से प्रवेश दिलाने के नाम पर 2.70 लाख रुपये लेने का आरोप है। कैंट थाने में केस दर्ज होने के बाद से ही पुलिस जांच कर रही है।

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इस मामले में एमएमयूटी ने भी कमेटी का गठन किया था। कमेटी ने 20 जुलाई 2023 को कार्य परिषद के समक्ष रिपोर्ट पेश कर दी थी। कमेटी ने अपनी जांच में तीन शिक्षकों और पांच कर्मचारियों पर कार्य में लापरवाही का आरोप पाया गया था। इसमें कुछ की संलिप्तता भी पाई गई थी। लिपिक उनमें से एक था। लेकिन, अब पुलिस की जांच में लिपिक के खिलाफ साक्ष्य मिले तो उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ के बाद कई और लोग रडार पर आ गए हैं, जिसके खिलाफ पुलिस साक्ष्य जुटा रही है।

यह है मामला

एमएमएमयूटी प्रशासन ने 10 जनवरी 2023 को खुलासा किया था कि 40 छात्र-छात्राओं ने फर्जी कागजात के जरिए प्रवेश ले लिया था। इनमें सत्र 2020-21 के कुल 22 और सत्र 2021-22 के 18 विद्यार्थी शामिल थे। उन सभी छात्रों का प्रवेश निरस्त कर दिया गया था। तीन शिक्षक व पांच कर्मचारी जांच की जद में आए थे। इनमें कुछ की संलिप्तता भी मिली थी। निष्कासित छात्रों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। लेकिन, उन्हें अभी राहत नहीं मिली है। केस डबल बेंच से सिंगल बेंच के पास लौटा दिया गया।

चपरासी से बन गया वरिष्ठ लिपिक

पुलिस के मुताबिक, वर्ष 2009 रवि मोहन की नियुक्ति चपरासी के पद पर हुई थी लेकिन रसूख के दम पर उसका सिक्का चलने लगा। बाद में उसने विभागीय परीक्षा के माध्यम से 2015 में पदोन्नति पा ली और वरिष्ठ लिपिक बन गया। उसकी तैनाती वहीं पर थी, जहां पर सूची फाइनल होती थी। खबर है कि आरोपित कर्मचारी पर केस दर्ज होने के बाद उसका पटल परिवर्तन कर दिया गया था, लेकिन फिर उसने रसूख के दम पर पुराने जगह को हासिल कर लिया था। यानी जिस जगह पर उसने भ्रष्टाचार का ताना बाना बुना था, वहीं पर वर्तमान में उसकी तैनाती थी।

एसपी सिटी अभिनव त्यागी के अनुसार आरोपित वरिष्ठ लिपिक रवि मोहन श्रीवास्तव को साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भिजवा दिया है। इस पूरे प्रकरण की जांच जारी है। जांच व साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।