a family divided like border 3 daughters are indian 1 pakistani family in dilemma after pahalgam attack सरहद की तरह बंटा परिवार, 3 बेटियां हिन्दुस्तानी, 1 पाकिस्तानी; पहलगाम हमले के बाद पशोपेश में परिवार, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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सरहद की तरह बंटा परिवार, 3 बेटियां हिन्दुस्तानी, 1 पाकिस्तानी; पहलगाम हमले के बाद पशोपेश में परिवार

पाकिस्तान में कराची के नार्थ नाजमाबाद ब्लॉक एक की रहने वाली महताब फातिमा वर्ष 2007 में रिश्तेदारी में नवाबगंज आई थी। यहां कुछ दिन रहने के बाद परिजन ने नवाबगंज के खाता गांव के अफसार हुसैन से उनका निकाह करा दिया। 2 देशों के बीच कागजी कार्रवाई के चलते निकाह के बाद वह वापस पाकिस्तान चली गई।

Ajay Singh संवाददाता, बरेलीThu, 1 May 2025 08:26 AM
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सरहद की तरह बंटा परिवार, 3 बेटियां हिन्दुस्तानी, 1 पाकिस्तानी; पहलगाम हमले के बाद पशोपेश में परिवार

पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव से यहां रह रहे पाकिस्तानी नागरिक और उनके परिवार चिंता में हैं। ऐसा ही एक परिवार बरेली के नवाबगंज का भी है, जहां पाकिस्तानी मां की तीन बेटियां हिन्दुस्तानी और एक पाकिस्तानी है। इस मां और उसकी पाकिस्तानी बेटी ने भारत में स्थायीवास के लिए आवेदन कर रखा है लेकिन प्रस्ताव शासन में लंबित है। मगर बदले माहौल के बीच इस परिवार की चिंता बढ़ गई है।

पाकिस्तान में कराची के नार्थ नाजमाबाद ब्लॉक एक की रहने वाली महताब फातिमा वर्ष 2007 में रिश्तेदारी में नवाबगंज आई थी। यहां कुछ दिन रहने के बाद परिजन ने नवाबगंज के खाता गांव के अफसार हुसैन से उनका निकाह करा दिया। दो देशों के बीच कागजी कार्रवाई के चलते निकाह के बाद वह वापस पाकिस्तान चली गयी। वर्ष 2009 में वह पाकिस्तान से रुख्सत होकर फिर यहां आ गई और वर्ष 2010 में दोबारा अपने मायके पाकिस्तान चली गई। इसी दौरान महताब फातिमा ने पाकिस्तान स्थित मायके में एक बेटी को जन्म दिया, जिसका नाम आले जहरा रखा गया।

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महताब का कहना है कि उस समय उन्हें इतनी समझ नहीं थी, लिहाजा बेटी को भारत लाने के लिए उसके पासपोर्ट-वीजा की कार्रवाई पाकिस्तानी एंबेसी के जरिये की। परिणामस्वरूप आले जहरा की नागरिकता पाकिस्तानी हो गई। बेटी को लेकर वह ससुराल आ गयीं। उसके बाद यहां उन्होंने दूसरी बेटी नजफ जहरा और तीसरी बेटी किजा जहरा को जन्म दिया।

पाकिस्तान में हुई सबसे छोटी बेटी पर भारत की नागरिकता

महताब फातिमा ने बताया कि वर्ष 2022 में वह पति और दो बेटियों के साथ अपने मायके पाकिस्तान गईं। वहां रहने के दौरान सात जनवरी 2023 को उन्होंने चौथी बेटी अलीजा जहरा को जन्म दिया। चूंकि वह पहली बेटी के साथ गलती कर चुकी थीं, तो इस बार उसके पासपोर्ट की कार्रवाई भारतीय एंबेसी से की और उसे भारत की नागरिकता मिल गयी। मगर अब एक ही परिवार में एक मां की तीन बेटियां हिन्दुस्तानी और एक बेटी पाकिस्तानी है।

बेटी को नागरिका दे दे भारत सरकार

महताब फातिमा का कहना है कि वह और आले जहरा लांग टर्म वीजा (एलटीवी) पर यहां रह रही हैं। उन दोनों ने ही स्थायीवास के लिए आवेदन कर रखा है। उनका कहना है कि आले जहरा अब 14 साल की है और बड़ी कक्षा में पढ़ाई की ओर जा रही है। ऐसे में तमाम दिक्कतें सामने आती हैं। भारत सरकार से उनकी दरख्वास्त है कि उन्हें दे या न दे लेकिन बेटी आले जहरा को नागरिकता दे दे, ताकि उसका भविष्य सुरक्षित हो सके।

बदले माहौल से मन में बैठा है डर

बकौल महताब फातिमा भारत सरकार ने लांग टर्म वीजा पर रह रहे लोगों पर कोई सख्ती नहीं की है। मगर बदले हुए माहौल के चलते डर लगता है। उन्होंने वर्ष 2023 में स्थायीवास के लिए आवेदन किया और 90 दिन में कार्रवाई पूरी करनी थी। मगर चौथी बेटी का जन्म होने के समय वह पाकिस्तान में थीं और यह प्रक्रिया पूरी नहीं कर सकीं। अब उन्होंने दोबारा कार्रवाई शुरू की है।

अटारी बॉर्डर से पाकिस्तान चली गई इरम

पाकिस्तान से निकाह कर भारत आई इरम हसन तलाक के बाद बुधवार को अटारी बार्डर से प्रवेश कर अपने वतन पहुंच गई। उन्होंने कुछ समय पूर्व वापसी के लिए आवेदन किया था।

पाकिस्तान में लाहौर की निस्तार कॉलोनी निवासी डॉ. मजाहिल की बेटी इरम हसन का निकाह आठ अप्रैल 2008 को बिहारीपुर निवासी मोहम्मद अथर से हुआ था। 16 साल तक सब ठीक चलने के बाद 11 जून 2024 को अथर ने तलाक देकर घर से निकाल दिया। फिर दोनों पक्षों में मुकदमेबाजी शुरू हुई। इसी बीच इरम ने 31 मई 2024 को पाकिस्तान वापसी के लिए आवेदन किया। मुकदमे इसमें बाधा बने तो उन्होंने सभी केस खत्म कराए और सरकार से अनुमति मिलने के बाद मंगलवार को दिल्ली रवाना हो गईं और बुधवार को अटारी बार्डर से पाकिस्तान में प्रवेश कर अपने वतन पहुंच गईं। उन दोनों बच्चे भारतीय नागरिकता होने के चलते ससुराल वालों के पास हैं।