aap logon ko bharamane ke liy premanand maharaj se kya bol gae abhineta aashutosh rana आप लोगों को भरमाने के लिए... प्रेमानंद महाराज से क्या बोल गए अभिनेता आशुतोष राणा, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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आप लोगों को भरमाने के लिए... प्रेमानंद महाराज से क्या बोल गए अभिनेता आशुतोष राणा

प्रेमानंद महाराज का आशीर्वाद लेने बालीवुड अभिनेता आशुतोष राणा गुरुवार को आश्रम पहुंचे। आशुतोष राणा से महाराज ने जब कहा कि रोज डायलिसिस होती है तो आशुतोष ने तपाक से कह दिया कि आप हम लोगों को भरमाने के लिए यह सब कहते हैं। यह आपकी लौकिक लीला है। इस पर महाराज रोज से हंस पड़े।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तानThu, 27 Feb 2025 04:09 PM
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आप लोगों को भरमाने के लिए... प्रेमानंद महाराज से क्या बोल गए अभिनेता आशुतोष राणा

आध्यात्मिक गुरु संत प्रेमानंद महाराज से मिलने और आशीर्वाद लेने गुरुवार को मशहूर अभिनेता आशुतोष राणा उनके आश्रम पहुंचे। इस दौरान जब महाराज ने अपने स्वास्थ्य के बारे में बताया तो आशुतोष राणा ने तपाक से कह दिया कि आप हम लोगों को भरमाने के लिए किडनी खराब होने और डायलिसिस की बातें करते हैं। आप हमें न शरीर, न मन और न ही आत्मा से अस्वस्थ लग रहे हैं। आप ये सब लौकिक लीला कर रहे हैं। आशुतोष राणा ने यह भी कहा कि अब कभी किसी से आपके स्वास्थ के बारे में नहीं पूछूंगा। आज मिल लिया देख लिया। यहां कि आज आपकी दृष्टि पड़ने मात्र से ही मैं सेनेटाइज हो गया। आशुतोष राणा ने महाराज को शिव तांडव भी सुनाया।

आशुतोष राणा ने कहा कि उनकी पत्नी और छोटा बेटा प्रतिदिन उनके प्रवचन सुनते हैं और आपके स्वास्थ्य की कामना करते हैं। इस पर महाराज ने कहा कि यह तो भगवान की लीला है। शरीर अगर अस्वस्थ है और मन स्वस्थ है तो कोई फर्क नहीं पड़ता है। मेरी तो रोज डायलिसिस होती है। इस पर आशुतोष राणा ने कहा कि हमें तो आप कहीं से अस्वस्थ नहीं लगते हैं। न शरीर, न मन और न आत्मा से अस्वस्थ दिखते हैं। आप हम लोगो को भरमाने के लिए लौकिक लीला कर रहे हैं। आशुतोष ने यह भी कहा कि आप अभी 80-85 तक ऐसे ही रहेंगे।

इस पर महाराज ने बीस साल पहले मिले एक आशीर्वाद का खुलासा भी किया। महाराज ने बताया कि 55-56 की उम्र में श्रीजी का पाठ करते समय एक संत आए थे। उन्होंने मुझसे कहा कि तुम्हारे चेहरे पर निराशा क्यों दिख रही है। इस पर मैंने बताया कि मेरी दोनों किडनी खराब है, कभी भी मर सकता हूं। तत्काल ही संत ने कहा कि नहीं अस्सी वर्ष। अब उस घटना को 20 साल हो गए।

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आशुतोष राणा ने कहा कि वह अपने गुरु दद्दा जी महाराज की शरण में 1984 में आ गए थे और 2020 को अंतिम सांस तक उनके साथ रहे। छह अरब के करीब पार्थिव शिवलिंग बनाया और यज्ञ किया है। यह तो गुरु कृपा है जो आपके दर्शन हो गए। अन्यथा हम लोग माया के पंथ में फंसे रहते हैं। इसके जवाब में प्रेमानंद महाराज ने कहा कि अपनी प्रतिष्ठा, अपने धन और भोग वासनाओं को एक साइड में करके भक्ति पथ पर चलना कठिन काम है। लोक प्रतिष्ठा मिलती है। इसके आगे चलने की कोई इच्छा नहीं होती।