बोले आगरा: आने वाला है गणगौर, अब तो कर लो विकास पर गौर
Agra News - आगरा के गोकुलपुरा में चैत्र माह में लगने वाले ऐतिहासिक गणगौर मेले की तैयारियां संतोषजनक नहीं हैं। आयोजन में केवल आठ दिन बचे हैं, लेकिन मेला क्षेत्र की हालत खराब है। सफाई, सड़कों की स्थिति और...
आगरा। राजामंडी के गोकुलपुरा में चैत्र माह में लगने वाले ऐतिहासिक गणगौर मेले की तैयारियों पर इस बार सवाल खड़े हो रहे हैं। मेले में आठ दिन का समय रह गया है। लेकिन मेला क्षेत्र की हालत अभी भी बदतर है। मेले में जो काम होने हैं, आयोजन से आठ दिन पहले याद आई है। प्रशासनिक अधिकारियों की गाड़ियां जिस रफ्तार से मेला क्षेत्र की ओर दौड़ रही हैं, उस रफ्तार से विकास काम नहीं हो रहे हैं। मेला स्थल की स्थिति और लोगों की अपेक्षाओं पर रिपोर्ट... सांस्कृतिक विरासत में गणगौर मेला अहम स्थान रखता है। इस मेले से क्षेत्र विशेष ही नहीं, आसपास के शहरों के लोगों की आस्था भी जुड़ी हुई हैं। इस मेले को लेकर लोगों में बहुत उत्साह रहता है। अधीरता से इसका इंतजार होता है। इस मेले के आयोजन के समय क्षेत्रीय लोग अपने यहां की कुछ रस्मों को पूरा करते हैं। लेकिन तैयारियों की कसौटी पर यह मेला पिछड़ा हुआ नजर आ रहा है। गणगौर मेला कमेटी के पदाधिकारियों का आरोप है कि काम शुरू करने में ही देर कर दी गई है।
अंदर की गलियों में सफाई नहीं हो रही है। कई दिनों से सिल्ट मकानों के बाहर पड़ी है। जबकि मेले के आयोजन की तिथि 31 मार्च और 1 अप्रैल में अधिक समय शेष नहीं। जिस तरह से पूरे मेले क्षेत्र में अव्यवस्थाएं दिखाई दे रही हैं, उससे प्रतीत होता है कि आयोजन तिथि तक इनका निस्तारण हो नहीं पाएगा।
खराब पड़ी सड़कें, जगह-जगह पड़े सीवर पाइप, मंदिरों के आसपास पसरी गंदगी और लटकते बिजली के तार श्रद्धालुओं के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं। मेले के मुख्य मार्गों पर बड़े-बड़े सीवर पाइप बेतरतीब तरीके से पड़े हैं। श्रद्धालुओं की भीड़ के चलते यह पाइप किसी भी समय हादसे की वजह बन सकते हैं। कई स्थानों पर सड़कों में बड़े-बड़े गड्ढे हैं। इससे शिव-पार्वती की शोभायात्रा निकलने में दिक्कत आएगी। गोकुलपुरा, राजामंडी, कंसगेट, बलका बस्ती आदि में मंदिर हैं। इनके आसपास गंदगी है। यहां से होकर गणगौर मेले का अहम आकर्षण शिव-पार्वती के डोले निकलेंगे। मेले के दौरान खंभों पर नीचे की ओर लटकी केबल भी परेशानी का सबब बन सकती है। डोले निकलते समय कई बार केबल को ऊंचा करने की मशक्कत करनी पड़ती है। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि जहां भी केबल लटक रही है, उसे जल्द ऊंचा किया जाए। प्रशासन की सुस्ती भी स्थानीय लोगों को रास नहीं आ रही है। आयोजकों का कहा है कि गणगौर मेला केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सांस्कृतिक धरोहर है। इसे देखने के लिए आगरा के अलावा दूसरे शहरों से भी लोग आते हैं। हर बार की तरह इस बार भी प्रशासन काफी देर से जागा है। कम समय में इतना काम कराने का मतलब कहीं न कहीं गुणवत्ता से समझौता होना है।
गणगौर मेले की विशेषताएं
गणगौर शोभा यात्रा में महिलाएं सज-धजकर पारंपरिक वेशभूषा में डोलों के साथ निकलती हैं।
सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं।
अविवाहित युवतियां अच्छे वर की कामना के लिए व्रत रखती हैं।
मेले में बच्चों और युवाओं के लिए झूले, खेल-तमाशे, सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं।
इलाके में कई जगह केबल लटक रही हैं। इन्हें तत्काल प्रभाव से ऊंचा किया जाए। पूर्व में भी बिजली के तारों के कारण कुछ झांकियों को निकलने में दिक्कत हुई थी। अभी तक काम शुरू नहीं हो सका है। बाद में जल्दबाजी में लीपापोती होती है।
अमन वर्मा
विकास कार्य कहीं दिखाई नहीं दे रहे हैं। क्षेत्र में सीवर का पानी सड़क पर बह रहा है। कुछ जगह सड़क पूरी तरह से उखड़ चुकी है। जहां गणगौर विराजमान होने हैं। उस स्थान के बाहर सड़क का हाल बेहाल है। सड़क को अस्थायी रूप से ठीक कर दिया जाएगा।
भरत वर्मा
इलाके की नालियां चोक हैं। पॉलीथिन, कचरे से नालियां भरी पड़ी हैं। गंदे पानी की निकासी की उचित व्यवस्था नहीं है। मेले की तैयारी में कमेटियां लग चुकी हैं। प्रशासनिक स्तर पर काम शुरू होने का इंतजार है। मेरा मानना है कि जल्द काम शुरु हो।
मनीष वर्मा
मेला क्षेत्र में कोई काम शुरू नहीं हुआ है। सीवर लाइन डालने के लिए बड़े-बड़े पाइप मेला मार्ग में पड़े हैं। मेले में आने वाले लोगों को सड़क पर खुले में पड़े पाइपों से काफी दिक्कत होगी। इस कारण रास्ता जाम होने की स्थिति भी बन सकती है।
पूनम शर्मा
मेले में बड़ी संख्या में बुजुर्ग लोग भी आते हैं। भीड़ बढ़ जाने पर बुजुर्गों को रास्ता तय करने में काफी परेशानी होती है। मेला क्षेत्र में कुछ स्थानों पर बैठने की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए। बुजुर्गों के सहयोग के लिए अलग से वॉलंटियर्स की टीम होनी चाहिए।
अनीता पाठक
मेले में कुछ दिन बचे हैं। पूरा इलाका गंदा पड़ा है। जगह-जगह कूड़ा बिखरा है। नगर निगम को अभी से सफाई अभियान चलाना चाहिए। नालियां चोक पड़ी हैं। पानी निकासी की समस्या है। इस कारण कई जगह गंदगी का साम्राज्य है।
रिंकू वर्मा
गणगौर मेले में सटीक दिशा-निर्देशों की कमी से लोग काफी परेशान होते हैं। सही रास्ता पता नहीं चल पाता है। इससे किसी एक विशेष स्थान पर भीड़ बढ़ जाती है। दिशा निर्देशों के लिए कुछ स्थानों पर सूचना पटिट्का लगनी चाहिए। इससे लोगों को राहत मिलेगी।
सुनील वर्मा
मेले में आने वाले लोगों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होनी चाहिए। पब्लिक ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था सही होनी चाहिए। पचकुंइया से आने वाले लोगों के लिए नगर निगम की ओर से अस्थायी पार्किंग स्थल जीआईसी मैदान में बनाया जा सकता है।
प्रदीप गुप्ता
गणगौर मेले की अपनी अद्भुत और अलौकिक पहचान है। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर इंतजामात कड़े होने चाहिए। मेले में भीड़ काफी रहती है। मनचलों पर कमेटी के वॉलंटियर्स नजर भी रखते हैं। मेले में पुलिस की संख्या बढ़ाए जाने की जरूरत है।
पं. महेश चंद्र शर्मा
मेले वाले दोनों दिनों में काफी गर्मी होगी। हजारों लोग गणगौर की पूजा करने आते हैं। मेले में आए लोगों को उस समय काफी परेशानी होती है जब शौचालय दिखाई नही देता है। खासतौर से महिलाओं को काफी परेशानी होती है। इसलिए मोबाइल टॉयलेट की व्यवस्था काफी अच्छी होनी चाहिए।
दिनेश कुमार गौड़
हम हर साल गणगौर मेले में आते हैं। यह हमारी परंपरा का हिस्सा है। महिलाएं गणगौर माता की पूजा करती हैं। पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखा जाता है। सफाई व्यवस्था को लेकर हमेशा चिंता रहती है। मेले के दौरान भी कई स्थानों पर गंदगी रहती है। लिहाजा मेला क्षेत्र की सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए।
ललित शर्मा
मेले की भव्यता देखने लायक होती है। सुंदर परिधानों में सजकर महिलाएं गणगौर की पूजा करने आती हैं। खानपान से लेकर खरीददारी के सामान काफी अच्छे मिलते हैं। सफाई व्यवस्था की कमी दिखाई देती है। नगर निगम को सफाईकर्मचारियों की टीम बढ़ानी चाहिए।
काव्यांश गोयल
मेले की भव्यता देखने लायक होती है। सुंदर परिधानों में सजकर महिलाएं गणगौर की पूजा करने आती हैं। खानपान से लेकर खरीददारी के सामान काफी अच्छे मिलते हैं। सफाई व्यवस्था की कमी दिखाई देती है। नगर निगम को सफाईकर्मचारियों की टीम बढ़ानी चाहिए।
काव्यांश गोयल
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