बोले आगरा: व्यवस्थाएं दुरुस्त हों तो जारुआ कटरा का बाजार होगा गुलजार
Agra News - अकोला ब्लाक का प्राचीन जारुआ कटरा बाजार समस्याओं से जूझ रहा है। दुकानदारों का पलायन हो रहा है और ग्राहक अन्य बाजारों की ओर बढ़ रहे हैं। यहां शौचालय, पानी, बिजली और पार्किंग की कमी है। बाजार की...

अकोला ब्लाक का प्राचीन जारुआ कटरा बाजार अपने अस्तित्व की जंग लड़ रहा है। यहां समस्याओं का अंबार लगा है। जबकि इसके चलते दुकानदार यहां से पलायन कर आगरा शहर की ओर जा रहे हैं। गुरुवार को आपके अखबार हिन्दुस्तान के बोले आगरा संवाद में यहां के दुकानदारों ने बताया कि इस बाजार से 50 से अधिक गांव जुड़े हैं। लेकिन बाजार में अव्यवस्थाएं हावी हैं। इसके चलते ग्राहक अन्य बाजारों की ओर आकर्षित हो रहे हैं। जारूआ कटरा का बाजार अब बढ़ने के बजाय बिखरने लगा है। भले ही बाजार में डेढ़ सौ से अधिक दुकान हैं लेकिन यहां सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं है। दुकानदार राम भरोसे ही दुकानदारी कर रहे हैं। बाजार में शौचालय या मूत्रालय की कोई भी व्यवस्था नहीं होने से दुकानदार परेशान रहते हैं। इधर गर्मी के तेवर तीखे हो चुके हैं। लेकिन
पीने के पानी के लिए किसी प्रकार की प्याऊ की व्यवस्था नहीं है। समस्या पेयजल तक सीमित नहीं है। यहां बिजली संकट भी है। दुकानदारों का कहना है कि बाजार में समय से बिजली नहीं मिलती है। शाम होते ही अंधेरा छा जाता है। स्ट्रीट लाइटें भी जलती नहीं हैं। इस वजह से उनको को अपनी दुकान जल्दी बंद करनी पड़ती है। इसका उनकी दुकानदारी पर सीधा असर पड़ता है।
संवाद में यह भी बात सामने आई कि बाजार में गलियां इतनी संकरी हैं कि अगर कोई चौपाया वाहन फंस जाए तो जाम लग जाता है। दुकानदार या खरीदारी करने आए ग्राहक को बाइक को खड़ी करने के लिए भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है क्योंकि यहां पार्किंग की भी कोई व्यवस्था नहीं है।
संवाद के दौरान पिछले 50 वर्ष से दुकान चला रहे नंदन टेलर ने बताया कि उन्होंने यहां कभी गुलजार बाजार देखा था। तब ग्राहकों की भीड़ होती थी। यहां चार पहिए की गाड़ी भी आसानी के साथ खड़ी हो जाती थी। परंतु आज बाजार अपना अस्तित्व होता जा रहा है। स्थानीय निवासी लक्ष्मी नारायण दुबे ने बताया है कि बाजार में शौचालय की व्यवस्था न होने से राहगीर और दुकानदार दोनों ही परेशान रहते हैं। दुकानदार जितेंद्र पंडित ने बताया है कि बड़ी संख्या में दुकानदार अव्यवस्थाओं के चलते आगरा की ओर रुख कर गए हैं।
सुझाव
1. बाजार में सुरक्षा के इंतजाम हो। सीसीटीवी कैमरे लगें। रात में प्रकाश के लिए स्ट्रीट लाइटें लगायी जाएं। इससे सुरक्षा होगी।
2. बंदरों, कुत्तों और गोवंशों को पकड़ा जाए। इसके लिए ग्राम पंचायत और ब्लाक प्रशासन द्वारा अभियान चलाया जाए।
3. बाजार में शौचालय और मूत्रालय की व्यवस्था हो ताकि दुकानदार और ग्राहक परेशान न हों। समय की बचत हो।
4. बाजार में पार्किंग की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि चौपाया वाहन आने पर जाम न लग सके। दुकानदारी भी प्रभावित न हो।
5. बाजार में पुलिस की गश्त बढ़ाई जाए। इससे व्यापारियों में सुरक्षा की भावना बढ़ेगी। उनका ध्यान कारोबार पर रहेगा।
शिकायत
1. बाजार में सुरक्षा के इंतजाम नहीं हैं। सीसीटीवी कैमरे नहीं लगें हैं। यहां तक कि स्ट्रीट लाइटें भी नहीं लगायी गयीं हैं।
2. बंदरों, कुत्तों और गोवंशों को बाजार में आतंक है। इनसे दुकानदारों को परेशानी होती है। सामान खराब कर जाते हैं।
3. बाजार में शौचालय की व्यवस्था नहीं है। दुकानदारों को काफी दूर जाना पड़ता है। दुकानदारी प्रभावित होती है।
4. जारुआ कटरा में पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। चौपाया वाहन आने पर जाम लग जाता है। घंटों वाहन जाम में फंसे रहते हैं।
5. बाजार में पुलिस की गश्त काफी कम है। इस कारण व्यापारी असुरक्षा महसूस करते हैं। हमेशा भय लगा रहता है।
व्यापारियों की बात
बाजार में सुलभ शौचालय होना बहुत आवश्यक हैं। सुलभ शौचालय न होने से दुकानदार और राहगीर एवं ग्राहक काफी परेशान रहते हैं। साथ ही बाजार में पीने के पानी की भी व्यवस्था हो।
-लक्ष्मी नारायण दुबे
बाजार में भीषण गर्मी में पानी की किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं है। जबकि बाजार में पानी की व्यवस्था के लिए प्याऊ होना जरूरी है। पहले यहां पहले प्याऊ हुआ करती थी। परंतु अब वह अपना अस्तित्व खो चुकी है।
-राहुल दुबे
बाजार के अंदर पार्किंग की व्यवस्था न होने से दुकानदार और राहगीर परेशान रहते हैं। इससे दुकानदारी के समय पर अक्सर जाम लग जाता है। ग्राहकों को भी परेशानी झेलनी पड़ती है।
-रामप्रकाश
बाजार में लाइट की व्यवस्था नहीं है। खंभों पर लाइट होनी चाहिए। बिजली समय से पूरी नहीं मिलती है जिससे दुकानदारों को अपनी दुकान जल्दी बंद करनी पड़ती है।
-नंदन टेलर
बाजार में दुकानदारों को अपेक्षित सुविधा न मिलने से वह शहर की ओर जाने लगे हैं। आज भी दुकानदार मूलभूत सुविधाओं के लिए परेशान हैं। प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए।
-रामप्रकाश दुबे
बाजार में साफ सफाई की व्यवस्था भी उचित नहीं रहती है। सफाई कर्मचारी और डस्टबिन दिखाई नहीं देते। जबकि बाजार में डस्टबिन होने चाहिए। सफाई कर्मी नियमित सफाई करें तो रहे स्वच्छता।
-जितेंद्र कुमार
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