अपनों को मनाने में मेरी ज़िन्दगी गई...
Meerut News - गुरुवार को सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कवि सम्मेलन में कवियों ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को...

गुरुवार को सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में हो रहे राष्ट्रीय सेमिनार में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। सेमिनार में हुए कवि सम्मेलन में आए कवियों ने कविता पाठ से श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया। सेमिनार में वैज्ञानिक छात्राओं ने काफी सराहना की। कवियित्री तुषा शर्मा ने पढ़ा कि वक्त के साथ जो मुश्किल कोई टल जायेगी, इसका मतलब नहीं तकदीर बदल जाएगी, सोच कर आप अगर देंगे मुहब्बत का जवाब, इतने अरसे में तो दुनिया ही बदल जायेगी सुनाकर श्रोताओं की तालियां बटोरी। गीतकार सुल्तान सिंह सुल्तान ने पढ़ा कि अपनों को मनाने में मेरी ज़िन्दगी गई। इस घर को सजाने में मेरी ज़िन्दगी गई। तुमने तो कह दिया कि इक मकान ही तो है। इस घर को बनाने में मेरी ज़िन्दगी गई। इस घर को सजाने में मेरी जिंदगी गई, तुमने तो कह दिया कि इक मकान ही तो है, इस घर को बनाने में मेरी जिंदगी गई सुनाकर वाह-वाही लूटी। कवि सुमनेश सुमन ने पढ़ा कि स्वाभिमान भारत का रथ यह कहीं नहीं रुकने देंगे और किसी दुश्मन के आगे देश नहीं झुकने देंगे सुनाकर देशभक्ति का जोश से भर दिया। कवि सत्यपाल सत्यम ने सत्ता की रिपोर्ट मेरी कविता में दर्ज है, तुमने निभाया वह मजाक है या फर्ज है, मेरे तक होता तो मैं सोचता क्या हर्ज है, पेट में जो बालक है, उसपे भी कर्ज है सुनाकर हास्य बिखेरा।
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