पशु प्रेमियों की देखरेख में संचालित होंगे गो आश्रम केन्द्र
Gorakhpur News - सचित्र - गो सेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता ने एनेक्सी भवन में

गोरखपुर, वरिष्ठ संवाददाता। गो सेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता ने कहा कि नगर निगम, जिला पंचायत, नगर पंचायत से लेकर ग्राम पंचायतों में संचालित होने वाले गो आश्रय केंद्रों के संचालन की जिम्मेदारी पशु प्रेमियों को सौंपी जाएगी। सरकार इसके लिए प्रति पशु 30 रुपये खुराकी दे रही है। गो सेवा को रोजगार से जोड़कर ही प्रदेश में वन ट्रिलियन इकोनामी का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। गुरुवार को एनेक्सी भवन में सभी उपाध्यक्षों के साथ पत्रकारों से मुखातिब गो सेवा आयोग के अध्यक्ष ने गो संरक्षण को लेकर सरकार के प्रयासों की जानकारी दी। कहा, किसान के पास एक देसी गाय अवश्य होनी चाहिए। जिससे बीमारी दूर होगी और जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा। गाय का दूध ही नहीं मूत्र और गोबर को भी लाभकारी बनाया जा रहा है। श्री गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नेतृत्व वाली सरकार में प्रदेश में 7000 से अधिक गो शाला में 18 लाख से अधिक निराश्रित गायों का संरक्षण हो रहा है। देखने में मिला है कि नगर पंचायतों से लेकर ग्राम पंचायतों में गो वंश का उचित देखरेख नहीं हो रहा है। ऐसे में गो सेवा आयोग पूरे प्रदेश में भ्रमण कर रहा है। जिससे इसकी संरक्षण की जिम्मेदारी पशु प्रेमी संस्थाओं को दी जा सके। उन्होंने कहा कि किसानों को प्रति गाय देखरेख के लिए 1500 से 6000 रुपये तक का अनुदान दिया जा रहा है। झांसी में चारागाह संस्थान में चारा के साथ किसानों को ट्रेनिंग दी जा रही है।
गो आधारित प्राकृतिक खेती के लिए 20 लाख किसानों का चयन
गो सेवा आयोग के अध्यक्ष ने बताया कि गो आधारित प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए 20 लाख किसानों के चयन की प्रक्रिया जारी है। मनरेगा से पक्का कैटल शेड बनाया जा रहा है। अब गोबर गैस संयंत्र 18000 रुपये में तैयार होगा। एक परिवार का ईंधन तैयार होगा। बूढ़ी गाय और बैल 100 रुपए मूल्य का मूत्र और गोबर देते हैं। गो आधारित प्राकृतिक खेती प्रदेश के आर्थिक समृद्धि का आधार बनेगी। गो आधारित अर्थव्यवस्था में किसानों की आय डबल नहीं पांच गुना तक होगी। उन्होंने कहा कि सरकार रासायनिक खाद पर 2 लाख 85 हजार करोड़ की सब्सिडी दे रही है। जैविक खाद से इसकी बचत तो होगी ही कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से निजात भी मिलेगी। पत्रकार वार्ता के दौरान आयोग के उपाध्यक्ष अतुल सिंह, महेश शुक्ल, राजेश सिंह सेंगर, रमाकांत उपाध्याय, दीपक गोयल भी मौजूद थे।
7713 गोशालाओं को प्रशिक्षण एवं उत्पादन केंद्र में बदला जाएगा
गोरखपुर, वरिष्ठ संवाददाता
यूपी गो सेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता की अध्यक्षता में गुरुवार को मंडल स्तरीय अनुश्रवण मूल्यांकन एवं समीक्षा समिति की बैठक में योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर चर्चा हुई। अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश की 7713 गोशालाओं को प्रशिक्षण एवं उत्पादन केंद्र में बदला जाएगा। अध्यक्ष ने कहा कि प्राकृतिक कृषि एवं पंचगव्य उत्पादों के लिए मंडलीय प्रशिक्षण कार्यक्रम हो रहे हैं। चारागाह भूमि से अवैध कब्जे हटाने को कार्रवाई तेज की जाएगी। सीमावर्ती क्षेत्रों में गो-तस्करी रोकने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की तैनाती की जा रही है। समन्वित प्रयासों से गोशालाओं को आत्मनिर्भर बनाना है। आयोग गोमूत्र-गोबर प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना, बायोगैस प्लांट का विस्तार, किसानों को गोपालन के लिए प्रेरित करने को लेकर पूरे प्रदेश में भ्रमण कर रहा है। बैठक में तय किया गया कि मॉडल किसानों की स्थलीय यात्रा कर उनके नवाचारों को अपनाया जाएगा। साथ ही पंचगव्य उत्पाद एवं जैविक कृषि से संबंधित कार्यों में स्थानीय युवाओं एवं महिला स्वयं सहायता समूहों की सहभागिता भी सुनिश्चित की जाएगी।
आयोग के उपाध्यक्ष महेश शुक्ला ने कहा कि अब समय आ गया है कि आयोग की उपस्थिति सिर्फ कागज़ पर नहीं, ज़मीन पर दिखे। जनता को शासन की नीयत और नीति दोनों पर भरोसा दिलाना हमारा संकल्प है। बैठक में अपर आयुक्त हरिओम शर्मा, जिला विकास अधिकारी राजमणि शर्मा, डीसी मनरेगा रघुनाथ सिंह, अपर निदेशक डॉ.अरविंद कुमार, सीवीओ डॉ.धर्मेन्द्र पांडेय, महराजगंज सीवीओ डॉ.हौसला प्रसाद, देवरिया सीवीओ डॉ.राजीव सक्सेना, डॉ.संजय श्रीवास्तव, डॉ. सरोज चौधरी, डॉ. अतुल कुमार, डॉ. वीपी सिंह आदि उपस्थित रहे।
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