कोर्ट से : अपहरण के बाद बदायूं की युवती की गला रेतकर हत्या करने में उम्रकैद
Amroha News - अमरोहा, संवाददाता। बदायूं से अपहरण करने के बाद अमरोहा शहर में किराए के मकान में युवती की गला रेतकर हत्या करने से जुड़ी छह साल पुरानी वारदात में अदालत

बदायूं से अपहरण करने के बाद अमरोहा शहर में किराए के मकान में युवती की गला रेतकर हत्या करने से जुड़ी छह साल पुरानी वारदात में अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई। दोषी पर दो हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। दोषी जमानत पर था, अदालत से सजा सुनाए जाने के बाद उसे न्यायिक अभिरक्षा में लेते हुए जेल भेज दिया गया। पुलिस ने हत्याकांड का चौकाने वाला खुलासा किया था। पूछताछ में सामने आया था कि दोषी युवतियों को झांसे में लेने के बाद कुछ समय उन्हें अपने साथ रखता था और बाद में शादी कराने की आड़ में उन्हें दूसरे लोगों को बेच देता था।
नौ मई 2019 की वारदात शहर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला शास्त्री नगर की थी। संभल जिले के चंदौसी थाना क्षेत्र के गांव सिंभौली निवासी मोहनलाल उर्फ राम प्रसाद उर्फ ओमप्रकाश मोहल्ले में रहने वाले छत्रपाल सिंह के मकान में किराए पर रहता था। उसके साथ में बदायूं जिले के गांव रफातपुरा निवासी सीमा नाम की एक युवती भी रहती थी, लोगों के पूछने पर ओमप्रकाश उसे अपनी बेटी बताता था। कुछ दिन बाद उसने सीमा की शादी शहर के मोहल्ला डाक बंगला निवासी चंद्रसैन नाम के एक युवक के साथ तय कर दी थी। गजरौला में गोदभराई की रस्म हुई थी। वहीं, सीमा इस शादी से नाखुश थी और किसी दूसरे युवक के साथ शादी करने की जिद करती थी। विवाद बढ़ने पर ओमप्रकाश ने किराए के मकान में धारदार हथियार से गला रेतकर सीमा को मौत के घाट उतार दिया था। हत्याकांड अंजाम देने के बाद ओमप्रकाश शहर छोड़कर भाग गया था। पुलिस ने मामले में मुकदमा दर्ज करने के बाद आरोपी ओम प्रकाश को गिरफ्तार कर चालान कर दिया था लेकिन इसके पहले पूछताछ में उसने हैरान कर देने वाला खुलासा किया था। पता चला था कि सीमा ओमप्रकाश की बेटी नहीं थी बल्कि वह बदायूं से उसका अपहरण करने के बाद शहर लेकर आया था। दोषी ओमप्रकाश आर्थिक रूप से कमजोर युवतियों को शादी कराने का झांसा देकर अपने झांसे में फंसा लेता था और बाद में उन्हें बेच देता था। फिलहाल, मोहनलाल उर्फ राम प्रसाद उर्फ ओम प्रकाश इस मुकदमे में जमानत पर था। मुकदमे की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विशेष एससी-एसटी एक्ट संजय चौधरी की अदालत में चल रही थी। अभियोजन की ओर से एडीजीसी मनोज सक्सेना की पैरवी मजबूत रही। मंगलवार को अदालत में मुकदमे की आखिरी सुनवाई हुई। पत्रावली के अवलोकन व साक्ष्य के आधार पर ओम प्रकाश को दोषी माना गया। अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई व दो हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
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