बोले अयोध्या:डॉक्टर नहीं तो कहीं पर जांच की सुविधा नहीं
Ayodhya News - अयोध्या में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति बेहद खराब है। अस्पतालों में सफाई और बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हैदरगंज में 10-12 हजार की आबादी के...

अयोध्या। खुद बीमार है प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, कैसे करें मरीजों का इलाज कहने को तो जनपद में 30 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ग्रामीणों के इलाज के लिए अपनी सेवा दे रहे हैं फिर भी जनपद स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, जिला अस्पताल व मेडिकल कॉलेज दर्शन नगर में बुखार,खांसी,गैस जैसी सामान्य बीमारियों से ग्रस्त मरीजों की भारी भीड़ ओपीडी में ही दिखाई पड़ जाती है। सीएचसी व जिला अस्पताल में ओपीडी काउंटर पर लगने वाली भारी भीड़ यह बताती है कि ग्रामीण क्षेत्र में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सफेद हाथी बनकर रह गए हैं। ग्रामीण क्षेत्र में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शाहगंज मे आज भी साफ-सफाई,पानी,शौचालय जैसी मूलभूत सुविधा न होने के कारण मरीजों व तीमारदारों को कई समस्याओं से दो-चार होना पड़ रहा है। कई वर्षों से स्वीपर व सफाई कर्मी की नियुक्ति न होने से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शाहगंज में गंदगी का अंबार लगा रहता है। वैसे तो स्वास्थ्य विभाग लोगों को साफ सफाई रखने पर विशेष ध्यान देने पर जोर देता है समय-समय पर कार्यक्रम भी संचालित करता है लेकिन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शाहगंज,स्वास्थ्य विभाग के ऐसे कार्यक्रमों को आज भी मुंह चिढ़ा रहा है। साफ सफाई न होने की वजह से मरीज व प्रसूता महिलाओं के लिए रखे गए बेड धूल फांक रहे हैं।
काफी दिनों से साफ सफाई न होने की वजह से बेडरूम धूल व मकड़ी के जालों से भर गया है। पीएचसी पर तैनात स्वास्थ्यकर्मियों का कहना है कि स्वीपर व सफाई कर्मी न होने की वजह से हम लोगों को ही वार्ड व परिसर साफ करना पड़ता है। पीएचसी पर इलाज कराने आए मरीजों का कहना है कि इन्वर्टर की व्यवस्था न होने की वजह से स्वास्थ्य केंद्र पर लगे स्वास्थ्य एटीएम में जांच बिजली के ही भरोसे रहती है। बिजली के घंटों तक न आने से हम लोगों को बिजली आने तक जांच कराने के लिए इंतजार करना पड़ता है। कमोबेश यही स्थिति जनपद में स्थित अन्य प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के भी हैं।
एक ही मशीन से स्वास्थ्य संबंधी कई जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा सीएचसी व पीएचसी पर वाईफाई से संचालित होने वाले हेल्थ एटीएम मशीन लगाए जाने का निर्णय लिया था। लेकिन आज भी सभी पीएचसी पर हेल्थ एटीएम नहीं लगाए जा सके हैं। जिन केंद्रों पर हेल्थ एटीएम लगाए भी गए हैं वहां वाईफाई सुविधा न होने के कारण मरीजों की जांच बाधित होती है। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में हेल्थ एटीएम के लिए बिजली की समस्या बनी रहती है। बिजली न रहने पर हेल्थ एटीएम मशाीन से मरीजों की जांच नहीं हो पाती है।
पुराने अस्पताल का भवन दुर्घटना को दे रहा दावत
अस्पताल परिसर में स्थित पुराने अस्पताल का भवन दुर्घटना को दावत दे रहा है। जर्जर हालत में स्थित भवन के अंदर आसपास के लोग अपना थैला सहित सामान रखकर स्टोर रूम के रूप मे उपयोग कर रहे हैं। परिसर की बाउंड्री की दीवार भी पुरानी होने के चलते जर्जर होकर टूटकर बिखर रही है। परिसर की कोने में बना कूड़ा घर अस्पताल के साथ-साथ आसपास के लोगों के लिए भी कूड़ा फेंकने की जगह बना हुआ है जिससे गंभीर बीमारी का खतरा भी बना हुआ है। सफाईकर्मी की तैनाती न होने से प्राइवेट लोगों से समय समय पर साफ सफाई कर जिम्मेदारों द्वारा इति श्री कर ली जाती है।
पुराने अस्पताल का भवन दुर्घटना को दे रहा दावत
अस्पताल परिसर में स्थित पुराने अस्पताल का भवन दुर्घटना को दावत दे रहा है। जर्जर हालत में स्थित भवन के अंदर आसपास के लोग अपना थैला सहित सामान रखकर स्टोर रूम के रूप मे उपयोग कर रहे हैं। परिसर की बाउंड्री की दीवार भी पुरानी होने के चलते जर्जर होकर टूटकर बिखर रही है। परिसर की कोने में बना कूड़ा घर अस्पताल के साथ-साथ आसपास के लोगों के लिए भी कूड़ा फेंकने की जगह बना हुआ है जिससे गंभीर बीमारी का खतरा भी बना हुआ है। सफाईकर्मी की तैनाती न होने से प्राइवेट लोगों से समय समय पर साफ सफाई कर जिम्मेदारों द्वारा इति श्री कर ली जाती है।
12 हजार की आबादी जांच के लिए भटकने को है मजबूर
स्टाफ और जांच की कमी के बावजूद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैदरगंज में लगभग 10 से 12 हजार की आबादी की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की देखरेख कर रहा है। केन्द्र पर दवा तो उपलब्ध है परंतु जांच व्यवस्था उपलब्ध न होने के चलते क्षेत्र के मरीजों को निजी पैथोलॉजी या दो किलोमीटर दूर सीएचसी पर जाना पड़ रहा है। हैदरगंज कस्बे के बीच में स्थित होने के बावजूद यहां किसी भी प्रकार की जांच व्यवस्था उपलब्ध नहीं है न ही सभी बीमारियों का इलाज हो पा रहा है। स्वास्थ्य केंद्र पर ओपीडी की सुविधा है। परंतु इमरजेंसी में मरीजों के इलाज किए जाने की कोई व्यवस्था यहां पर नहीं है। यहां पर तैनात चिकित्सक डॉ अखिलेश तिवारी,फार्मासिस्ट एजाज अहमद और वार्ड ब्वॉय फूलचंद पांडेय के भरोसे पूरी आबादी की स्वास्थ्य सेवाएं चल रही है। दो किलोमीटर दूर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पारा राम भी है। इन सबके बावजूद प्रतिदिन 45 से 55 ग्रामीण मरीजों का इलाज यहां पर हो रहा है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर ओपीडी व लैब टेस्ट की सुविधा उपलब्ध है। परिवार कल्याण व मातृ स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं भी यहां उपलब्ध हैं। विभिन्न मरीजों का इलाज करने के लिए पर्याप्त मात्रा में दवाएं यहां मौजूद रहती हैं। लेकिन मेडिकोलीगल की सुविधा पीएचसी की जगह सीएचसी पर रहती है।
- डॉ. सुशील कुमार, सीएमओ, अयोध्या
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