अयोध्या -राम दरबार समेत 18 मंदिरों के मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा जून माह में होगी
Ayodhya News - निर्माण अपडेट अक्षय तृतीया को राम मंदिर के प्रथम तल के गर्भगृह में

निर्माण अपडेट अक्षय तृतीया को राम मंदिर के प्रथम तल के गर्भगृह में राम दरबार की मूर्ति यथास्थान रखवा दी जाएगी
श्रीराम जन्मभूमि परिसर में 15 अप्रैल से मूर्तियों को लाने का शुरू हो जाएगा, जयपुर में सभी मूर्तियों का निर्माण हो चुका है, वस्त्र -आभूषण हो रहे तैयार
शेषावतार मंदिर में निर्माण कार्य अधूरा होने के कारण भगवान की मूर्ति की प्रतिष्ठा का अनुष्ठान सबसे बाद में अलग से होगा
अयोध्या। संवाददाता
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने श्रीराम जन्मभूमि परिसर में निर्माणाधीन 18 मंदिरों में से शेषावतार को छोड़कर बाकी सभी मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा का अनुष्ठान एक साथ कराने का फैसला किया है। इसके लिए जून 2025 में अच्छे व शुभ मुहूर्त पर मंथन किया जा रहा है। इस मुहूर्त के निर्धारण के बाद तीन दिवसीय प्राण-प्रतिष्ठा अनुष्ठान का आयोजन किया जाएगा। इस अनुष्ठान में मूर्तियों के अलग-अलग अधिवास (अन्नाधिवास, जलाधिवास व जलाधिवास आदि ) के कार्यक्रम होंगे। इस अनुष्ठान में सभी तीर्थ क्षेत्र के सभी ट्रस्टीज हिस्सा लेंगे। शेषावतार मंदिर में मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा सबसे बाद में करायी जाएगी। उसका कारण है कि इस मंदिर का निर्माण विलंब से शुरू होने के चलते काफी काम अवशेष हैं।
अक्षय तृतीया के शुभ मुहूर्त में राम दरबार की मूर्ति यथास्थान रखवा दी जाएगी:
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपतराय का कहना है कि अक्षय तृतीया का मुहूर्त बहुत शुभ माना जाता है। इस तिथि पर राम मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार के विग्रह को गर्भगृह में पहुंचा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि श्रीराम जन्मभूमि परिसर में 18 मंदिरों की मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा की जानी है इसलिए सभी की प्राण-प्रतिष्ठा एक साथ जून माह में निश्चित मुहूर्त में की जाएगी लेकिन इसके पहले 15 अप्रैल के बाद से जयपुर से अयोध्या मूर्तियों को लाने का काम शुरू हो जाएगा। मूर्तियां संगमरमर से निर्मित हैं और बड़ी होने के कारण भारी भी हैं। इसलिए मशीनी कार्य की विशेष जरूरत होगी। इस कारण यह जिम्मेदारी मंदिर निर्माण एजेंसी एल एण्डटी ही निभाएगी। जैसे -जैसे मूर्तियां आती जाएंगी वैसे - वैसे उनको उनके निर्धारित मंदिर में रखवा दिया जाएगा। सभी मूर्तियों के वस्त्र एवं आभूषण तैयार कराए जा रहे हैं। गोस्वामी तुलसीदास की मूर्ति यथास्थान रखी जा चुकी है। पहले इनका अनावरण रामनवमी की तिथि पर होना था लेकिन मेला की व्यस्तताओं के कारण स्थगित कर दिया गया।
उत्तर -दक्षिण में परकोटे की भुजाओं का निर्माण भी माह में शुरू होने की संभावना:
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपतराय ने बताया कि राम मंदिर में लगे सभी टावर क्रेन अप्रैल माह के अंत तक हटाने की योजना है। उन्होंने कहा कि टावर क्रेन हटाने का मतलब स्पष्ट है कि राम मंदिर में निर्माणाधीन कार्य पूरा हो गया। इन टावर क्रेन के कारण परकोटे की उत्तरी व दक्षिणी भुजाओं का निर्माण कार्य रोका गया है क्योंकि इसी रास्ते से इनका आवागमन होता है। टावर क्रेन हटाने जाने के बाद परकोटे की दोनों भुजाओं का निर्माण शुरू हो सकेगा।
राम नवमी पर सूर्य तिलक के सफल प्रसारण के लिए दी गयी बधाई:
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपतराय ने राम नवमी के अवसर पर सूर्य तिलक के सफल मैकेनिज्म एवं दूरदर्शन व आकाशवाणी से सजीव प्रसारण के लिए सभी वैज्ञानिकों एवं प्रसार भारती के तकनीकी विशेषज्ञों को बधाई दी। उन्होंने बताया कि सूर्य तिलक की योजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सुझाव पर बनाई गयी । विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अधिकारियों से इस विषय में बात की थी। इंडियन इंस्टीट्यूट आफ एस्ट्रो फिजिक्स, बंगलुरु के वैज्ञानिकों ने इस योजना का सैद्धांतिक निरुपम किया। भवन-निर्माण अनुसंधान संस्थान, रुड़की (सीबीआर आई) ने इस सैद्धांतिक विषय का प्रयोगशाला में कृत्रिम रूप से परीक्षण किया। पुनः भारत सरकार की तकनीकी संस्थान आप्टिका ने उपकरणों के सहारे योजना को परिणति तक पहुंचाया। इसके बाद प्रसार भारती के सहयोग से दूरदर्शन व आकाशवाणी के जरिए इसका सजीव प्रसारण किया गया जिसे करोड़ों लोगों ने देखा-सुना।
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