Severe Storm Causes Power Outages and Damage in Balrampur District तेज आंधी से पेड़ धराशायी , बिजली पोल गिरने बिजली आपूर्ति बाधित, Balrampur Hindi News - Hindustan
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तेज आंधी से पेड़ धराशायी , बिजली पोल गिरने बिजली आपूर्ति बाधित

Balrampur News - बलरामपुर जिले में बुधवार रात तेज आंधी आई, जिससे कई पेड़ गिर गए और लगभग 150 गांवों में बिजली गुल हो गई। 50 गांवों में 14 घंटे बाद भी बिजली बहाल नहीं हो पाई। आंधी ने आम और सब्जी की फसल को नुकसान...

Newswrap हिन्दुस्तान, बलरामपुरThu, 22 May 2025 05:41 PM
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तेज आंधी से पेड़  धराशायी , बिजली पोल गिरने बिजली आपूर्ति बाधित

बलरामपुर।जिले के आधे से अधिक इलाके में बुधवार रात आई तेज आंधी में कई पेड़ धाराशायी हो गए। वहीं लगभग आधा दर्जन बिजली के पोल टूटकर गिरने से लगभग 150 गांवों की बिजली रातभर गुल रही। वहीं लगभग 50 गांवों में बिजली आपूर्ति 14 घंटे बाद भी बहाल नहीं हो सकी है। नेपाल सीमा से लगे क्षेत्रों में करीब आधे घंटे तक तेज आंधी चलने से आम की बागबानी को नुकसान पहुंचा है। सब्जी की फसल भी थोड़ी-बहुत नुकसान हुई है। लगभग दो घंटे तक मूसलाधार बारिश होने से गन्ना फसल को फायदा पहुंचा है। हॉलाकि क्षेत्र में कहीं भी आसमानी बिजली गिरने व किसी व्यक्ति के हताहत होने की खबर नहीं है।

बुधवार रात करीब ढाई बजे गैसड़ी, पचपेड़वा, हर्रैया सतघरवा, जरवा व ललिया क्षेत्र में जोर की आंधी आयी। लगभग आधे घंटे तक तेज हवाएं चलती रहीं। हवा के साथ-साथ बारिश भी शुरू हो गई। तराई क्षेत्र में पुराने व सूखे पेड़ तेज आंधी के कारण ढह गए। रास्ते के किनारे कई वर्ष पुराने पेड़ लगे हुए हैं। आंधी में इन पेड़ों के गिरने से रास्ता बाधित हो जाता है। तराई क्षेत्र में इन पेड़ों की देखरेख के लिए वन विभाग व पीडब्ल्यूडी को जिम्मेदारी मिली है। हॉलाकि यह दोनों विभाग पेड़ों के संरक्षण को लेकर कभी भी कोई कार्य नहीं करते। तमाम स्थानों पर घरों के किनारे पुराने पेड़ लगे हुए हैं। आंधी में इन पेड़ों की डालियां टूटकर घरों पर गिर जाती है, जिससे जान-माल का खतरा बना रहता है। जानकारों की मानें तो पुराने पेड़ों को काटने के लिए राजस्व विभाग से रिपोर्ट लगने के बाद वन विभाग से एनओसी लेनी पड़ती है, जिसके बाद राजस्व विभाग पेड़ को मुल्यांकन करके अपनी रिपोर्ट देता है। नियमों की जटिलता होने के कारण आम आदमी इन पेड़ों के कटान के बारे में सोंचता तक नहीं है। वहीं जिम्मेदार विभाग भी इनके संरक्षण को लेकर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। आपदा विशेषज्ञ अरुण कुमार बताते हैं सड़क किनारे लगे पेड़ वर्षों पुराने हैं। सड़क किनारे की मिट्टी खिसकने से उसकी जड़े बाहर आ गई हैं, जो तेज आंधी आने पर कभी भी धराशायी हो सकते हैं। पीडब्ल्यूडी विभाग इन पुराने व खोखले पेड़ों को काटने व उनके संरक्षण को लेकर कोई प्रयास नहीं कर रहा है।

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