Barabanki Power Transformers Pose Danger Open Wires and Unsafe Conditions बोले बाराबंकी: खुले में रखे हैं ट्रांसफार्मर,सांसत में है सबकी जान, Barabanki Hindi News - Hindustan
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बोले बाराबंकी: खुले में रखे हैं ट्रांसफार्मर,सांसत में है सबकी जान

Barabanki News - बाराबंकी में खुले में रखे ट्रांसफार्मर और लटके हुए बिजली के तारों से स्थानीय निवासियों को खतरा है। लोग कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन बिजली विभाग की लापरवाही से कोई सुधार नहीं हुआ है। स्कूलों के पास...

Newswrap हिन्दुस्तान, बाराबंकीMon, 21 April 2025 05:15 PM
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बोले बाराबंकी: खुले में रखे हैं ट्रांसफार्मर,सांसत में है सबकी जान

बाराबंकी। जिले में जगह जगह खुले में रखा ट्रांसफार्मर हादसे को दावत दे रहे हैं। कहीं बिजली की लाइनें खंभों से नीचे लटकी हुई हैं तो कहां खंभों पर स्ट्रीट लाइटें जलाने केे लिए खुले तार तीन,चार फिट की ऊंचाई पर ही छोड़ दिए गए हैं। हैरत की बात तो यह है कि ट्रांसफारमर से जुड़ने वाले जंक्शन बाक्स अधिकांश खुले पड़े हुए है। सड़क पर बिखरे लटके तार लोगों के लिए हादसे का सबब बने हुए है। लोगों का कहना है कि कई बार शिकायत करने के बाद भी बिजली विभाग के कर्मचारी उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं देते। खुले में रखे ट्रांसफार्मर से खतरे में जान, विभाग अंजान: शहर से लेकर तहसील, कस्बों व गांव में सड़क व गालियों व सड़क के मोड़ पर किनारे खुले में रखा ट्रांसफार्मर वहां रहने वाले लोगों के साथ बच्चों के लिए बड़ा खतरा बने हुए हैं। खुले ट्रांसफार्मर से किसी भी समय बड़ा हादसा होने की आशंका बनी रहती है। लेकिन इसके बाद भी विभाग चुप्पी साधे है। शहर का लखपेड़ा बाग जाने वाला मार्ग हो या फिर आवास विकास कालोनी हो सभी जगह बिजली विभाग ने लोगों को बिजली की सप्लाई देने के लिए ट्रांसफार्मर लगाकर उनके चारों तरफ लोहे का जाल भी बंाध दिया है। लेकिन ट्रांसफार्मर रखने के बाद बिजली विभाग उनकी देखरेख करना ही भूल गया। हालत यह है कि अधिकांश ट्रांसफार्मर की जाली टूट चुके हैं। कई ट्रांसफार्मर के चारों तरफ लोहे की जाली का नामोनिशान ही मिट गया है। कई मोहल्ले में ऐसे स्थान पर खुले में ट्रांसफार्मर हैं जहां से होकर सैकड़ों स्कूल के छात्र-छात्राएं निकलते हैं। खुले में सड़क के किनारे रखे ट्रांसफार्मरों को लेकर स्कूल प्रबंधन भी चिंतित रहता है। स्थानीय निवासियों ने कहा कि विद्युत विभाग को कई बार इस समस्या से अवगत कराया गया, लेकिन अधिकारियों ने अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया। विभाग की यह उदासीनता किसी बड़े हादसे को निमंत्रण दे रही है।

ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति और अधिक खराब: निन्दुरा संवाद के अनुसार लखनऊ-महमूदाबाद मार्ग से बिसई गांव जाने वाले मार्ग पर तालाब के समीप सड़क के किनारे खुले में रखा ट्रांसफार्मर लोगों के लिए मुसीबत बना है। इसी प्रकार कस्बा टिकैतगंज में खुले में ट्रांसफार्मर रखा हुआ है। इसी मार्ग से होकर राजकीय इंटर कालेज व अन्य स्कूलों के छात्र-छात्राएं निकलते हैं, जिसके कारण हादसे की आशंका बनी रहती है। कुछ स्थानों पर तो लोगों की शिकायत पर बिजली विभाग ने लकड़ी के बांस लगाकर उसमें तार बांधकर औपचारिकता पूरी कर ली है। सूरतगंज संवाद के अनुसार सूरतगंज कस्बे में बीईओ कार्यालय के सामने छोटे से चबूतरे पर खुले में ट्रांसफार्मर को लेकर आसपास दुकान व घरों के लोग हमेशा भयभीत रहते हैं। इसमें अक्सर चिंगारी निकलती है, ऐसे में लोगों ने आबादी से दूर ट्रांसफार्मर लगाने की मांग कई बार की है। इसी प्रकार सुढियामऊ कस्बे में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के सामने जर्जर चबूतरे पर ट्रांसफार्मर खुले में रखा हुआ है।

रखरखाव पर दिया जाए खास ध्यान: ट्रांसफार्मर बिजली आपूर्ति के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण हैं। इनकी उचित देखभाल न होने से बिजली गुल हो सकती है। नियमित निरीक्षण, समय पर मरम्मत और गुणवत्तापूर्ण सामग्री का उपयोग करके ट्रांसफार्मरों की उम्र बढ़ाई जा सकती है। कुशल कर्मचारियों का प्रशिक्षण भी इस दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है। इन उपायों से न केवल बिजली आपूर्ति सुचारू रहेगी बल्कि आर्थिक नुकसान को भी कम कर सकते हैं। इसके बावजूद इनके रखरखाव की अनदेखी चिंताजनक है। कई स्थानों पर ट्रांसफार्मर बहुत ही असुरक्षित तरीके से लगे हुए हैं। ट्रांसफार्मर लगाने में विद्युत विभाग की लापरवाही आमजन के लिए खतरनाक हो सकती है। असुरक्षित और लापरवाही से लगाए गए ट्रांसफार्मर से किसी की भी जान जा सकती है। आखिर प्रशासनिक अधिकारी विशेष रूप से इसका संज्ञान कब लेंगे? इस मामले में विभाग की अनदेखी चिंताजनक है। विद्युत कंपनियों यह सुनिश्चित करे कि सभी ट्रांसफार्मर सुरक्षित तरीके से लगे हुए हों। साथ ही हरेक ट्रांसफार्मर के आसपास एक बाड़ भी लगाई जाए, ताकि लोग बारिश के मौसम में वहां से गुजरते समय करंट लगने के खतरे से सुरक्षित रह सकें।

अंडर ग्राउंड केबिलों के बाक्स खतरनाक:शहर में ट्रांसफार्मर खुले में लगे हैं मगर अधिकांश चबूतरे पर रखे हुए हैं। यह दूर से लोगों को दिखाई देते हैं। मगर शहर के अधिकांश हिस्सों में जहां अंडर ग्राउंड केबिल पड़ी हैं वहां पर मोहल्लों में लगे बाक्स काफी खतरनाक हैं। शहर के लखपेड़ाबाग, दशहराबाग, जसवंत नगर आदि कालोनियों में अंडर ग्राउंड केबिलों से घरों को कनेक्शन देने के लिए बाक्स लगाए गए हैं। यह बाक्स जमीन से बमुश्किल एक फिट लोहे के लगे हैं। मगर स्थिति यह है इनमें से अधिकांश जर्जर हो चुके हैं। स्थानीय लोगों ने कहा कि बाक्स के बाहर तारों का जाल फैला रहता है। जिसके कारण उन्हें हमेशा डर लगा रहता है। क्योंकि जब बच्चे बाहर खेलते हैं ऐसे में डर लगता है कि कहीं कोई बाक्स के करीब तारों तक न पहुंच जाए। लोगों ने बताया कि उक्त खुले पड़े तारों में गई जानवर चिपक चुके हैं। जसवंत नगर में तो एक गाय की मौत भी हो चुकी है। स्थानीय लोगों ने कहा कि कई बार बिजली विभाग के अधिकारियों को लिखित शिकायत की गई मगर कोई सुधार नहीं हुआ। रात को उक्त छोटे बाक्स दिखाई नहीं देते हैं, ऐसे में दोपहिया व चार पहिया वाहनों के टकरो का भी खतरा बना रहता है। लोगों ने कहा कि बिजली विभाग बाक्सों को दुरुस्त करवाकर उन्हें जाल से ढके। इतना ही नही जल्द से जल्द वहां फैले तारों को भी दुरुस्त करे जिससे हादसा न हो।

हमेशा रहता है जान का खतरा:शहर में कई स्थानों पर ट्रांसफार्मर ऐसे स्थानों पर लगे हैं जहां हमेशा खतरा बना रहता है। शहर का लखपेड़ा बाग, आवास विकास काफी भीड़भाड़ बाला इलाका माना जाता है। जहां पर मार्केट, हॉस्पिटल सहित और भी कई ऐसे स्थान हैं, जहां पर पब्लिक का खूब आना जा लगा रहता है। इसी मार्ग से स्कूल के छोटे बच्चे, कॉलेज के सैकड़ों बच्चे प्रतिदिन आवागमन करते हैं। खुले में सड़क के किनारे रखे ट्रांसफार्मर खराब मौसम या कोई खराबी आने के कारण जलने लगते हैं। स्थानीय निवासियों ने आरोप लगाया कि विद्युत विभाग को कई बार इस समस्या से अवगत कराया गया, लेकिन अधिकारियों ने अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया। विभाग की यह उदासीनता किसी बड़े हादसे को निमंत्रण दे रही है। लोगों का कहना है कि क्षेत्र के बच्चों और राहगीरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ट्रांसफार्मर को रखने के साथ उससे लोगों को कोई हानि न हो, इसका भी प्रयास विभाग को करना चाहिए। इसे लेकर प्रशासन और विद्युत विभाग को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। लोगों का कहना है कि बिजली विभाग को तगड़ी बिल देते हैं, इसके बावजूद मोहल्ले में लटके तार, खुले ट्रांसफार्मर, खुले अंडर ग्राउंड केबिल के बाक्स जैसी समस्याएं रहती हैं। कम से कम विभाग उन मोहल्लों की व्यवस्थाएं तो दुरुस्त करे जहां के रहने वाले लोगों द्वारा लगातार बिजली का बिल दिया जाता है।

बोले जिम्मेदार: बाराबंकी के अधिशासी अभियंता सुभाष चंद्र का इस बारे में कहना है कि समय-समय पर तारों व विद्युत ट्रांसफार्मरों की सुरक्षा की जांच स्थानीय कर्मचारियों से कराई जाती है। इतना ही नहीं शिकायत मिलने पर ट्रांसफार्मरों को लोहे के जाल न मिलने पर बांस-बल्ली से घिरवा दिया जाता है। जो ट्रांसफार्मर घनी आबादी में आ गए हैं। वहां पहले आबादी नहीं हुआ करती थी। ऐसे ट्रांसफार्मरों के स्थान को परिवर्तित करने की लम्बी प्रक्रिया है। ऐसे ट्रांसफार्मरों को जल्द चिन्हित कराया जाएगा।

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