नेम प्लेट व बिना एप्रेन के ड्यूटी करते मिले कर्मचारियों का रोका वेतन
Barabanki News - डीएम शशांक त्रिपाठी ने ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण किया। उन्हें गंदगी, जलभराव और स्टाफ की लापरवाही मिली। बिना नेम प्लेट और एप्रेन के ड्यूटी कर रहे कर्मचारियों को नोटिस जारी किया गया।...

निन्दूरा। ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं को परखने बुधवार को डीएम शशांक त्रिपाठी ने अलग अलग चार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर पहुंचे। जहां भी गए वहां गंदगी, जलभराव से लेकर तमाम खामियां मिली। चिकित्सक से लेकर पैरामेडिकल स्टॉफ बिना नेम प्लेट व एप्रेन (सफेद कोट) के ड्यूटी करते मिले। डीएम ने चार कर्मचारियों को नोटिस जारी करते हुए वेतन रोकने के निर्देश दिए। अस्पताल की सफाई, जलभराव की समस्या को दूर कराने को कहा। इस बार बिना पूर्व जानकारी दिए अस्पताल पहुंचे डीएम तो विभागीय लापरवाही की पोल खुल गई। जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी सबसे पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कुर्सी पहुंचे। गाड़ी से उतरते ही मुख्य प्रवेश द्वार पर लगा बोर्ड जर्जर हालत में मिला।
जमीन पर बिछे हुए लोहे के पाइप को देख अधीक्षक की कार्यशैली भांप लिया। सीएमओ डॉ. अवधेश यादव को इन कामियों को तत्काल दूर कराने को कहा। परिसर में बनी पानी की टंकी के नीचे जलभराव देखकर नाराजगी जाहिर की। आयुष्मान आरोग्य मंदिर में उपस्थित स्टाफ को एपे्रन व नेम प्लेट के बिना ड्यूटी करते देख फटकार लगाई। सीएमओ से कहा कि सभी नोटिस जारी कर वेतन रोके। कहा कि कोई व्यक्ति कैसे जानेगा कि आप कौन है। परिसर में खस्ताहालत खड़ी एम्बुलेंस और पुरानी जीप की जानकारी ली, बताया गया कि नीलामी हो चुकी है उठना बाकी है। परिसर में लगे दो इंडियामार्का हैंडपंप में से एक खराब मिला तथा वाटर कूलर भी खराब मिला। क्षेत्र में टीबी के मरीजों की जानकारी ली, बताया गया कि 98 प्रतिशत ठीक हो गए हैं। दवा कक्ष खुलवाकर रखरखाव देखा। लैब में जाकर रिपोर्ट के बारे में जानकारी ली। ग्राम प्रधान से साफ सफाई कराने के निर्देश दिए। इसके बाद डीएम पीएचसी टिकैतगंज पहुंचे। यहां पर पानी की टंकी क्रियाशील नहीं मिली, जिसे सही कराने के निर्देश दिए। बड़ी बड़ी झाड़ियां को देखकर डीएम नाराज हुए साफ सफाई के निर्देश दिए। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बड्डूपुर में नाली गंदगी से बजबजाती मिली। जल निकासी की कोई व्यवस्था तक नहीं थी। लेबर कक्ष में सफाई से नाखुश दिखे। चिकित्सकों से पूछा कितने मरीज आए कौन कौन सी दवाएं दी तो चिकित्सक बगले झांकते नजर आए। ग्राम पंचायत मोहसण्ड में बने आरआरसी सेंटर पर लाखों रुपए खर्च करने के बाद आज तक चालू तो नहीं हुआ। लेकिन जिला अधिकारी के निरीक्षक को लेकर कुछ देर के लिए केंद्र पर श्रमिक लगा दिए गए। जिला अधिकारी के जाते ही श्रमिक मौके से गायब हो गए।
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