शोषण के आरोप पर असिस्टेंट प्रोफेसर और हेड आमने-सामने
Bareily News - बरेली के रुहेलखंड विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर और विधि विभाग के हेड के बीच आरोप-प्रत्यारोप चल रहे हैं। असिस्टेंट प्रोफेसर ने उत्पीड़न की शिकायत की है, जबकि हेड ने इसे साजिश करार दिया है। कई...

बरेली, मुख्य संवाददाता। रुहेलखंड यूनिवर्सिटी की असिस्टेंट प्रोफेसर और हेड के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। असिस्टेंट प्रोफेसर ने गुरुवार को राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष से भी उत्पीड़न की शिकायत की थी। शुक्रवार को हेड ने इसे साजिश करार करते हुए कहा कि तीन बार जांच में सभी आरोप गलत मिले हैं। विधि विभाग के हेड डॉ. अमित सिंह ने कहा कि यह प्रकरण 2022 में शुरू हुआ था। मैंने हर तरह की जांच में सहयोग किया। फरवरी 2023 में पुलिस-प्रशासन बरेली ने जांचकर अपनी रिपोर्ट उत्तर प्रदेश सरकार, पिछड़ा वर्ग आयोग को भेजी थी जिसमें सभी आरोप निराधार पाए गए।
रिपोर्ट स्वीकृत होने के बाद कार्यवाही समाप्त कर दी गई। राज्य महिला आयोग, उतर प्रदेश को भी पृथक जांच रिपोर्ट दी गई जिसमें पुनः सभी शिकायतें निराधार और बलहीन पाई गईं। रुहेलखंड विश्वविद्यालय भी अपनी अलग से जांच कर चुका है। इसमें भी सभी आरोप निराधार पाए गए। यह रिपोर्ट भी उत्तर प्रदेश शासन को भेजी जा चुकी हैं। उन्होंने कहाकि उक्त प्रकरण पर तीन बार जांच हो चुकी है। प्रकरण को दो वर्ष पूर्व ही समाप्त कर दिया गया था। उसके बाद भी झूठे आरोप लगाकर छवि खराब करने की साजिश हो रही है। गलत रिपोर्ट भेजने का भी आरोप उधर, असिस्टेंट प्रोफेसर का आरोप है कि कुलसचिव ने राज्य महिला आयोग को गलत रिपोर्ट भेजी है। उनका कहना है कि प्रो. संतोष अरोरा के नेतृत्व में गठित सात सदस्यीय जांच कमेटी ने 23 दिसंबर 2023 को अपनी रिपोर्ट दी थी। इसमें ये पाया गया था कि उन्हें नियमित कोर्स में कक्षाएं नहीं दी जा रहीं। साथ ही 2022-23 और 2023-24 में लघु शोध प्रबंध का पर्यवेक्षक भी नहीं बनाया गया। मेरे लिए विभागीय पत्राचार/सम्प्रेषण के माध्यम बाधित थे। उसके बाद भी रिपोर्ट भेज दी गई कि सभी आरोप गलत पाए गए।
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