बोले बस्ती : भवन में दरार, पुराने पंखों से आवाज आने से पढ़ाई बाधित
Basti News - बस्ती जिले में राजकीय जिला पुस्तकालय की स्थिति बहुत खराब है। यहाँ 400 छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया है, लेकिन केवल 60 छात्रों के लिए ही बैठने की व्यवस्था है। पुस्तकालय का भवन जर्जर है, और बरसात में...
Basti News : जिले में सरकारी और प्राइवेट मिलाकर पुस्तकालयों की संख्या 50 से अधिक है। राजकीय पुस्तकालय 40 वर्ष से अधिक पुराना है। सन् 1985 में इसका निर्माण हुआ था। पुस्तकालय में तकरीबन 35 हजार से अधिक किताबें हैं। पुस्तकालय भवन की स्थिति काफी जर्जर हो गई है। बरसात के मौसम में पुस्तकालय भवन और परिसर में पानी ही पानी दिखाई देता है। इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है। पुस्तकालय में लगभग 400 छात्र-छात्राओं ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है पर सिर्फ 60 छात्रों की बैठने की व्यवस्था की गई है। ‘हिन्दुस्तान से बातचीत में पुस्तकालय में पढ़ने आने वालों ने अपनी समस्याएं साझा कीं। शहर में एक मात्र राजकीय जिला पुस्तकालय अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। यह पुस्तकालय पूर्वांचल के सबसे बड़े पुस्तकालयों में शुमार है। इस पुस्तकालय का निर्माण हो पूरी तरह जाए तो लगभग 5000 बच्चे एक साथ इसमें बैठकर पढ़ सकते हैं। लेकिन जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते यहां पाठकों के लिए सुविधाएं जुटाई जा रही हैं न ही पुस्तकालय को ही आधुनिक रूप दिया जा रहा है। नतीजा यह है कि शहर के बीचो-बीच होने के बावजूद यह पुस्तकालय को पाठकों से गुलजार नहीं हो पा रहा है। इस पुस्तकालय का भवन काफी जर्जर हो गया है। बरसात के दिनों में इस भवन के अंदर और बाहर जलभराव हो जाता है। बरसात के मौसम में पुस्तकालय में रखी किताबें भी नमी की वजह से खराब हो जा रही हैं। साथ में इस भवन में इन्वर्टर, पंखा, कम्प्यूटर के साथ अन्य संसाधन भी नमी की वजह से खराब हो जा रहे हैं। जल्दीं लगी एसी की कूलिंग कैपेसिटी कम होने के कारण गर्मी में पढ़ने आने वाले विद्यार्थी उमस से परेशान रहते हैं। इससे इस पुस्तकालय में युवाओं को अपनी प्रतिभाओं को निखारने का मौका नहीं मिल रहा है।
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए तो पुस्तकालय किसी संजीवनी से कम नहीं होता। मगर, नगर पालिक क्षेत्र स्थित राजकीय इंटर कॉलेज के परिसर में एकमात्र पुस्तकालय की हालत दयनीय है। यह पुस्तकालय कभी साहित्यकारों, पुस्तक प्रेमियों और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों का प्रमुख केंद्र हुआ करता था। करीब एक दशक पूर्व तक ही इस पुस्तकालय में नियमित पाठकों की संख्या अच्छी-खासी हुआ करती थी। मगर, समय के साथ-साथ जिला प्रशासन ने इसका देखरेख करना छोड़ दिया। इस वजह से पुस्तकालय के भवन और किताबों की हालत बिगड़ती गई। इससे यहां लगातार आने वाले लोगों की संख्या घटती गई। गांधीनगर स्थित पुस्तकालय में फर्श और छत की मरम्मत के साथ यहां व्यवस्था ठीक करने का काम भी किया। मगर, इस पुस्तकालय को अभी तक उच्चीकृत नहीं किया जा सका। वर्तमान में पुस्तकालय में सिर्फ 30-40 के करीब ही नियमित पाठक रह गए हैं।
पुस्तकालय के पास पान की दुकानों पर जुटते हैं अराजकतत्व
राजकीय जिला पुस्तकालय की 200 मीटर की परिधि में शराब की दुकान संचालित हो रही है। यह दुकान काफी दिनों से आबकारी विभाग की ओर से संचालित कराई जा रही है। इस वजह से यहां का वातावरण खराब हो रहा है। पुस्तकालय के गेट पर ही लगभग आधा दर्जन पान, गुटखा, सिगरेट की दुकानें अवैध रूप से संचालित की जा रही हैं। इस लाइब्रेरी में पढ़ने वाली ज्योति चौधरी, लक्ष्मी विश्वकर्मा और अंकित यादव बताते हैं कि लाइब्रेरी के गेट पर अवैध रूप से दुकानें संचालित कराई जा रही हैं। गेट से निकलने पर नशेड़ियों से डर लगता है। कभी-कभी तमाम लोग सिगरेट पीते-पीते गेट के अंदर घुस आते हैं। यहां के जिम्मेदार इस तरफ ध्यान ही नहीं दे रहे हैं। गेट से आने-जाने पर काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। छात्र-और छात्राओं ने पुलिस अधीक्षक से अपील की है कि स्थानीय पुलिस चौकी प्रभारी को निर्देशित करें कि यहां से पान की दुकानों को हटवाया जाए।
पुस्तकालय की छत से टपकता है पानी
जिले के राजकीय जिला पुस्तकालय का भवन काफी पुराना है। इस भवन की छत से पानी टपकने से दीवारों में नमी होने के कारण प्लास्टर टूटकर गिर रहे हैं। साथ में इस पुस्तकालय में पानी टपकने की वजह से किताबों में नमी होने के कारण किताबें खराब हो रही हैं। वहीं पानी टपकने से छत में कई जगह दरार आ गई है। धीरे-धीरे छत कमजोर होता जा रहा है। बरसात के मौसम में छत के लिए कोई उपाय नहीं किया गया तो कभी भी कोई दुर्घटना घट सकती है।
राजकीय जिला पुस्तकालय में करें पुरानी किताबों का दान
राजकीय जिला पुस्तकालय में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या लगभग 50-60 है। किताबों की कमी होने के कारण बच्चे जिले में रहकर पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं, जिससे गरीब और आर्थिक स्थिति से कमजोर परिवारों के बच्चे अपनी प्रतिभा नहीं दिखा पा रहे हैं। यहां पढ़ने वाले छात्र रितेश, अमन और सुनीता चौधरी के साथ कई छात्रों ने जिले के लोगों से अपील की है कि जिनके घरों में पुरानी किताबें रखी हों तो इस पुस्तकालय में लाकर दान कर दें। इनका कहना है कि दान की हुई किताबों से गरीब बच्चें पढ़-लिख कर अपना भविष्य उज्जवल कर सकते हैं। साथ में घर में रखीं पुराने किताबों को रद्दी के भाव में न बेचने की अपील की है। वहीं दीपाली जायसवाल, गौरी अग्रवाल और ज्योति विश्वकर्मा ने बताया कि जिले की आबादी लगभग 25 लाख से अधिक है। हर किसी के घर में बच्चे पढ़ने के बाद किताबें अपने घरों में रखते हैं। ऐसे में जिले के तमाम परिजनों के पास आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण इनके बच्चे प्रतियोगिता में भाग नहीं ले पा रहे हैं। इनके बच्चे पढ़ने के शुरुआती दौर में ठीक-ठाक होते हैं लेकिन परिवार की समस्याओं को देखते हुए इनको अपनी पढ़ाई ब्रेक करनी पड़ती है। इसलिए घर में रखी किताबों को राजकीय जिला पुस्तकालय गांधीनगर में जमा करने की अपील की है।
पुस्तकालय की बाउंड्रीवाल में गंदगी का अंबार
लाइब्रेरी भवन की बाउंड्रीवाल के भीतर कूड़े का ढेर लगा रहता है। यहां गंदगी फैलने की वजह से मच्छरों का प्रकोप काफी बढ़ गया है। मच्छरों के काटने से यहां छात्र बीमार पड़ रहे हैं। छात्रों के बीमार पड़ जाने के कारण इनकी पढ़ाई काफी प्रभावित हो रही है। छात्रों की इन समस्याओं को देखते हुए जिला प्रशासन को मच्छर मारने के लिए दवा का छिड़काव कराया जाना चाहिए।
लाइब्रेरी में सुरक्षा का कोई नहीं है इंतजाम
इस लाइब्रेरी में लगभग 400 छात्रों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है। फिर भी यहां अभी तक सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं किया गया है। लाइब्रेरी परिसर में अंजान लोग बिना रोकटोक घुसकर घंटों अपना समय बिताते हैं। यहां पढ़ने वाली छात्राओं ने मांग की है कि इस पुस्तकालय में सुरक्षा को देखते हुए सुरक्षा गार्ड की तैनाती की जाए, जिससे परिसर में अनावश्यक लोग न घुसने पाएं।
शिकायतें
-पुस्तकालय का भवन काफी पुराना व जर्जर है।
- इस पुस्तकालय में खुलने व बंद होने का समय काफी कम है।
-इस पुस्तकालय में मात्र 30-35 हजार बुकों की संख्या है।
-राजकीय जिला पुस्तकालय में आधुनिक सुविधाओं का ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
-यहां इन्वर्टर की बहुत बड़ी समस्या है।
- पुस्तकालय के नजदीक शराब, गुटखा व सिगरेट की दुकानें अवैध रूप से संचालित हैं।
सुझाव
-पुस्तकालय का भवन तोड़कर पुन: निर्माण कराया जाए।
-इस पुस्तकालय के खुलने व बंद होने का समय बढ़ाया जाए।
-इस पुस्तकालय में किताबों की संख्या बढ़ाई जाए।
-राजकीय जिला पुस्तकालय में आधुनिक सुविधाएं जैसे वाईफाई के साथ अन्य व्यवस्था की जाए।
-यहां सोलर के साथ इन्वर्टर की क्षमता बढ़ाई जाए।
-पुस्तकालय के नजदीक शराब, पान, गुटखा व सिगरेट की दुकानों को बंद कराया जाए।
हमारी भी सुनें
इस पुस्तकालय में खुलने और बंद होने का समय काफी कम है। जिससे तैयारी करने में समस्या हो रही है। इसलिए पुस्तकालय का खुलने व बंद होने का समय बढ़ाया जाए।
रीतेश यादव
इस पुस्तकालय में मात्र 30-35 हजार किताबों की संख्या है, जो काफी कम है। किताबों की संख्या कम होने के कारण तैयारी नहीं हो पा रही है। इसलिए यहां पर किताबों की संख्या बढ़ाई जाए।
अमन
राजकीय जिला पुस्तकालय में आधुनिक सुविधाओं का ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इस पुस्तकालय में बढ़िया स्पीड के लिए वाईफाई की व्यवस्था की जाए, जिससे छात्रों के पढ़ाई में सुविधा मिल सके।
सुनीता चौधरी
यहां इन्वर्टर की बहुत बड़ी समस्या है। विद्युत की कटौती होने से छात्र काफी परेशान हो रहे हैं। इस पुस्तकालय में सोलर पैनल के साथ अधिक क्षमता वाला पावर इन्वर्टर लगाया जाए। जिससे तैयारी करने में सुविधा मिल सकें।
शची सिंह
इस पुस्तकालय में बीएससी की किताबें नहीं हैं। इस वजह से तैयारी नहीं हो पा रही है। इस पुस्तकालय में बीएससी, कंप्टीशन जैसे अन्य किताबों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए।
शिवांगी मिश्रा
पुस्तकालय के नजदीक शराब, पान, गुटखा और सिगरेट की दुकानें अवैध रूप से संचालित होती हैं। जिला प्रशासन इस पर ध्यान नहीं दे रहा है। इससे वातावरण खराब हो रहा है। नियमानुसार कार्रवाई की जानी चाहिए।
कृष्ण कुमार गुप्ता
सरकारी छुट्टियां ज्यादा होने के कारण पढ़ाई प्रभावित होती है। इसलिए सरकारी छुट्टियों में पुस्तकालय खोले जाने के लिए संबंधित को आदेशित करने की जरूरत है। जिससे छात्र रोजाना अपनी पढ़ाई कर सकें।
दीपाली जायसवाल
पुस्तकालय का भवन काफी पुराना और जर्जर है। भवन की स्थिति को देखते हुए इसे तोड़कर पुन: इस भवन का निर्माण आधुनिक तरीके से किया जाना चाहिए। नया भवन बनने से छात्रों को पढ़ने में समस्या नहीं होगी।
गौरी अग्रवाल
पुस्तकालय में पंखों की कमी है, जो पंखे चल रहे हैं वो काफी आवाज करते हैं। इससे पढ़ाई करने में काफी परेशानी होती है। इसलिए सभी पुराने पंखों को हटाकर नए पंखों की संख्या बढ़ाए जाने की जरूरत है।
ज्योति चौधरी
पुस्तकालय में पत्रिकाएं नहीं आती हैं, जिससे बेसिक जानकारी नहीं मिल पा रही है। जिला प्रशासन को इस पर ध्यान देने की जरूरत है। इस पुस्तकालय में नई मैगजीन की व्यवस्था करानी चाहिए।
लक्ष्मी विश्वकर्मा
राजकीय पुस्तकालय में रोजाना 30-50 छात्र तैयारी के लिए पढ़ने आते हैं, लेकिन यहां सिर्फ सात ही कम्प्यूटर की व्यवस्था है। जिससे छात्रों को काफी असुविधा हो रही है, कम्प्यूटर की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए।
विजेन्द्र चौधरी
बरसात के दिनों में पुस्तकालय के परिसर के रास्ते पर नालियों का गंदा पानी भर जाता है। जिससे आने-जाने में काफी असुविधा हो जाती है। इसलिए इस रास्ते को उंचा करने की जरूरत है।
अंकित यादव
इतने बड़े पुस्तकालय में सिर्फ चार एसी की व्यवस्था की गई है। जिसमें से दो एसी खराब पड़े हैं। यहां एसी की संख्या बढ़ाई जाए। जिससे यहां के छात्रों को तैयारी करने आसानी मिल सके।
महेन्द्र चौधरी
इस पुस्तकालय में छात्रों को पढ़ने के लिए प्राईवेसी के लिए चैबर नहीं बने हैं। जिससे तैयारी करने के दौरान सभी छात्रों का ध्यान एकाग्र नहीं हो पाता है। इसलिए प्रति छात्र के लिए चैंबर बनाया जाना अतिआवश्यक है।
शैलेन्द्र यादव
पुस्तकालय में पीआईक्यू की बुकें नहीं है और न ही सीडीएस की बुकें हैं। जिससे तैयारी करने के लिए में काफी समस्या हो रही है। इसलिए पीआईक्यू और सीडीएस की हिन्दी मीडियम की बुकें होनी चाहिए।
रजत पाण्डेय
इस पुस्तकालय में 400 छात्रों का रजिस्ट्रेशन किया गया है। जिसमें प्रबंधन द्वारा सिर्फ 60 सीटों की व्यवस्था की गई है। इन सीटों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है।
अनुराग यादव
बोले जिम्मेदार
राजकीय जिला पुस्तकालय का निरीक्षण हमारे द्वारा किया गया है, जिसमें काफी कमियां मिली थीं। इस पुस्तकालय की व्यवस्था ठीक करने के लिए काम किया जा रहा है। बरसात के दिनों में छत से पानी टपकता है और परिसर में पानी भर जाता है। इससे छात्र परेशान होते हैं, इसका स्टीमेट बनकर तैयार है। स्टीमेट शासन में भेजकर जल्द ही पुस्तकालय का कायाकल्प करके यहां की व्यवस्था में सुधार किया जाएगा। रही बात गेट पर पान, गुटखा और सिगरेट खाने-पीने की इससे संबंधित को पत्राचार किया गया है। वहीं आबकारी विभाग द्वारा बिना जांच के शराब की दुकान पुस्तकालय से 200 मीटर की परिधि में खोलवा दी गई है। इस पर भी पत्राचार करते हुए आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
जगदीश प्रसाद शुक्ल, जिला विद्यालय निरीक्षक
जिला विद्यालय निरीक्षक के आदेश के क्रम में राजकीय जिला पुस्तकालय में एसी और इन्वर्टर की व्यवस्था सही की गई है। रही बात भवन की छत से पानी टपकने और परिसर में पानी भर जाने की इसका स्टीमेट तैयार किया जा चुका है। इसको शासन को भेजकर इसी वित्तीय वर्ष में इस पुस्तकालय का कायाकल्प कर दिया जाएगा ताकि यहां के छात्र अपनी तैयार अच्छी तरीके से कर सकें।
विजय प्रकाश वर्मा, पुस्तकालय प्रभारी
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