बोले बस्ती : फ्लाईओवर या बाईपास बने तो सुगम हो व्यापार
Basti News - बभनान नगर पंचायत बनने के साथ ही क्षेत्र में ट्रैफिक जाम की समस्या बढ़ गई है। रेलवे गेट संख्या 222-ए पर जाम के कारण स्कूली वाहन, एम्बुलेंस और व्यापार प्रभावित हो रहे हैं। नागरिकों ने इस समस्या से निजात...
Basti News : बभनान के नगर पंचायत बनने के साथ ही कस्बे का दायरा भी बढ़ गया है। बभनान कस्बे में रेलवे गेट 222-ए पर रेलवे फ्लाईओवर नहीं होने से बड़ी आबादी प्रभावित हो रही है। सड़क के किनारे व्यापार करने वाले दुकानदारों की दुकानें प्रभावित हो रही हैं। रोजाना लगने वाले जाम के कारण लोग इस तरफ आने से कतराते हैं। रेलवे गेट बंद होने से स्कूली वाहन और एम्बुलेंस घंटों जाम में फंसे रहते हैं। बभनान में चीनी मिल चलने के दौरान गन्ना लदे ओवरलोड ट्रकों की वजह से चार से पांच महीने लोग मुसीबत झेलते हैं। जाम का सबसे अधिक असर यहां के विकास और कारोबार पर पड़ रहा है। ‘हिन्दुस्तान से बातचीत में नागरिकों ने अपनी समस्याएं साझा कीं।
गोरखपुर-गोंडा रेलखंड पर आदर्श रेलवे स्टेशन बभनान स्थित है। रेलवे स्टेशन बभनान के पूर्वी रेलवे गेट संख्या 222-ए पर जाम के कारण आवाम ठहर जाती है। इस रेलवे गेट का टीवीयू 174372 है। बभनान कस्बे की व्यापारी राधेश्याम जायसवाल का कहना है कि जाम के झाम के कारण रेलवे गेट 222-ए को पार करना पहाड़ पर चढ़ने जैसा है। जाम में फंसी एम्बुलेंस, स्कूली गाड़ियों और चार पहिया वाहनों को घंटों रेंगना पड़ता है। ऐसे में मरीजों व स्कूली बच्चों को दुश्वारियों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि बभनान में फ्लाईओवर, अंडरपास या बाईपास बने तो व्यापार सुगम हो जाए। इससे घंटों लगने वाले जाम से निजात मिल सकती है। वहीं व्यापारी शिवसहाय कसौधन का कहना है कि जाम के कारण दोनों तरफ गाड़ियों की लंबी कतारें दिनभर लगी रहती हैं। ऐसे में व्यापार करना काफी चुनौती भरा काम है। यहां के व्यापारियों का कहना है कि इसके लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाई गई लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। जबकि बभनान कस्बे के मतदाता दो विधानसभा और दो लोकसभा क्षेत्र के प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करते हैं।
जाम से खत्म हो रही है नई बाजार की रौनक
पंचायत बभनान के सृजन से पहले ग्राम पंचायत मरवटिया के नाम पर मरवटिया बाजार लगता था। बाद में लोगों ने पुरानी बाजार का नामकरण लोगों ने नई बाजार कर दिया। धीरे-धीरे व्यवसाय के लिए लोगों ने दुकानों का निर्माण कराया और नई बाजार में तेल पेराई, आटा चक्की, गल्ले के थोक बाजार, बर्फ फैक्ट्री का कारोबार शुरू हो गया। कारोबारी रामकुमार का कहना है कि कस्बे के मध्य से बभनान-गौरा चौकी का भी चौड़ीकरण हो गया तो व्यवसाय का हब बन गया। वर्तमान समय में रेलवे गेट संख्या 222-ए पर भीषण जाम लगने के कारण बभनान -गौराचौकी मार्ग पर रेलवे गेट के उत्तर व दक्षिण आधा किमी तक जाम लग जाता है। गल्ला व्यवसायी मोहित का कहना है कि जाम के कारण दुकानों के सामने लोडिंग-अनलोडिंग तो दूर रुकना भी मुमकिन नहीं है। वहीं रामअवतार, शंकर, अमरचंद, राजू आदि का कहना है कि जाम की समस्या से निजात मिल जाए तो व्यवसाय में चार चांद लग जाए।
वर्षभर में कई बार टूटता है रेलवे गेट का बूम
रेलवे स्टेशन के पूर्वी रेलवे गेट संख्या 222-ए पर भीषण जाम लगने से गेट खुलते ही लोग भागने लगते हैं। वहीं पुनः गेट बंद होने की स्थिति में भी लोग जल्दी निकलना चाहते हैं। ऐसे में गाड़ियों के पिछले हिस्से में फंसकर रेलवे का बूम टूट जाता है और लोगों को कार्रवाई का दंश झेलना पड़ता है। पिकअप, ई-रिक्शा चालक गेट बंद होते ही निकलने का प्रयास करते हैं। हड़बड़ी में गाड़ियों का पिछला हिस्सा रेलवे गेट में फंस जाता है, जिससे बूम टूट जाता है। इस बीच तीन से चार घंटे तक रेल यातायात स्लाइडर बूम पर संचालित किया जाता है। स्लाइडर बूम लगाने और खोलने में काफी वक्त लगता है। हादसों की बात करें तो 24 जनवरी 2025 को ई-रिक्शा ने रेलवे का बूम तोड़ दिया था। इससे पहले 18 दिसंबर 2024 को ट्रैक्टर-ट्राली, तीन दिसंबर 2024 को पिकअप, दो दिसंबर 2024 को डीजे लदी पिकअप, 22 नवंबर 2024 को पिकअप और 14 अक्तूबर 2024 को ऑटो रिक्शा ने रेलवे गेट के बूम को तोड़ा था। जिनके विरुद्ध रेल अधिनियम के तहत आरपीएफ बभनान ने कार्रवाई की थी।
जाम के कारण आउटर पर रुक जाती हैं ट्रेनें
गोरखपुर-गोंडा रेलखंड पर स्थित बभनान रेलवे स्टेशन के पूर्वी रेलवे गेट संख्या 222-ए पर जाम का आलम बना रहता है। जिससे निर्धारित समय पर रेलवे गेट बंद नहीं हो पाता है। ऐसे में रेल गाड़ियों को आउटर सिग्नल पर खड़ा कर देना पड़ता है। कभी-कभी वीआईपी ट्रेनें भी जाम की शिकार हो जाती हैं और गाड़ियां लेट हो जाती है। आउटर सिग्नल पर गाड़ी खड़ी होने के बाद आरपीएफ के सुरक्षा बलों द्वारा रोड साइड की गाड़ियों को रोकने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। तब जाकर गेट बंद होता है और आउटर पर खड़ी गाड़ियों को गंतव्य की ओर रवाना किया जाता है। आरपीएफ चौकी प्रभारी बभनान विश्वामित्र यादव ने बताया कि रेलवे गेट पर जाम की स्थिति को देखते हुए आरपीएफ सुरक्षा बल के जवानों को तैनात किया गया है। ध्यान रखा जाता है की गाड़ियां पिटने ना पाए लेकिन जाम होने पर गेट बंद नहीं हो पता है। ऐसे में गाड़ियों को आउटर सिग्नल पर रोकना पड़ जाता है।
चीनी मिल मालिक को हर साल 10 लाख का होता है नुकसान
रेलवे के हाइटगेज में फंसकर गिरने वाला गन्ना लोगों के लिए आफत बन सकता है। हर सीजन में हाइट गेज में फंसकर लगभग 10 लाख रुपये के गन्ने का नुकसान होने का अनुमान है। इस नुकसान से चीनी मिल मालिकान अनजान हैं। इसके पीछे गन्ने की ओवरलोडिंग बताई जा रही है। बलरामपुर चीनी मिल इकाई बभनान सहकारी गन्ना समिति बभनान, गौर, टिनिच, विक्रमजोत, गौरा चौकी व मनकापुर समितियों के माध्यम से क्षेत्र के किसानों के गन्ने की खरीद करती है। चीनी मिल ने किसानों को सुविधा देने के लिए जगह-जगह गन्ना क्रय केंद्र स्थापित किए हैं। जहां किसानों के गन्ने की तौल कराकर ट्रक और ट्राले से गन्ना चीनी मिल लाया जाता है। ट्रक-ट्रालों पर ओवरहाइट गन्ना लदा होने के कारण बभनान रेलवे स्टेशन के पूर्वी रेलवे गेट संख्या 222-ए पर बने हाइट गेज में फंसकर गिरता है। ऐसे में ट्रक व ट्रालों के पीछे चलने वाले बाइक सवार चोटिल होते हैं और चार पहिया क्षतिग्रस्त हो जाती है। स्थानीय रामशंकर, गणेश प्रसाद, दुर्गा चौधरी, बब्बू शर्मा, दिपेश शर्मा सहित तमाम लोगों का कहना है कि रेलवे के हाइटगेज में फंसकर रोजाना 20 से 25 कुंतल गन्ना गिरता है। चीनी मिल सीजन लगभग 150 दिन का होता है। ऐसे में लगभग 3000 कुंतल गन्ना गिरकर नष्ट हो जाता है। चीनी मिल के महाप्रबंधक गन्ना दिनेश राय ने बताया कि जो गन्ना गिरता है मिल का नुकसान होता है। हर साल कितने का नुकसान होता है, इसका कोई आंकड़ा नहीं है।
शिकायतें
-बभनान के रेलवे गेट संख्या 222-ए पर फ्लाईओवर का निर्माण कराया जाना चाहिए। जाम पर अंकुश लग सके।
-इस रोड पर अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है, इसके चलते भी काफी परेशानियां उत्पन्न हो रही हैं।
-जाम की समस्या को रोकने को जिला प्रशासन और नपं प्रशासन की ओर से ठोक कदम नहीं उठाया जा रहा है।
-फ्लाईओवर निर्माण कराने के लिए अभियान चलाया जाना चाहिए, जिससे समस्याओं पर विराम लग सके।
-रेलवे गेट संख्या 222-ए पर जाम की समस्या को देखते हुए पुलिस की व्यवस्था कराई जानी चाहिए।
सुझाव
-बभनान कस्बे में बढ़ती आबादी को देखते हुए रेलवे गेट संख्या 222-ए पर फ्लाईओवर निर्माण जरूरी है।
-नपं की ओर से रोड पर हो रहे अतिक्रमण को रोकना चाहिए, जिससे जाम से कुछ निजात मिलें।
- जाम रोकने के लिए जिला प्रशासन व नपं प्रशासन को फ्लाईओवर के लिए रेलवे को पत्र लिखना चाहिए।
-नेताओं और विधायक को फ्लाईओवर निर्माण की मांग को लेकर विशेष अभियान चलाया जाना चाहिए।
-कप्तानगंज चौराहे पर यातायात पुलिस की ड्यूटी भी लगनी चाहिए, जिससे जाम से निजात मिल सकें।
बोले नागरिक
जाम के कारण रेलवे गेट पार करके आना-जाना टेढ़ी खीर है। कोई व्यापारीसामान की डिलीवरी जल्दी चाहता है तो गेट पर जाम के कारण उसे घंटों लग जाता है।
शुभम जायसवाल
ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को रेलवे गेट पार करके किराना मंडी पहुंचना पड़ता है। जाम में फंसने के कारण ग्राहक छोटी दुकानों से ही सामान लेकर लौट जाते हैं।
अभय कसौधन
पहले लोग घड़ी खरीदने और उसे बनवाने के लिए रेलवे गेट के किनारे स्थित घड़ीसाजों की दुकानों पर आया करते थे। जाम के कारण लोग आते ही नहीं हैं।
शरीफ अहमद
बभनान-गौरा चौकी मार्ग कस्बे के मध्य से गुजरती है। इसी मार्ग पर सैलून की अधिकतर दुकानें हैं। जाम के कारण ग्राहक बाइक तक नहीं खड़ी कर पाते हैं।
आजाद अंसारी
अक्सर स्कूली बच्चों की गाड़ियां घंटों जाम में फंसी रहती हैं। इस वजह से बच्चे टाइम पर स्कूल नहीं पहुंच पाते। उनकी पढ़ाई प्रभावित होती है।
राज कसौधन
खिलाड़ियों के लिए कस्बे में कोई मैदान नहीं है। इसके लिए पूर्व मावि के मैदान पर जाते हैं। उन्हें जाम के कारण काफी समय रेलवे गेट पर ही बीत जाता है।
अनमोल पाण्डेय
रेलवे गेट पर लगने वाले भीषण जाम में गाड़ियां आपस में टकराती हैं और लोग अक्सर तू तू-मैं मैं करते रहते हैं। कभी-कभी मारपीट की नौबत आ जाती है।
प्रांशु जायसवाल
रेलवे की ओर से लगाए गए ओवर हाइटगेज में ओवरलोड गाड़ियां फंस जाती हैं। जिससे घंटों जाम लग जाता है। जाम में फंसने के बाद निकलना मुश्किल हो जाता है।
मुन्ना
खाने-पीने के सामान का ऑर्डर करने पर परिवार के लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ता है। डिलीवरी वाले लोग जाम में फंसे होने की बात कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं।
आरिफ
नौकरीपेशा पर जाने वाले लोगों को आए दिन फटकार का सामना करना पड़ता है। प्रतिदिन जाम का एक्सक्यूज देने पर अधिकारियों की नाराजगी झेलनी पड़ती है।
अभिषेक
व्यापारियों के हित को देखते हुए जाम की समस्या से निजात दिलाई जाए इसके लिए फ्लाईओवर बनाया जाए। यदि संभव न हो तो बाईपास का विकल्प हो।
राधेश्याम
जाम की समस्या बहुत बड़ी है। व्यापारी हित को देखते हुए जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों को कोई ठोस निर्णय लेना चाहिए।
दीपू कसौधन
मिठाई का कारोबार पूरी तरह से प्रभावित हो गया है। अधिकांश दुकानें क्रॉसिंग के पास ही हैं। स्टेशन से उतरकर आने वाले लोग जाम के कारण रुकते नहीं हैं।
मोनू कमलापुरी
जाम के कारण टेलरिंग का कारोबार प्रभावित हो रहा है। क्रॉसिंग के उत्तर व दक्षिण दोनों तरफ सिलाई कारीगर हैं। जाम से ग्राहक दुकान के सामने खड़े नहीं हो पाते है।
इरफान
फ्लाईओवर बनने से नीचे मार्केट सुरक्षित हो जाएगी और लोगों को जाम की समस्या से निदान मिल जाएगा। भारी वाहन ओवरब्रिज से होकर गुजर जाएंगे।
रमेश कसौधन
फ्लाईओवर या अंडरपास की मांग कई वर्षों से चल रही है। रेल प्रशासन सहित स्थानीय लोगों को भी पता है कि जाम के कारण ट्रेनें भी प्रभावित होती हैं।
तुषार
बोले जिम्मेदार
विधानसभा क्षेत्र कप्तानगंज स्थित नगर पंचायत बभनान बाजार एक प्रमुख कस्बा है। यह दो जिलों को जोड़ता है। व्यवसायिक दृष्टि से भी यह काफी महत्वपूर्ण है। इस कारण यहां पर वाहनों की काफी संख्या आती-जाती है। इस रेलवे क्रॉसिंग पर अक्सर जाम लग जाता है। सुबह और शाम के समय दो-दो घंटे परेशानी होती है। इन्हीं परेशानियों को ध्यान में रखते हुए केंद्र व प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर ओवरब्रिज बनाने की मांग रखा है। ऐसा होने पर बभनान बाजार को जाम की समस्या से कुछ हद तक छुटकारा मिल जाएगा। इसके लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है।
कवीन्द्र चौधरी, विधायक, कप्तानगंज
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