बोले बस्ती : ओवरहेड टैंक बनने के बाद भी शुद्ध पेयजल आपूर्ति नहीं
Basti News - विक्रमजोत विकास खंड की चार ग्राम पंचायतों में स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति में समस्याएं बनी हुई हैं। अमोढ़ा, घिरौली बाबू, खानकला और तुर्सी में ओवरहेड टैंकों और पाइप लाइनों की स्थापना के बावजूद, ग्रामीणों...
Basti News : विकास खंड विक्रमजोत की चार ग्राम पंचायतें आसपास स्थित हैं। चारों ग्राम पंचायतों में स्वच्छ पेयजल के लिए ओवरहेड टैंक स्थापित हुए। आसपास के करीब 15 राजस्व गांवों व कस्बों में पाइप लाइन बिछाई गईं। लोगों को उम्मीद जगी कि अब स्वच्छ पेयजल के लिए संकट नहीं झेलना पड़ेगा, लेकिन यह उनकी उम्मीद अधिक समय तक नहीं टिकी। चारों ग्राम पंचायतों में पेयजल आपूर्ति को लेकर कोई न कोई समस्या खड़ी रही और समय से ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल सुनिश्चित नहीं हो सका। ‘हिन्दुस्तान से बातचीत में क्षेत्रीय लोगों ने समस्याएं साझा करते हुए समाधान की अपेक्षा की।
विक्रमजोत ब्लॉक की चार ग्राम पंचायतें खानकला अर्थात छावनी, घिरौलीबाबू, तुर्सी और अमोढ़ा में सरकार की तरफ से पेयजल आपूर्ति के लिए ओवरहेड टैंक स्थापित किया गया। जल निगम ग्रामीण ने यहां पर पंप लगाए। गांवों में पानी पहुंचाने के लिए पाइप लाइन बिछाई गई। वाटर पोस्ट स्थापित किए गए। घरों के आसपास, संस्थानों व बाजार में पानी की आपूर्ति के लिए टोटियां लगाई गईं। लेकिन ग्रामीणों के स्वच्छ पेयजल आपूर्ति की आस पूरी नहीं हो पाई। चारों में कुछ पंप से पानी की आपूर्ति हो रही है तो कुछ से आपूर्ति ठप है। अमोढ़ा पानी टंकी के ऑपरेटर इश्तियाक अली की माने तो विभागीय जानकारी के अनुसार सप्लाई को ठीक करने के लिए विभाग ने निर्णय लिया है। यहां से पानी की आपूर्ति ठप है। पाइपलाइन को पुनः ठीक कराने की योजना है। जब पाइपलाइन सही तरीके से बिछेगी तब पानी की आपूर्ति शुरू की जाएगी। यहां पर लगे ट्रांसफॉर्मर से पंप मोटर तक विद्युत आपूर्ति नहीं हो पा रही है, इस कारण पंप भी नहीं चल रहा है। अमोढ़ा के पानी की टंकी से राजस्व गांव लोनियापार व अन्य गांवों को पानी की आपूर्ति होती है। उत्तर प्रदेश जल निगम विभाग ने विक्रमजोत ब्लॉक के अमोढ़ा खास गांव में 2012-13 में पेयजल योजना के तहत टंकी लगाया था। इसकी लागत करीब 148.5 लाख रुपये थे। यह 400 किलोलीटर वाला प्लांट है, जिसकी टंकी बनी है। लेकिन पांच वर्ष से अमोढ़ा गांव के लोगों को पानी की सप्लाई नहीं मिल पा रही है। घिरौली बाबू के सरकारी पानी टंकी के ऑपरेटर शिवपूजन मौर्य ने बताया कि एक महीने से काम कर रहा हूं। काफी दिन बाद सप्लाई चालू हो गई है। इस पंप से घिरौली, गंगापुर, नरसिंहपुर तीनों राजस्व गांव को पानी की सप्लाई जा रही है। लेकिन कुछ तकनीकी कमी है। सिस्टम को ठीक करने के लिए विभाग से ऑपरेटर आए थे, पानी का मोटर को चेक करके गए हैं। हालांकि अभी पानी आपूर्ति हो जा रही है। जल निगम ने ही विक्रमजोत ब्लॉक के धिरौली बाबू गांव में 2015-16 में पेयजल योजना के तहत टंकी बनाया। इसकी लागत करीब 133.16 लाख रुपये है। यहां पर 100 किलोलीटर की टंकी है। घिरौली बाबू में बनी टंकी से धिरौली बाबू, नरसिंहपुर तथा गंगापुर दुबे तीन राजस्व गांव को पानी की आपूर्ति होती है। काफी प्रयास के बाद पानी की आपूर्ति चालू हुई है, लेकिन इसमें निरंतरता की जरूरत है। अमोढ़ा में एक माह से ठप है जलापूर्ति : अमोढ़ा में पिछले एक माह से पानी की आपूर्ति ठप है। विभाग की ओर से इसे एक बार ठीक करने का काम हुआ। पूरे तेजी, रमदत्तपुर तक पानी की आपूर्ति हो रही थी। अमोढ़ा के इस पानी की टंकी से ग्राम पंचायत के 13 पुरवों पर पानी की आपूर्ति होती है। इन पुरवों में अमोढ़ा, लोनियापार, बरईजोत, कुब्बनजोत, बदरी का पुरवा, टेंगरहिया, रामरेखा बतासीजोत व अन्य शामिल हैं। लेकिन पिछले एक माह से पानी की आपूर्ति समुचित तरीके से नहीं हो पा रही है और कई पुरवों पर स्वच्छ पेयजल नहीं पहुंच रहा है। नेशनल हाईवे ने बांट दिया पानी, तीन गांवों में ‘सूखा बस्ती। विकास खंड विक्रमजोत के जितियापुर में एक पानी की टंकी स्थापित है। इस पानी की टंकी से खम्हरिया, जितियापुर, खानकला, प्रतापगढ़ कला और बभनगांवा को पानी की आपूर्ति होती थी। जितियापुर नेशनल हाईवे 28 के उत्तर तरफ स्थित है। हाईवे बनते समय दक्षिण की तरफ जाने वाली पाइप लाइन क्षतिग्रस्त हुई। 2008 तक पानी की आपूर्ति करने वाली लाइन चल रही थी। लेकिन हाईवे बनाते समय कुप्रबंधन के चलते यह पाइप लाइन बंद हो गई। हालांकि बाद में दो बार पाइप लाइन डालने का प्रयास हुआ लेकिन यह विफल हो गया। पाइप लाइन बंद होने के कारण इस पंप और ओवरहेड टैंक से जुड़ी ग्राम पंचायत खानकला, प्रतापगढ़ कला और बभनगांवा को आपूर्ति बंद हो गई। बताते चलें कि खानकला ग्राम पंचायत में प्रसिद्ध ऐतिहासिक छावनी बाजार स्थित है। यह व्यवसायिक बाजार है। यहां पर करीब 5000 लोग रहते हैं। इनको स्वच्छ पेयजल देने के लिए 18 वाटर पोस्ट स्थापित थे। आज के समय में एक दर्जन वाटर पोस्ट पूरी तरह बंद हैं तो चार या पांच कभी-कभी चलते हैं। इस समस्या का समाधान करने के लिए 2019 प्रस्ताव आया कि प्रतापगढ़ कला में एक अतिरिक्त वाटर हेडटैंक स्थापित कर दिया जाए। इससे हाईवे के दक्षिण स्थित गांवों में पानी की आपूर्ति होती। जगह भी चिह्नित कर ली गई। प्रस्ताव भी शासन और विभाग को गया, लेकिन अभी तक इस पर काम नहीं शुरू हो पाया। दो माह पहले भी सर्वे जल निगम ग्रामीण ने कराते हुए समस्याओं को चिह्नित किया, लेकिन अभी तक उस पर कोई अमल नहीं हो पाया। शुद्ध पेयजल के लिए इधर-उधर भटकते हैं बच्चे बस्ती। पानी की किल्लत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पानी की टंकी के पास ही प्राथमिक विद्यालय छावनी स्थित है, जो जितियापुर राजस्व गांव में है। यहां के लिए लगा वाटर पोस्ट बंद है और बच्चों को पानी नहीं मिल पाता है। पास में ही कस्तूरबा बालिका विद्यालय विक्रमजोत, यहां पर भी पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। इसके पीछे का कारण भी काफी हैरान करने वाला है। इन दोनों विद्यालयों को आपूर्ति करने वाली पाइप लाइन लीकेज हो गई। शिक्षिका सरोज देवी बताती हैं कि पानी सड़कों पर बहने लगा। इस लीकेज को ठीक करने के बजाए पाइप लाइन की आपूर्ति ही बंद कर दी गई और दोनों विद्यालयों के बच्चे स्वच्छ पेयजल के लिए इधर-उधर भटकते हैं। लेकिन इस पर जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे है। शिकायतें -पाइप लीकेज के चलते तीन गांव की पेयजल आपूर्ति ठप है। -उचित मरम्मत नहीं होने के चलते वाटर पोस्ट टूटे हुए हैं। -कस्तूरबा व प्राथमिक विद्यालय छावनी की पेयजल आपूर्ति ठप है। -छावनी बाजार में लगे एक दर्जन वाटर पोस्ट सूखे हैं। -पानी की टंकी से बीच-बीच में पेयजल आपूर्ति ठप हो जाती है। -छावनी में हाईवे के नीचे से पाइप के सहारे पेयजल आपूर्ति की समस्या है। सुझाव - पाइप की गुणवत्ता बेहतर रखते हुए लीकेज बंद कराया जाए। - सभी टूटे और सूखे वाटर पोस्ट की मरम्मत कर आपूर्ति मिले। -छावनी के विद्यालयों के वाटर पोस्ट की आपूर्ति बहाल करें। - छावनी बाजार में सूखे वाटर पोस्ट से पानी की आपूर्ति हो। - पंप हाउस व पेयजल व्यवस्था का समुचित पर्यवेक्षण हो। - जितियापुर से निकले पाइप को हाईवे से पास कर जलापूर्ति बहाल हो। बोले लोग जलकल विभाग का प्रोजेक्ट है। बताया जा रहा है कि इसका काम जैक्सन कंपनी को मिला है। उसने खराब पड़े पाइप लाइन को ठीक कराने के लिए सर्वे किया है। लेकिन अभी तक काम अधूरा है। हारुन अहमद खानकला में लगे वाटर पोस्ट से कभी-कभार ही पानी की सप्लाई मिलती हैं। यह अक्सर खराब रहता है। जब से यह पेयजल परियोजना बनी है, तब से लेकर स्थिति में सुधार नहीं हुआ। भवानी गुप्ता छावनी कस्बे के मुख्य बाजार में इकलौता वॉटर पोस्ट बना हुआ था, जो छह माह बंद है। कस्बे में आने वाले लोगों को शुद्ध पेयजल के लिए भटकना पड़ता है। वे बोतल बंद पानी खरीदते हैं। श्रीश्याम जायसवाल मैं जितियापुर में बतौर प्राइवेट ऑपरेटर काम कर रहा हूं। पानी की आपूर्ति के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है, जिससे लोगों को शुद्ध पेयजल मिल सके। कभी-कभी समस्या होती है। राम बहोर गांव में पेयजल परियोजना के तहत ओवरहेड टैंक बना है। पाइप लाइन बिछाई गई है। लेकिन शुरू करते ही कई जगह लीकेज हो गया था। जिसको कार्यदाई संस्था सही कर रही है। नन्हे यादव हमारे ग्राम पंचायत घिरौलीबाबू गांव में बनी पानी की टंकी से एक माह से पानी आपूर्ति हो रहा है पीने के पानी के लिये इससे पहले देशी नल से उपयोग करती थी। लेकिन पानी की आपूर्ति लगातार नहीं होती है। कलावती देवी हमारे गांव घिरौली बाबू में सरकारी पानी की टंकी से करीब एक माह से चालू हुई है। अब हमारे घर पर लगी टोटी में पानी आ रहा है। यह आपूर्ति सुबह-शाम होती है, आपूर्ति का समय बढ़ाया जाना चाहिए। सुशीला देवी पेयजल के लिए टंकी बनी हुई है, पाइप लाइन बिछ गई है। पानी का उपयोग किया जा रहा है। लेकिन बीच-बीच में पानी की सप्लाई बंद हो जाती है। इस कारण परेशानी होती है। राजकुमारी घिरौली बाबू गांव की सरकारी पानी की टंकी से हमारे गांव गंगापुर दूबे में पिछले पांच साल से सप्लाई नहीं आ रही थी। पिछले माह प्रयास करने पर सप्लाई शुरू हुई है। पाइप लाइन बढ़ाने की जरूरत है। त्रिभुवन प्रसाद विक्रमजोत ब्लॉक के अमोढ़ा ग्राम पंचायत में बनी पानी की टंकी पांच वर्षों से बंद है। घर के पास टोटी लगाई गई थी। वह क्षतिग्रस्त हो गई है। अब हम लोग का परिवार देसी नल से मिलने वाले पानी का प्रयोग कर रहा है। जुबेरा खातून अमोढ़ा में एक दशक पहले पानी की टंकी बनी है। यह पिछले कई वर्षों से पानी बंद है। घर के पास टोटी लगाई गई है। पानी नहीं आने के कारण बेकार पड़ा है। पीने के लिए छोटे देसी नल का सहारा है। बजरंगी गांव में सरकारी पानी की टंकी एक दशक पहले बनी है। पानी की टंकी बनाने से आस जगी थी कि लोगों को शुद्ध पानी मिलेगा। पांच वर्ष बाद भी बद्रीपुरवा में पानी की आपूर्ति नहीं हुई है। राधेश्याम चौहान पानी की टंकी बनी तो उम्मीद जगी कि विद्यालय के बच्चों को स्वच्छ पेयजल मिलेगा। पानी की टोंटी भी लगाई गई और कनेक्शन भी हो गया। लेकिन पांच वर्ष बाद भी स्कूल में हैंडपंप के सहारे पेयजल व्यवस्था है। संजय सिंह अमोढा सरकारी वाटर टंकी पर हमने 2012 से 2020 तक ऑपरेटर के तौर पर काम किया। हमें 3000 रुपये का मानदेय मिलता था। 2020 के बाद से काम करने के बाद भी मानदेय नहीं मिला है। इसहाक अली गुणवत्ता ठीक नहीं होने से आए दिन पाइप लीकेज हो जाती है, जिससे परेशान होती है। पिछले 15 दिनों से लीकेज के चलते पानी की आपूर्ति ठप है। पंप चलने पर भी पानी नहीं मिलता है। संतू प्रसाद अक्सर कुछ स्थानों पर पाइप लीकेज की समस्या हो रही है। लीकेज के चलते पानी बहता रहता है। पानी का नुकसान होने के साथ ही आम जनता को परेशानी होती है, इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए। नरेन्द्र बहादुर सिंह बोजे जिम्मेदार स्वच्छ पेयजल भारत सरकार और प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है। अब स्वच्छ पेयजल पर फोकस है। हर घर नल योजना का संचालन किया जा रहा है। अधिकांश ग्राम पंचायतों में पाइप पेयजल परियोजना के तहत ओवरहेड टैंक बनाए जा रहे हैं। इस कार्य का सघन पर्यवेक्षण हो रहा है। जहां कहीं पर भी पेयजल आपूर्ति में बाधा की बात आ रही है, उसे ठीक करने का निर्देश दिया जा रहा है। विभागीय अधिकारियों को यात्रिंक व विद्युत खराब सहित आपूर्ति लाइन की गड़बड़ी को ठीक करने का निर्देश दिया गया है। रवीश गुप्ता, जिलाधिकारी, बस्ती
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