Welders in Bijnor Demand Permanent Market and Increased Wages Amid Rising Costs बोले बिजनौर : सस्ती बिजली और स्थायी बाजार की दरकार, Bijnor Hindi News - Hindustan
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बोले बिजनौर : सस्ती बिजली और स्थायी बाजार की दरकार

Bijnor News - बिजनौर में 600 से अधिक वेल्डर स्थाई मार्केट की मांग कर रहे हैं। इनकी मजदूरी 30 वर्षों से नहीं बढ़ी है, जबकि महंगाई बढ़ रही है। वेल्डरों ने बिजली की दरें कम करने, आयुष्मान कार्ड बनवाने और लोन की सुविधा...

Newswrap हिन्दुस्तान, बिजनौरSat, 12 April 2025 04:16 AM
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बोले बिजनौर : सस्ती बिजली और स्थायी बाजार की दरकार

जिले में 600 से अधिक वेल्डर वेल्डिंग की दुकानों पर पसीना बहाकर परिवार पाल रहे हैं। जिला मुख्यालय के वेल्डरों को अभी तक स्थाई मार्केट की मांग पूरी नहीं हुई है। आवाज उठाने के बाद भी सड़कों के किनारे खोखे लगाकर वेल्डिंग का काम कर रहे हैं। धीरे-धीरे काम कम होने पर वेल्डर अन्य कामों को अपनाकर आजीविका कमा रहे हैं। कई समस्याओं से घिरे वेल्डर कहते हैं कि इस काम में अब भविष्य नजर नहीं आ रहा है। महंगाई बढ़ रही है और काम कम हो रहा है। वेल्डरों का कहना है कि बिजली महंगी हो रही है। बिजली सस्ती होगी तो वेल्डर को थोड़ी राहत मिलेगी। वेल्डर को स्थाई मार्केट उपलब्ध कराया जाए। मांग की कि आयुष्मान कार्ड बनने चाहिए। जिससे अच्छे अस्पतालों में आसानी से उपचार मिल सके।

बिजनौर जिला मुख्यालय पर वेल्डिंग की करीब 300 दुकानें हैं और इन दुकानों पर 600 से अधिक वेल्डर वेल्डिंग का काम कर रहे हैं। काफी वेल्डर तो पिछले 40 साल से वेल्डिंग का काम कर रहे हैं। मुरसलीन, इरशाद अहमद, सरताज, वरीस आदि वेल्डर ने बताया कि सबसे बड़ी समस्या यह है कि लोहे का यंत्र बनाने पर आज भी वेल्डर की मजदूरी नहीं बढ़ी है। वेल्डर को आज भी लोहे का यंत्र बनाने पर 10 रुपये किलो मजदूरी मिलती है। वेल्डरों ने कहा कि 1990 से लेकर आज भी 10 रुपये किलो मजदूरी ही चल रही है जो का काफी कम है। वेल्डर की मजदूरी में महंगाई के इस दौर में इजाफा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिला मुख्यालय पर अलग अलग स्थानों पर करीब 300 वेल्डर की दुकानें है जबकि वेल्डर को जिला प्रशासन द्वारा एक स्थाई मार्केट उपलब्ध कराना चाहिए। सड़क किनारे खोखे डालकर काम करते हैं और आए दिन नगर पालिका द्वारा अतिक्रमण के नाम पर शोषण किया जाता है। वेल्डर का अतिक्रमण के नाम पर शोषण नहीं होना चाहिए। इरफान, जसवंत कुमार, नफीस ने कहा कि बिजली महंगी हो गई है। महंगाई के इस दौर में बिजली महंगी होने के कारण कमाई नहीं हो पाती है। वेल्डर ने कहा कि बिजली की दरें सस्ती होनी चाहिए। अगर ऐसा होगा तो वेल्डर को नुकसान नहीं होगा। कहा कि हमें ग्राम उद्योग द्वारा लोन नहीं मिलता है।

काफी कोशिश करने के बाद भी फाइल को रिजक्ट कर दिया जाता है। अगर लोन आसानी से मिले तो कारोबार को बढ़ाया जा सकता है। इरफान, भीष्म, इरशाद अहमद, विकास कुमार ने कहा कि पहले ग्राहक सीधे वेल्डर से सम्पर्क करते थे। काम मिलने पर कुछ कमाई हो जाती थी लेकिन अब इस काम में ठेकेदारी प्रथा शुरू हो गई है। काम ठेकेदार लेकर हमसे ही कराते हैं। इस नए चलन से वेल्डर की कमाई प्रभावित हुई है। हमारी कमाई का एक हिस्सा ठेकेदार ले जाता है। वेल्डरों ने कहा कि पहले किसान लोहे की बुग्गी से लेकर बड़ी संख्या में ट्राली बनवाते थे, लेकिन अब बुग्गी और ट्राली पहले की अपेक्षा कम बन रही है। धीरे-धीरे कारोबार कम हा रहा है। वेल्डरों ने कहा कि काफी वेल्डर तो वेल्डिंग का काम छोड़कर ई-रिक्शा चलाने पर आ गए हैं।

गांव-गांव वेल्डिंग मशीन लेकर घूम रहे लोगों ने छीना काम

वर्तमान में काफी वेल्डर ऐसे हैं जो साइकिल पर वेल्डिंग मशीन लेकर गांव गांव घूम रहे हैं और गांवों में लोगों के लोहे के काम कर रहे हैं। इससे गांव के लोगों का काफी काम गांव में आसानी से हो जाता है। वह काम कराने के लिए शहरों का रुख नहीं कर रहे हैं। इससे भी शहर में काम का इंतजार कर रहे वेल्डर का काम प्रभावित हुआ है।

वेल्डरों के बनने चाहिए आयुष्मान कार्ड

वेल्डिंग का काम कर रहे वेल्डरों ने कहा कि हमारे भी आयुष्मान कार्ड बनने चाहिए। काफी लोग ऐसे हैं जिनके आयुष्मान कार्ड नहीं है। अगर आयुष्मान कार्ड बनेंगे तो बड़ी राहत मिलेगी। हम लोगों के पास इतना पैसा नहीं होता है कि बीमार होने पर अपना उपचार अच्छे अस्पतालों में आसानी से करा सकें।

आए दिन वेल्डर होते हैं चोटिल, नहीं मिलती कोई राहत

अपनी समस्याओं को लेकर इकट्ठा हुए वेल्डरों ने कहा कि आए दिन लोहे का काम करने पर वेल्डर को चोट लग जाती है। कभी कभी तो बड़ी चोट लग जाती है। लाखों रुपये तक उपचार में खर्च हो जाते हैं। वेल्ड़रों ने कहा कि सरकार को हमारे लिए कोई ऐसी योजना चलानी चाहिए जिससे वेल्डर को चोट लगने पर आसानी से उपचार हो सकें। अगर योजना चलाई जाए तो उसका व्यापक प्रचार प्रसार होना चाहिए। इससे वेल्डरों को बड़ी राहत मिलेगी।

कोट---

बोले बिजनौर

वेल्डिंग के काम के लिए उनको ग्रामोद्योग से एक ही स्थान पर जगह नहीं दी गई है। जिससे उनको परेशानी होती है। - मुरसलीन

वेल्डिंग कारोबार के लिए शासन से उन्हें कोई छूट नहीं मिलती है। कारोबार के लिए सस्ती दरों पर बिजली उपलब्ध कराई जाए। -इरशाद अहमद

उनको कारोबार के लिए शासन से आसानी से लोन नहीं दिया जाता हैं। जिससे वह अपना कारोबार को बढ़ा नहीं पाते है। उनको आसानी से लोन मिलने की व्यवस्था की जाए। - सरताज

वैल्डिंग का कारोबार कम होने के चलते काफी संख्या में वेल्डर काम छोड़ चुके है। ज्यादातर वेल्डर ई-रिक्शा चला रहे है। - वरीस

वैल्डिंग के काम में चोटें बहुत लगती हैं। जिस पर उनका काफी पैसा इलाज में लग जाता है। उनको चिकित्सका की सुविधा दिलाई जाए। -जसवंत कुमार

वेल्डरों को ग्रामोद्योग से कोई सुविधा नहीं दिलाई जाती है। उनको प्रशिक्षण की व्यवस्था कराई जाए। जिससे उनकी समस्याओं का समधान हो सके। - नफीस

करीब 30 वर्षों से उनकी मजदूरी में कोई इजाफा नहीं हुआ है। उनको पहले भी 10 रूपये मजदूरी मिलती है। आज भी वही है। जिससे काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। - भीष्म

करीब 30-35 वर्षों से उनकी मजदूरी में कोई इजाफा नहीं हुआ है। जबकि बाजार में महंगाई कई गुना बढ़ चुकी है। उनको आर्थिक सकंट से गुजरना पड़ता है। - इरशाद अहमद

वेल्डिंग का काम करने वाले वेल्डरों के आयुष्मान कार्ड बनवाए जाए। जिससे उनको गंभीर बीमारी पर सहूलियत मिल सके। - इरफान

वेल्डरों को बिचौलियों से नुकसान उठाना पड़ता है। लोग बिल्डिंग का ठेका ले लेते है और बाद में उनसे कम दामों में काम कराते है।

-फरीद

वेल्डरों को का ज्यादा काम बिजली से होता है। वेल्डरों को बिजली कम दामों में उपलब्ध कराई जाए। - मौ. कैफ

सड़क किनारे खोखे रखकर काम करने वाले वेल्डरों को पुलिस और प्रशासन अतिक्रमण के नाम पर परेशान करता है। उनको परेशान न किया जाए। - विकास कुमार

लगातार काम करने से वेल्डरों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां घेर लेती हैं। वेल्डरों का समय-समय पर स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाए।

-मंसूर अहमद

सुझाव

- वेल्डरों का समय-समय पर कराया जाए चिकित्सा परीक्षण।

- वेल्डरों को सस्तें दामों पर बिजली उपलब्ध कराई जाए।

- वेल्डरों के आयुष्मान कार्ड बनवाए जाए।

- वेल्डरों के काम के दामों में किया जाए इजाफा।

- कारोबार बढ़ाने के लिए आसानी से लोन दिया जाए।

शिकायत--

- लंबे समय तक काम करने से हो जाती है स्वास्थ्य संबंधी परेशानी।

- वेल्डरों के नहीं बनाए गए है आयुष्मान कार्ड।

- वेल्डरों को नहीं दी जाती है बिजली दरों में छूट।

- मजदूरी कम होने से काफी वेल्डर छोड़ चुके है काम।

- लोन के लिए वेल्डरों को काटने पड़ते है बैंकों के चक्कर

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