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मुशायरा : सरपरस्ती भी कही जाये तो बस नाम की है...

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Newswrap हिन्दुस्तान, बुलंदशहरThu, 10 April 2025 08:24 PM
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मुशायरा : सरपरस्ती भी कही जाये तो बस नाम की है...

जिला कृषि, औद्योगिक एवं सांस्कृतिक प्रदर्शनी में बुधवार रात कुल हिंद मुशायरे का शानदार आयोजन किया गया। मुशायरे में शायरों ने कलाम पढ़कर खूब वाह-वाही लूटी। विश्वप्रसिद्ध शायर प्रो. वसीम बरेलवी और बदायूं से आए मशहूर शायर डा. हिलाल बदायूंनी समेत अन्य शायरों ने एक से बढ़कर एक कलाम पेश कर शमां बांध दिया। इस दौरान मुशायरे के संयोजक नदीम अख्तर को आर्टिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन एवं नव आरंभ फाउंडेशन के जरिए उर्दू अदब को लेकर शाने अदब अवार्ड से सम्मानित किया गया। कुल हिंद मुशायरे का शुभारंभ मुख्य अतिथि अनूपशहर विधायक संजय शर्मा और विशिष्ट अतिथि प्रदर्शनी समिति के उपाध्यक्ष ठा. सुनील सिंह ने शमां रोशन कर किया। शायर निजाम राही ने खुदा की शान में नात ए पाक एवं प्रसिद्ध शायरा शबीना अदीब ने कौमी तराना पढ़कर मुशायरे की शुरुआत की। मुशायरे में प्रो. वसीम बरेलवी ने पढ़ा कि सरपरस्ती भी कही जाए तो बस नाम की है, आसमां तेरी बुलंदी मेरे किस काम की है। कानपुर के वरिष्ठ शायर जौहर कानपुरी ने वतन पे मिटना तो है नेक काम अपने लिए, मेरे नबी ने कहा है वतन से इश्क करो, कलाम पढ़ा। प्रसिद्ध शायरा शबीना अदीब ने अपनी डाली से बिछड़े अलग हो गए, पेड़ के सारे पत्ते अलग हो गए। मुजफ्फरनगर से आए शायर खुर्शीद हैदर ने गैर परों पर उड़ सकते हैं, हद से हद दीवारों तक। दिल्ली के शायर मंगल नसीम ने जाते हुए वो बोलकर एक ऐसा सच गया, जो सच हर एक शख्स का चेहरा खुरच गया। डा. अना देहलवी ने पत्थरों में हर पत्थर देवता नहीं होता। देवबंद के मजाहिया शायर जहाज देवबंदी ने हैसियत अपनी जमाने को दिखाने के लिए, मैंने एक आदमी रखा है खुजाने के लिए। लखनऊ की शायरा वंदना अनम ने सुनाया इश्क तुमसे जो कर लिया मैंने, अपने दामन को भर लिया मैंने। शायर डॉ. हिलाल ने मुकद्दर में हमारे कब है बिस्तर, सफर में नींद पूरी कर रहे हैं। बेहट के शायर डा.साबिर बेहटवी ने बच्चा जो भीख मांगने उसकी तरफ चला, जरदार ने चढ़ा लिया शीशा भी कार का, लखनऊ के शायर फहद रईस अंसारी ने सुनाया कि किसको फुर्सत के तेरे नाज उठाने आता, हम ना होते तो तुझे कौन मनाने आता। देर रात चले मुशायरा में शायरों को श्रोताओं ने खूब सराहा।

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