Mock Drill Initiated in Response to Pahalgam Attack Evoking Memories of Past Wars with Pakistan and China मॉक ड्रिल : युद्ध की यादें: खिड़कियों पर लगा दिए थे कागज, हवाई जहाज की गड़गड़ाहट सुनकर जमीन पर लेट जाते थे लोग, Bulandsehar Hindi News - Hindustan
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मॉक ड्रिल : युद्ध की यादें: खिड़कियों पर लगा दिए थे कागज, हवाई जहाज की गड़गड़ाहट सुनकर जमीन पर लेट जाते थे लोग

Bulandsehar News - खिड़कियों पर लगा दिए थे कागज, आसमान में हवाई जहाज देख जमीन पर लेट जाते थे लोग खिड़कियों पर लगा दिए थे कागज, आसमान में हवाई जहाज देख जमीन पर लेट जाते थ

Newswrap हिन्दुस्तान, बुलंदशहरWed, 7 May 2025 04:00 AM
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मॉक ड्रिल : युद्ध की यादें: खिड़कियों पर लगा दिए थे कागज, हवाई जहाज की गड़गड़ाहट सुनकर जमीन पर लेट जाते थे लोग

नरसेना। पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान पर जवाबी कार्रवाई के लिए देश के विभिन्न जिलों में राहत और बचाव कार्य के लिए मॉक ड्रिल शुरू हो गई है। युद्ध की स्थिति में जिले में भी मॉक ड्रिल को लेकर तैयारियां की जा रही हैं। पाकिस्तान और चीन से हुए युद्ध की यादें ताजा कर गांव में एक बार फिर से चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। गांव के बुजुर्ग लोग युद्ध के उस दौर को फिर से अपने सामने देखकर तरह-तरह की चर्चा कर रहे हैं। गांव नरसेना निवासी 90 वर्षीय रामरतन सिंह ने कहा कि उन्होंने चीन और पाकिस्तान से हुए तीन युद्धों को अपने आंखों से देखा है।

युद्ध शुरू होने के बाद सरकार द्वारा ब्लैक आउट जारी किया गया था उसे दौरान गांव में बिजली नहीं आती थी लेकिन दुश्मन के हमले से बचने के लिए लैंप के उजाले को ढकने के लिए खिड़कियों पर कागज चिपका दिए गए थे। 95 वर्षीय जगदीश सिंह राणा ने कहा कि आसमान में जहाज की गड़गड़ाहट देखकर लोग जमीन पर लेट जाते थे। स्कूल कॉलेज की छुट्टी हो गई थी। महेश राणा ने कहा कि सरकार द्वारा पहले भी युद्ध के दौरान लोगों को प्रशिक्षित किया गया था। आज वही स्थिति बन रही है सरकार द्वारा लोगों को मॉक ड्रिल कर जागरूक किया जा रहा है। राजू राणा ने कहा कि आज के समय में संचार का माध्यम भी काफी दुरुस्त हुआ है पहले हुए युद्धों के दौरान सरकार को लोगों तक मैसेज पहुंचने में काफी मशक्कत करनी पड़ती थी। उन्होंने कहा कि युद्ध के समय बचाव के लिए लोगों को गांव में जागरूक कर रहे हैं। मॉक ड्रिल को लेकर गांव में जगह-जगह चर्चाएं हो रही है और लोग जरूरी सामान्य एकत्रित कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि वह सरकार के हर कदम में उसके साथ हैं लेकिन पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया जाना चाहिए। इस दौरान बेदू, सुनील राणा, ओमवीर सिंह, अखिलेश राणा आदि रहे। कोट - मॉक ड्रिल को देखकर चीन और पाकिस्तान से हुए युद्ध की यादें ताजा हो गई। उसे दौरान रात में घरों की खिड़कियों पर कागज लगाकर ब्लैक आउट किया जाता था। -राम रतन सिंह भारत ने पड़ोसी मुल्कों से तीन युद्ध लड़े, तीनों उन्हें आज भी याद है, कैसे आसमान में उड़ने वाले हवाई जहाज की गड़गड़ाहट को देखकर लोग घरों में छुप जाते थे। स्कूल कॉलेज की छुट्टी हो गई थी। भारत ने दुश्मन को धूल चटाई थी। -जगदीश राणा सरकार द्वारा की जा रही मॉक ड्रिल को देखते हुए गांव में जन जागरण करते हुए लोगों को युद्ध की स्थिति से खुद को बचाने के लिए जागरूक किया जा रहा है। -राजू राणा, पहलगाम में पाकिस्तानी आतंकवादियों ने निर्दोष भारतीयों को मारा है। इसके लिए उसे खामियाजा भुगतना पड़ेगा। पूरा देश सरकार के साथ खड़ा है पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए। -सुखबीर सिंह

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