Temperature Surge Causes Tomato Prices to Plummet in Bulandshahr गर्मी ने समय से पहले लाल कर दिया टमाटर, खेतों में फसल बर्बाद, Bulandsehar Hindi News - Hindustan
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गर्मी ने समय से पहले लाल कर दिया टमाटर, खेतों में फसल बर्बाद

Bulandsehar News - बुलंदशहर में बढ़ते तापमान के कारण टमाटर की फसल समय से पहले पक गई है, जिससे मंडियों में टमाटर की आवक बढ़ गई है और दाम गिर गए हैं। किसान लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं और सैकड़ों हेक्टेयर फसल खेतों में...

Newswrap हिन्दुस्तान, बुलंदशहरThu, 10 April 2025 02:06 AM
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गर्मी ने समय से पहले लाल कर दिया टमाटर, खेतों में फसल बर्बाद

बुलंदशहर। बढ़ते तापमान ने टमाटर को समय से पहले लाल कर दिया है। ऐसे में मंडियों में टमाटर की आवक एकदम बढ़ने से दाम औंधे मुंह गिरे हैं। बाजारों में अब टमाटर इतने सस्ते हैं कि उनकी लागत तक नहीं निकल रही। इस कारण जिले के किसानों ने सैकड़ों हेक्टेयर फसल को खेतों में ही छोड़ दिया है। मांग की तुलना में आवक आपूर्ति अधिक होने से दामों में भारी स्तर पर गिरावट आई है। मौजूदा समय में मंडियों में 50 रुपये से लेकर 200 रुपये तक की टमाटर की करेट बिक रही है। बुधवार को मंडी में टमाटर कम था तो 250 रुपये की करेट बिकी थी। जिले में करीब 2500 हेक्टेयर पर टमाटर की फसल का उत्पादन किसान करते हैं। खासकर गंगा किनारे के क्षेत्रों में टमाटर लगाया गया है। फरवरी माह में औसतन तापमान बढ़ने लगा और टमाटर की फसल समय से पहले लाल हो गई। ऐसे में दूसरे जिलों से मंडियों में टमाटर आने लगा। यही हाल अब आस-पास के जिलों में है। बुलंदशहर में टमाटर पक गया और मंडियों में भरमार हो गई। मंडियों में टमाटर पांच रुपये किलो बिक रह है, जबकि बाजारों में 10 से 15 रुपये किलो तक के दाम हैं। किसानों को इस समय टमाटर की तोड़ाई और मजदूरी तक निकालनी भारी हो रही है।

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क्या कहते हैं उद्यान वैज्ञानिक

मेरठ कृषि विवि से उद्यान वैज्ञानिक डा. अनंत कुमार बताते हैं टमाटर की फसल को अधितम तापमान 30 से 35 और न्यूनतम 17 डिग्री तापमान चाहिए। उन्होंने बताया कि फरवरी माह में तापमान बढ़ना शुरू हो गया था तो इससे टमाटर पक गया है। पूरे प्रदेश में अब तापमान बढ़ा है तो टमाटर की फसल पकने के साथ-साथ झुलस गई है। क्योंकि अब तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक आ गया है। उन्होंने बताया कि आमतौर पर यह फसल धीरे-धीरे तैयार होती है। लेकिन मौसम में बदलाव के कारण पूरी फसल पक कर बाजारों में आ गई है। इससे दामों में गिरावट आ गई है। उन्होंने बताया कि किसान टमाटर या अन्य सब्जी की फसल में दिन में पानी न लगाए रात्रि में वह पानी दें वह भी इतना लगाएं कि फसल उसे सोख लें। यदि वह दिन में पानी लगाते हैं तो वह खेत में भर जाता है और गर्म होकर फसल को नुकसान पहुंचाता है।

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पहले 100 रुपये पार हो गए थे दाम

कुछ समय पहले टमाटर के दाम बाजारों में 100 रुपये के पार हो गए थे, मगर आज हालात यह हैं कि 100 रुपये में पूरी 20 से 25 किलो की करेट आ रही है। यह पिछले साल की बात है जब टमाटर के इतने महंगे हुए थे। किसानों की मानें तो अब खेत से टमाटर तोड़ने का मन नहीं है। कर्णवास निवासी सब्जी किसान गगन बघेल ने बताया कि तोड़ाई वाले गेहूं कटाई के बाद आने के लिए बोल रहे हैं। खेतों में इतने के टमाटर नहीं हैं जितने तोड़ाई वाले मांग रहे हैं।

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क्या बोले किसान

सरकार करे मदद

मौजूदा समय में टमाटर की फसल की हालत बुरी है। सरकार को इस तरफ ध्यान देना चाहिए। दो बीघा में टमाटर लगाए थे, जो झुलस गए और बाजारों में दाम नहीं मिल रहे हैं। पूरी फसल बर्बाद हो गई है। खेतों में टमाटर ऐसे ही पड़ा है। मंडी तक फसल को ले जाने के लिए पैसा नहीं है। सरकार कुछ मुआवजा दे तो किसानों का भला हो।

-कपिल कुमार, सब्जी किसान

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पूरी मेहनत बेकार गई

एक बीघा में टमाटर बोए थे, सब बेकार हो चुके हैं। टमाटर की फसल को बहुत मोटा नुकसान है। मौसम ने टमाटर की फसल को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है। खेत में टमाटर की फसल को ऐसे ही छोड़ दिया है। जब दाम ही नहीं मिल रहे तो मंडी ले जाने से क्या फायदा। यदि उचित दाम नहीं मिले तो फसल को जोत दूंगा।

-खुशीराम लोधी, सब्जी किसान एवं आढ़ती

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कोट--

टमाटर की फसल का चक्र मौसम ने बिगाड़ा है। जिले में करीब 2500 हेक्टेयर पर टमाटर की फसल का उत्पादन है। तापमान बढ़ने से फसल झुलसी है और एकदाम बाजार में आने से दाम घट गए हैं। आने वाले दिनों में दाम सामान्य होने की उम्मीद है। -जगदीश प्रसाद, जिला उद्यान अधिकारी

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