-बुलंदशहर आई पाकिस्तानी महिलाएं अटारी ऑर्डर के लिए रवाना
Bulandsehar News - पहलगाम हमले के बाद बुलंदशहर आए पाकिस्तानी नागरिकों को वापसी का फरमानपहलगाम हमले के बाद बुलंदशहर आए पाकिस्तानी नागरिकों को वापसी का फरमानपहलगाम हमले के

कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में पाक परस्त आतंकवादियों द्वारा कई पर्यटकों की हत्या किए जाने के बाद तनाव चरम पर है। बुलंदशहर आए पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी गई है। पांच में से चार पाकिस्तानी नागरिकों ने वापस जाने की औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। अटारी बॉर्डर के लिए चार पाकिस्तानी महिलाओं को रवाना कर दिया गया। शेष एक नागरिकों की भी आगामी एक-दो दिन में वापस भेजने की कार्रवाई कर ली जाएगी। हालांकि अभी लॉग टर्म वीजा पर बुलंदशहर में रहने वाले पाकिस्तानी नागरिकों को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। लॉग टर्म वीजा पर अधिकांश महिलाएं हैं, जो यहां निकाह कर सालों से रह रही हैं और उनका भरा-पूरा परिवार भी है।
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा हमला कर कई पर्यटकों को मौत के घाट उतार दिया गया, जबकि कई पर्यटक गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए। इस घटना के बाद 23 अप्रैल को केंद्र सरकार ने जहां सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया। इसके साथ ही अटारी पोस्ट बंद करते हुए पाकिस्तानी नागरिकों को वीजा स्कीम पर रोक लगा दी। केंद्र सरकार के निर्णय के बाद जिला बुलंदशहर में आने वाले पाकिस्तानी नागरिकों को लेकर स्थानीय अभिसूचना इकाई(एलआईयू) सतर्क हो गई और पाक नागरिकों को वापस भेजने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। जिला बुलंदशहर में विजिटर वीजा पर पांच पाकिस्तानी महिलाएं आई हुई हैं। एलआईयू द्वारा पाकिस्तानी नागरिकों से संपर्क कर उन्हें वापस जाने के लिए आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के लिए कह दिया है।
अटारी बॉर्डर के लिए रवाना हुई चार पाकिस्तानी महिलाएं
बुगरासी। जम्मू कश्मीर में हुए आतंकी हमले में दो दर्जन से अधिक लोगों की जान जाने के बाद सरकार ने सख्त फैसला लेते हुए हिन्दुस्तान आये पाकिस्तानियों को तुरन्त अपने देश वापस जाने के निर्देश दिये। इसके चलते दो दिन पूर्व गांव चंदियाना में आई मां बेटी समेत चार पाकिस्तानी महिलाएं वापस जाने के लिए अटारी बॉर्डर रवाना हो गई हैं। बुगरासी के गांव चंदियाना में पूर्व प्रधान पति शाद खां की बहन खालदा खानम और भांजी सबाहत खानम दो दिन पहले ही पाकिस्तान से आई थीं। शाद खां ने बताया कि 45 दिन के वीज़ा पर आई बहन और भांजी को परिवारिक प्रोग्राम में भी शामिल होना था, किंतु सरकार के फैसले के बाद उनके अरमानों पर पानी फिर गया। शाद खां अपनी बहन और भांजी को अटारी बॉर्डर छोड़ने के लिये गुरुवार की सुबह निकल गए। एलआईयू ऑफिस में आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद पूर्व प्रधान उनको विदा करने के लिए अटारी बॉर्डर गए हैं। शाद खां ने बताया कि उन्हें अटारी बॉर्डर छोड़कर वापस लौटेंगे। इसके समेत स्याना क्षेत्र से ही दो अन्य पाकिस्तानी महिला नागरिकों के वापस जाने के लिए अटारी बॉर्डर जाने की जानकारी मिली है।
चार स्याना और एक खुर्जा क्षेत्र में हैं पाक नागरिक
बुलंदशहर में विजिटर वीजा पर आए पाकिस्तानी नागरिकों में से चार लोग स्याना क्षेत्र में अपने रिश्तेदारों के यहां रह रहे हैं, जबकि एक महिला खुर्जा क्षेत्र में अपने मायके में रूकी हुई है। विजिटर वीजा पर बुलंदशहर जिले में आने वाली पाकिस्तानी महिलाओं में खानम खालिदा, खान सबादत, नसाबा, मरियम महमूद और रूबेदा इरशाद शामिल हैं।
लॉग टर्म वीजा पर 18 पाक नागरिक
बुलंदशहर में लॉग टर्म वीजा पर 18 पाकिस्तानी नागरिक मौजूद हैं। इनमें अधिकांश महिलाएं हैं, जिनको यहां कई दशक बीत चुके हैं। यह महिलाएं पाकिस्तान से बुलंदशहर में रहने वाले अपने रिश्तेदारों अथवा परिचितों से शादी करने के बाद लॉग टर्म वीजा पर रह रही हैं। कई महिलाओं की उम्र 50 को पार कर चुकी हैं, किंतु उन्हें भारतीय नागरिकता नहीं मिल सकी है। एक निर्धारित अवधि के बाद लॉग टर्म वीजा को रिन्यू कराना पड़ता है।
छह साल बाद आई, अब फिर लौटना होगा
बुलंदशहर के स्याना क्षेत्र में अपने मायके आईं नसाबा ने बताया कि करीब तीन दशक पहले उनका निकाह पाकिस्तान के कराची शहर में हुआ था। इसके बाद से उनका भारत आना-जाना लगा रहता है। कुछ साल पहले हर साल पाकिस्तान से भारत आना होता था, किंतु अब छह साल बाद वीजा मिलने पर यहां आना हुआ। हालांकि उनके जाने का वक्त नजदीक था, किंतु इस घटना के बाद उन्होंने वापसी की औपचारिकताएं अभी पूरी कर दी हैं। नसाबा खान का कहना है कि उन्हें पहलगाम में हुई घटना के बारे में जानकारी नहीं है, किंतु ऐसी घटनाएं गलत हैं। उनका सिर्फ यही कहना है कि उन्हें वक्त पर वीजा मिलती रहे, ताकि परिजनों से मिलना-जुलना बना रहे।
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