श्रद्धापूर्वक मनाई गई भगवान महावीर स्वामी की जयंती
Deoria News - खुखुन्दू, देवरिया में भगवान पुष्पदंत मंदिर में जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर महावीर स्वामी की जयंती धूमधाम से मनाई गई। जैन अनुयायियों ने अहिंसा के महत्व को याद करते हुए जन्म कल्याणक महोत्सव में भाग लिया।...

-खुखुन्दू, देवरिया (हिन्दुस्तान टीम)। कस्बे के भगवान पुष्पदंत मंदिर में गुरुवार को जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर महावीर स्वामी की जयंती धूमधाम से मनाई गई। इसमें जैन धर्म के अनुयायियों ने बढ़ चढ़कर प्रतिभाग किया। सभी ने एक स्वर से अहिंसा परमोधर्म: का उद्घोष किया।
चैत्र शुक्ल त्रयोदशी को भगवान महावीर स्वामी का जन्म 599 ईसवी पूर्व हुआ था। इसके उपलक्ष्य में जन्म कल्याणक महोत्सव का आयोजन मंदिर में हुआ। सुबह भगवान महावीर स्वामी की सवारी मंदिर परिसर में भ्रमण किया। जैन समाज के लोग श्रद्धापूर्वक महावीर स्वामी के उपदेशों का स्मरण करते हुए पीछे पीछे चलते रहे। कुछ स्थानीय लोगों ने भी इसमें प्रतिभाग किया। इसके बाद विधि विधान से भगवान महावीर स्वामी का अभिषेक किया गया। शांति धारा, पूजन के बाद दिव्य मंगल आरती का आयोजन किया गया। लोगों ने श्रद्धापूर्वक भगवान महावीर स्वामी का स्मरण किया।
मंदिर के प्रबंधक पुजारी बसंत लाल जैन ने बतायाकि महावीर स्वामी ने मानव जीवन के कल्याण का सर्वोत्तम मार्ग बताया है। वह अहिंसा को प्रथम स्थान पर रखते हैं। सत्य अचौर्य, अपरिग्रह और ब्रम्हचर्य भगवान महावीर के बताए प्रमुख सूत्र हैं। इनका पालन करके हम सब स्वयं के जीवन को मंगलमय बना सकते हैं। भगवान महावीर स्वामी ने जीओ और जीने दो और अहिंसा परमोधर्म: का संदेश दिया है। यह सब आज के युद्ध विभीषिका से जूझ रहे संसार में कहीं अधिक प्रासंगिक है। प्रबंधक ने बताया कि अहिंसा आदि पांच महाव्रत का अनुपालन मानव जीवन में सद्भाव की प्रतिष्ठा करता है। उन्होंने कहाकि भगवान महावीर स्वामी ने युवावस्था में ही संन्यास धारण कर विश्व को करुणा रुपी ने नए धर्म से परिचित कराया। भगवान महावीर करुणा के साकार मूर्ति हैं। उनके उपदेश आत्मा को परमात्मा बनाने की कला सिखाते हैं।
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