Devotees kept waiting for Premanand Maharaj padyatra not done for two days due to ill health प्रेमानन्द महाराज को पैदल चलने में दिक्कत, पदयात्रा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, भक्तों में मायूसी, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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प्रेमानन्द महाराज को पैदल चलने में दिक्कत, पदयात्रा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, भक्तों में मायूसी

संत प्रेमानंद महाराज को पैदल चलने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में उनकी पदयात्रा पिछले दो दिनों से नहीं हो पा रही है। महाराज कार से ही आश्रम पहुंच रहे हैं। ऐसे में रातभर उनका इंतजार कर रहे लोगों को मायूस होना पड़ रहा है।

Yogesh Yadav वृंदावन, हिन्दुस्तान संवादThu, 17 April 2025 12:19 AM
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प्रेमानन्द महाराज को पैदल चलने में दिक्कत, पदयात्रा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, भक्तों में मायूसी

खराब स्वास्थ्य से जूझ रहे संत प्रेमानन्द महाराज को रात में निकलने वाली पदयात्रा को फिर से स्थगित करना पड़ा है। दो दिन से वह कार से आश्रम जा रहे हैं। इस कारण श्रद्धालुओं को मायूसी हाथ लग रही है। अभी कुछ और दिन पदयात्रा स्थगित रह सकती है। बुधवार-गुरुवार की रात को भी प्रेमानन्द महाराज सुबह साढ़े चार बजे कार से आश्रम पहुंचे। इस दौरान रात भर उनका इंतजार कर रहे लोगों में कई बेहद भावुक हो गए। कुछ भक्त रोते हुए भी दिखाई दिए। बताया जा रहा है कि उन्हें पैदल चलने में परेशानी हो रही है।

प्रेमानन्द महाराज रात दो बजे श्री कृष्ण शरणम् स्थित निवास स्थान से पैदल चलकर बाराहघाट, परिक्रमा पर श्री हित राधा केली कुंज आश्रम पहुंचते हैं। इसके बाद पूजा-पाठ, प्रवचन, एकांतिक दर्शन और वार्तालाप किया जाता है। 7:30 बजे के बाद वह निवास स्थान पहुंच जाते हैं। यह उनकी दिनचर्या में है, लेकिन दो दिन से उनकी पदयात्रा नहीं निकल रही है। इसके पीछे उनका स्वास्थ्य ख़राब होना बताया गया है।

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पैदल चलने में असमर्थता के कारण वह कार से सुबह साढ़े चार बजे आश्रम पहुंच रहे हैं। पदयात्रा न निकलने से श्रद्धालु बिना दर्शन किये लौट रहे हैं। स्वास्थ्य ठीक हो जाने के बाद प्रेमानन्द महाराज पदयात्रा शुरू करेंगे। बुधवार-गुरुवार की रात को भी वह कार से आश्रम पहुंचे। गौरतलब है कि एक पखवाड़ा पूर्व भी तबीयत बिगड़ने पर वह पैदल चलकर आश्रम नहीं जा सके थे।

इससे पहले पदयात्रा के रास्ते में पड़ने वाली कालोनीवासियों के विरोध के बाद महाराज को अपनी पदयात्रा रोकनी पड़ी थी। हालांकि तब भी आश्रम की ओर से महाराज के स्वास्थ्य का हवाला दिया गया था। बाद में पता चला कि कालोनी वालों को हो रही परेशानी के कारण उन्होंने पदयात्रा स्थगित की है। कालोनी वालों का कहना था कि पदयात्रा के दौरान शोर से उनकी नींद खराब होती है। इसके बाद कालोनी वालों का बड़े पैमाने पर विरोध शुरू हो गया था। आसपास के दुकानदारों ने कालोनी वालों को सामान देना भी बंद कर दिया था। एक दो दिन बाद ही कालोनी वालों ने महाराज से माफी मांग ली और उन्हें अपनी पदयात्रा जारी रखने का निवेदन किया। इस निवेदन के बाद पदयात्रा दोबारा शुरू हुई थी।