आवासीय भूमि पर बना सकेगा डार्मेट्री और हॉस्टल, औद्योगिक निवेश बढ़ाने को योगी सरकार की क्या तैयारी
यूपी में शहरों के प्रभावी मास्टर प्लान के जोनिंग रेगुलेशंस में सार्वजनिक एवं अर्द्धसार्वजनिक इकाइयों के श्रमिकों और प्रबंधन कर्मियों के लिए आवास, हॉस्टल, डार्मेट्री आवासीय भूमि पर बनाने की व्यवस्था की जाएगी।

यूपी की योगी सरकार प्रदेश में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने को इसके आसपास के क्षेत्रों में रहने की बेहतर सुविधा देने के लिए आवासीय भूमि पर हॉस्टल और डार्मेट्री बनाने की सुविधा दे दी गई है। इतना ही तय फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) 20 फीसदी अतिरिक्त खरीद कर निर्माण कराया जा सकेगा। राज्य सरकार प्रदेश में औद्योगिक क्षेत्रों में ही रहने की बेहतर व्यवस्था कराना चाहती है। वह चाहती है कि वहीं पर श्रमिकों, कर्मियों के साथ आने वाले लोगों को बेहतर सुविधाएं मिलें, जिससे स्थानीय लोगों के लिए अधिक से अधिक रोजगार के द्वार खुल सके।
इसके लिए शहरों के प्रभावी मास्टर प्लान के जोनिंग रेगुलेशंस में सार्वजनिक एवं अर्द्धसार्वजनिक इकाइयों के श्रमिकों और प्रबंधन कर्मियों के लिए आवास, हॉस्टल, डार्मेट्री आवासीय भूमि पर बनाने की व्यवस्था की जाएगी।
इसे बनाने की सुविधा निर्मित क्षेत्रों, आवासीय व ग्रामीण आबादी वाले क्षेत्रों में बिना शर्त दी जाएगी। इसके अलावा व्यवसायिक, लघु उद्योग और वृहत उद्योग वाली भूमि पर सशर्त इसकी अनुमति दी जाएगी। यातायात, पार्क, ग्रीन बेल्ट और कृषि भूमि पर इसका निर्माण नहीं किया जा सकेगा। इसके साथ ही जरूरत के आधार पर अधिक मंजिला निर्माण के लिए एफएआर खरीदा जा सकेगा, जिससे रुकने की क्षमता बढ़ सके।
राज्य सरकार औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देकर रोजगार के संसाधन उपलब्ध कराना चाहती है। सरकार का मानना है कि इससे रोजगार के लिए पलान करने वालों की संख्या में कमी आएगी और औद्योगिक उत्पपादन बढ़ने से प्रदेश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। राज्य सरकार इसके पहले कामकाजी महिलाओं और पढ़ने वाली छात्राओं के लिए हास्टल बनाने की सुविधा भी दे चुकी है।
गौरतलब है कि इसके साथ ही योगी सरकार अब होम स्टे वालों को भी बड़ी राहत देने वाली है। होम स्टे वालों को बेड एंड ब्रेकफास्ट स्कीम के तहत अब बिजली का कामर्शियल रेट नहीं देना होगा। इसके साथ ही हाउस और वाटर टैक्स भी कामर्शियल की जगह रेसिडेंशियल लगेगा।