निजीकरण के विरोध में बिजली इंजीनियर लामबंद, धरना प्रदर्शन
Farrukhabad-kannauj News - फर्रुखाबाद, संवाददाता। पूर्वांचल और दक्षिणांचल डिस्काम के निजीकरण के विरोध में केंद्रीय नेतृत्व के
फर्रुखाबाद, संवाददाता। पूर्वांचल और दक्षिणांचल डिस्काम के निजीकरण के विरोध में केंद्रीय नेतृत्व के आह्वान पर बिजली इंजीनियर भी आंदोलित हुये। दो घंटे का धरना प्रदर्शन कर बिजली इंजीनियरों ने एकजुटता प्रदर्शित की। राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन की जनपदीय शाखा की ओर से आयोजित इस धरना प्रदर्शन में पदाधिकारी ने कहा कि शासन और ऊर्जा प्रबंधन की ओर से कई समझौते हुये मार्च 2018, अक्तूबर 2020 में इस बात पर सहमत बनी थी कि निजीकरण की कार्रवाई नही होगी। व्यवस्था सुधार के लिए कहीं भी आवश्यकता होगी तो सेवा संगठनों को विश्वास में लेकर ही कोई कार्रवाई की जाएगी।
मगर ऊर्जा प्रबंधन की ओर से पूवांचल और दक्षिणांचल के निजीकरण की कार्रवाई पूरी तौर पर एकतरफा है। यह पारस्परिक विश्वास को कमजोर करने का बल प्रदान करता है। केंद्रीय नेतृत्व के आह्वान पर इस धरना प्रदर्शन में पदाधिकारियों ने एक स्वर से निजीकरण का पैसा वापस लिये जाने की मंाग उठायी। कहा कि निजीकरण का पैसा विभाग और कार्मिक देानो के हित मे नही है। भविष्य मे उपभोक्ताओं को लालटेन युग में ढकेलने का प्रयास किया जा रहा है।इसलिए उपभोक्ता, कार्मिक और गरीबो के हित को देखते हुये निजीकरण की प्रक्रिया को तुरंत निरस्त किया जाये। इस दौरान जनपदीय अध्यक्ष अजय कुमार सिंह, सचिव रंजीत मौर्य, अनिल गौतम, केसी पाठक, राजन, सत्यपाल, रामकुमार वर्मा, रामप्रवेश, रमेश कुमार मौर्य,शमीम अंसारी, अजय बाबू, अनिल अग्रहरी, शशिकांत, नईम अख्तर, पुष्पेंद्र साध, हरिओम, कृष्ण कुमार मौर्य आदि मौजूद रहे।
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