खेतों में पकी खड़ी फसलें देख रही मालिकों की राह
Fatehpur News - -तिहरा हत्याकांड-3 खेतों में पकी खड़ी फसलें देख रही मालिकों की राहखेतों में पकी खड़ी फसलें देख रही मालिकों की राहखेतों में पकी खड़ी फसलें देख रही मालि

फतेहपुर। झूठी शान में वर्चस्व की जंग में न जाने कितने परिवार सदियों से तबाह होते आए हैं। राजनीतिक रसूख, अतिमहत्वाकांक्षा ने पीढ़ियां उजाड़ दीं। ऐसी दुश्मनी में केवल नुकसान उस पक्ष का नहीं हुआ, जिसका खून बहा। वह भी तबाह हो गए जिन्होंने खून बहाया। लोगों का जीवन जेलों में खप कर रह गया। ऐसा ही अखरी गांव में आज दो ठाकुरों के परिवारों में हो रहा है। पीड़ित और आरोपी दोनों ही परिवार तबाह हो गए हैं। गम के साये में केवल रामदुलारी और मनीषा ही नहीं है आरोपी मुन्नू सिंह के घर की महिलाएं भी हैं। वजह उधर भी घर के पुरुष जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गए हैं।
किसान नेता पप्पू सिंह और आरोपी मुन्नू सिंह के खेतों में फसलें पक कर खड़ी हैं। दोनों की फसलें कटनी थी लेकिन नियती में तो कुछ और ही लिखा था। दोनों परिवारों के खेतों में सन्नाटा पसरा हुआ है। खेतों में पक कर सुनहरी हो चुकी गेहूं की बालियां, कटने के इंतजार में हैं।
पकी बालियों से झड़ना शुरू हो चुके गेहूं के दानों को देख ऐसा लग रहा है जैसे आंखों से आंसू गिर रहे हों और पूछ रहे हों कि हमारे मालिक कहां हैं हमको भी कोई घर ले चलेगा या इस साल हम खेतों में ही दम तोड़ देंगे। हवा के झोंके संग जमीन की ओर झुकती बालियां मानो संदेश दे रहीं हों कि जिंदगी में विन्रम रहना ही सबसे बड़ा सम्मान है।
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