Triple Murder in Fatehpur Linked to Election Rivalry and Caste Tensions बैसवारा चौराहा नाम के बोर्ड ने भी रंजिश को दी हवा, Fatehpur Hindi News - Hindustan
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बैसवारा चौराहा नाम के बोर्ड ने भी रंजिश को दी हवा

Fatehpur News - फतेहपुर के हथगाम थाना क्षेत्र के अखरी गांव में ट्रिपल मर्डर चुनावी रंजिश और जातीय तनाव का नतीजा है। पूर्व प्रधान सुरेश सिंह उर्फ मुन्नू ने 2021 में बहू के चुनाव हारने को सम्मान की चोट समझा। दोनों...

Newswrap हिन्दुस्तान, फतेहपुरFri, 11 April 2025 02:55 AM
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बैसवारा चौराहा नाम के बोर्ड ने भी रंजिश को दी हवा

फतेहपुर। हथगाम थाना क्षेत्र के अखरी गांव में मंगलवार को हुआ ट्रिपल मर्डर प्रधानी चुनाव के साथ ही छोटी-छोटी बातों में बढ़ती गई रंजिश का नतीजा है। ग्रामीणों के मुताबिक 2021 में बहू के चुनाव हारने को पूर्व प्रधान सुरेश सिंह उर्फ मुन्नू सम्मान पर चोट मान रहा था। इसके पहले भी दोनों पक्ष कई बार आमने-सामने आ चुके थे। दोनों पक्षों में चली आ रही रंजिश को हवा बैसवारा चौराहा नाम के उस बोर्ड से भी मिली थी, जो किसान नेता विनोद सिंह उर्फ पप्पू ने मां के चुनाव जीतने के बाद मुन्नू सिंह के घर के पास लगवा दिया था। बैस ठाकुर होने के नाते पप्पू सिंह ने इस चौराहे को बैसवारा चौराहा नाम दिया था। परिहार ठाकुर मुन्नू सिंह को यह बोर्ड अखरने लगा था।

दोनों पक्षों में चली आ रही रंजिश केवल चुनावी ही नहीं, दोनों परिवारों में जातीय टशन की भी थी। साल 2021 में जब किसान नेता की मां प्रधान बनीं तो उन्होंने सबसे पहले मुन्नू सिंह परिहार के घर के पास वाले चौराहे पर बैसवारा चौराहा का बोर्ड गड़वा कर अपने घर की दूरी बताता संकेतक बनवा दिया था। भगवा रंग से पुते बोर्ड में लिखा है 'क्षत्रिय धर्मे युगे-युगे' बैसवारा चौराहा अखरी आगमन पर आपका हार्दिक स्वागत करता है। बोर्ड में लिखे अखरी नाम को तलवार के चिह्न पर लिखा गया है। बोर्ड पर नीचे ग्राम प्रधान रामदुलारी और घर की दूरी पांच सौ मीटर लिखी है।

अखरी गांव में बैस क्षत्रियों की बहुलता है। आरोपी मुन्नू सिंह का घर ही केवल परिहार ठाकुरों का था। ग्रामीण बताते हैं कि मुन्नू को अपने परिहार ठाकुर होने का टशन रहता था। वह गांव के बैस क्षत्रिय परिवारों को पचा नहीं पाता था। इसकी एक वजह यह भी थी कि उसका प्रतिद्वंद्वी किसान नेता पप्पू सिंह बैस था।

मामला दोनों तरफ टशन का था। अखरी गांव की आबादी 22 सौ के करीब है। यहां 20 परिवार बैस ठाकुर के हैं। परिहारों को केवल एक घर मुन्नू सिंह का है। पप्पू सिंह जवान हुआ तो उसे लगने लगा कि गांव में बैस ठाकुरों के इतने घर होने के बाद भी एक घर वाला परिवार गांव में राज कर रहा है। ग्रामीण बताते हैं कि पप्पू सिंह कई बार गांव में कहते थे कि अब बैसों की चलेगी, परिहारों की नहीं।

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