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बोले फिरोजाबाद: विकास का सपना दिखाकर तोड़ दी यहां की गलियां

Firozabad News - वार्ड संख्या 52 नूरनगर दीदामई के निवासी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। सीसी सड़क निर्माण के कारण गलियों की इंटरलॉकिंग उखड़ गई है, जिससे वे दलदल भरी गलियों और पानी की कमी का सामना कर रहे हैं। रमजान के...

Newswrap हिन्दुस्तान, फिरोजाबादWed, 9 April 2025 06:12 PM
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बोले फिरोजाबाद: विकास का सपना दिखाकर तोड़ दी यहां की गलियां

हम तो सोच रहे थे समस्याओं का समाधान होगा लेकिन हुआ इसका उल्टा। यह कहना है मुस्लिम बहुल क्षेत्र वार्ड संख्या 52 नूरनगर दीदामई के निवासियों का। यहां स्थित कोहिनूर रोड से सटी कई गलियों के लोग इस समय नारकीय जीवन जीने के लिए मजबूर हैं। यहां के लोग सुकून वाली जिंदगी जी रहे थे। बाद में जब इन्हें क्षेत्र के विकास का सपना दिखाया तो वे विकास की बाट जोहने लगे, लेकिन पिछले छह माह से यहां के लोग सपनों के साकार होने की राह देख रहे हैं।

लगभग छह माह पूर्व सीसी सड़क निर्माण के बहाने कई गलियों की इंटरलॉकिंग को उखाड़ दिया जो क्षेत्रीय लोगों के लिए दुखदाई बनी हुई हैं। नूर नगर में सड़कों के अलावा यहां स्ट्रीट लाइट के साथ-साथ पीने के पानी के लिए भारी दिक्कत है। यहां से बाशिंदों का कहना है कि रमजान के पवित्र महीने में भी उन्हें दलदल भारी गलियों के अलावा पानी की एक-एक बूंद के लिए बुरी तरह से तरसना पड़ रहा है। यह समूचे वार्ड में है लेकिन सबसे अधिक परेशान पांच गलियों के लोग नजर आते हैं। रमजान के महीने में लोग जब रात को इबादत के लिए उठते हैं तो स्ट्रीट लाइट न होने के कारण लोगों को अंधेरे में ही मस्जिदों की ओर भागना पड़ता है।

सबसे अधिक परेशानी क्षेत्र की महिलाओं के अलावा छोटे-छोटे बच्चों को होती है जो दलदल भरी गलियों में हादसों का शिकार होते हैं। गालियों के अलावा यहां के बाशिंदों को सबसे अधिक परेशानी गलियों में स्ट्रीट लाइट का न होना है। कई गलियों में विद्युत पोल लगने के बाद भी अभी तक यहां तार डालने का कार्य नहीं किया गया जिसके कारण शाम ढलते ही यहां के लोग अंधेरे में अपना जीवन यापन करने को मजबूर हैं। इसके अलावा तीसरी समस्या पानी को लेकर है। यहां से अधिकांश लोग निजी सबमर्सिबल से पानी खरीदकर अपनी प्यास बुझा रहे हैं।

इसके अलावा समूचे वार्ड में सफाई व्यवस्था भी पूरी तरह ध्वस्त है। इस संबंध में लोगों का कहना है कि तंग गलियां होने के कारण यहां कूड़ा लेने के लिए वाहन अंदर नहीं आ सकता इसलिए लोग खुद ही कूड़ा फेंकने के लिए बाहर जाते हैं। यहां से निवासियों को सबसे अधिक दिक्कत बरसात के दिनों में होती है जब जल निकासी न होने के कारण क्षेत्र की कई गलियां जलभराव के कारण बदहाल हो जाती हैं। लोगों का कहना था कि वह कई बार समस्याओं को लेकर नगर निगम में अधिकारियों के पास पहुंचे लेकिन सिवाय आश्वासन के उनके हाथ कुछ नहीं लगा। उल्टे उन्हें समस्याओं में और उलझा दिया।

चोक सीवर लाइनों ने भी बढ़ाई मुश्किलें

पतली एवं संकरी गलियों के अंदर अभी हाल ही में सीवर लाइन बिछाई गई थी जो यहां के लोगों के लिए मुसीबत का कारण बन गई है। लाइन चौक होने के कारण सीवरों का गंदा पानी घरों के अंदर तथा गलियों के बाहर किसी भी समय देखा जा सकता है। रमजान के महीने में इसी गंदगी से होकर रोजेदारों को इबादत के लिए मस्जिदों में जाना पड़ता है।

लोगों को खुद ही करनी पड़ रही सफाई

गलियों से इंटरलॉकिंग उखाड़ने के बाद यहां सफाईकर्मियों ने भी सफाई का कार्य करना बंद कर दिया। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि लोगों को अब खुद ही अपने घरों के सामने सफाई करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। इसके अलावा उन्हें अपने साधनों से कूड़े के ढेर को बाहर फेंकने के लिए विवश होना पड़ रहा है।

क्षेत्रीय पार्षद से नहीं उम्मीद विकास की

समस्याओं को लेकर क्षेत्रीय निवासी अपने पार्षद से काफी नाराज दिखाई दिए। लोगों का कहना था कि उन्हें अपने पार्षद से विकास की कोई उम्मीद नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि पार्षद के कहने पर ही इंटरलॉकिंग ईंटें उखाड़कर गायब की गई।

लोगों का दर्द

पिछले दिनों हम सभी क्षेत्र के लोग नगर निगम पहुंचे थे जहां उन्होंने अपनी समस्याओं से सहायक नगर आयुक्त को अवगत कराया था। उन्होंने आश्वासन दिया था लेकिन अभी तक एक भी समस्या का समाधान नहीं हुआ। गलियों को ही ठीक कर दिया जाए।

-अब्दुल जब्बार

अब हमने फैसला कर लिया है कि कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ेगा। इसके लिए हम ईद के बाद समस्याओं के निदान के लिए संघर्ष करेंगे धरना प्रदर्शन की जरूरत पड़ी तो वह भी किया जाएगा। लगता है गालियों के निर्माण के लिए अभी का काफी इंतजार करना पड़ेगा।

-मौहम्मद गुरफान

क्षेत्र की चार गालियां ऐसी हैं जहां विद्युत पोल तो लगा दिए गए लेकिन अभी तक वहां विद्युत लाइन नहीं डाली गई। घरों में अंधेरा छाया रहता है इसके अलावा विद्युत लाइन न डालने के कारण सभी गलियों में स्ट्रीट लाइट न होने के कारण शाम होते ही अंधेरा छा जाता है।

-करामत अली

क्षेत्रीय पार्षद ने हमें आश्वासन दिया था कि बहुत जल्द ही इन सभी गलियों का निर्माण करा दिया जाएगा। नगर निगम से गलियों के बारे में पता किया तो जानकारी मिली है कि अभी तक यहां कोई कार्य को मंजूरी प्रदान नहीं की गई।

-हुसैन

क्षेत्र में कई दिव्यांग महिलाएं एवं पुरुष हैं जो अपने वाहन से सफर पूरा करते हैं। उनके अधिक परेशानी हो रही है। इसके अलावा गली में मस्जिद भी है जहां सुबह शाम लोग नमाज पढ़ने के लिए जाते हैं ऐसे में नमाजियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

-आमीन

हमारे जैसा नारकीय जीवन शहर में शायद ही कोई जी रहा हो। हमें तो अपने यहां सफाई भी खुद करनी पड़ती है और पीने के पानी का इंतजाम भी खुद करना पड़ता है। शाम होते ही समूचा क्षेत्र अंधकार में डूब जाता है। महिला घर से बाहर निकालने से कतराती है।

-फरजाना

इस बार हमारे रमजान के पवित्र महीने में भी सुविधा देने के बजाय हमें समस्याओं में उलझा दिया है। घर के अंदर पानी की समस्या है तो गलियों में पानी भरने की समस्या खड़ी रहती है। हालात ये हैं कि दलदल बनी गलियों में रहना पड़ता है।

-अनवरी बेगम

जिस समय ईंटें उखाड़ी जा रही थी उस समय हमारे दिलों के अंदर काफी खुशी थी तथा ऐसा लगता था कि अल्लाह ने रमजान से पहले हम लोगों की सुन ली है लेकिन हालात जस के तस हैं। गली में ही मौजूद मदरसे में नहीं पहुंच पात।

-नसरीन

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