मांडा में दो शिकायतें, उसका भी निस्तारण नहीं
Gangapar News - मांडा। राजस्व कर्मियों की अनदेखी और लापरवाही के चलते मांडा का समाधान दिवस पूरी तरह
राजस्व कर्मियों की अनदेखी और लापरवाही के चलते मांडा का समाधान दिवस पूरी तरह औपचारिकता बन कर रह गया है। लेखपालों के न आने से राजस्व संबंधी किसी भी समस्या का समाधान नहीं हो पाता, जिससे फरियादियों की संख्या भी मांडा में अब बेहद कम होने लगी है। आये मात्र दो प्रार्थना पत्रों का भी राजस्व कर्मियों के अभाव में निस्तारण नहीं हो पाया। शनिवार को मांडा थाने पर आयोजित समाधान दिवस में नायब तहसीलदार मांडा यमुना प्रसाद वर्मा, एक कानूनगो और केवल चार लेखपाल आ पाये, जिनमें एख लेखपाल कोरांव क्षेत्र के रहे । मांडा थाना क्षेत्र की डेढ़ दर्जन ग्राम पंचायतें कोरांव तहसील से संबंधित हैं। कोरांव तहसील से मात्र एक लेखपाल मांडा के समाधान दिवस में आये थे। समाधान दिवस की अध्यक्षता नायब तहसीलदार मांडा यमुना प्रसाद वर्मा ने और संचालन इंस्पेक्टर मांडा शैलेंद्र सिंह ने किया। समाधान दिवस राजस्व संबंधी कुल दो प्रार्थना पत्र आये, लेकिन संबंधित गांवों के लेखपाल न होने से कोई भी मामला निस्तारित नहीं हो पाया। दोनों मामलों को रजिस्टर में अंकित कर राजस्व कर्मियों के अभाव में हमेशा की तरह जांच के लिए रख दिये गए। राजस्व व पुलिस से संबंधित ज्यादातर अधिकारियों को मांडा थाने के समाधान दिवस से कोई मतलब नहीं रहता। एसडीएम मेजा या कोरांव तहसील के नजदीक थाने को छोड़ कभी भी मांडा के समाधान दिवस में नहीं आते। एसीपी मेजा भी मेजा थाने के समाधान दिवस को ही वरीयता देते हैं, जिससे मांडा का समाधान दिवस पूरी तरह औपचारिकता बन कर रह गया है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।