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बोले गोण्डा: कौशल विकास

Gonda News - रोजगार की राह आसान कर रहा कौशल विकास केंद्र गोण्डा, संवाददाता। जिले में

Newswrap हिन्दुस्तान, गोंडाSat, 3 May 2025 04:46 PM
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बोले गोण्डा: कौशल विकास

रोजगार की राह आसान कर रहा कौशल विकास केंद्र गोण्डा, संवाददाता। जिले में कौशल विकास मिशन के द्वारा राज्य के 18 से 35 आयु वर्ग के लोगों को प्रशिक्षित कर उनका कौशल विकास कर उन्हें रोजगार के लिए तैयार किया जाता है। कोई भी प्रशिक्षण प्राप्त कर सकता है। कौशल विकास मिशन के माध्यम से राज्य के लोगों को रोजगार के लिए प्रासंगिक व गुणवत्तापूर्ण कौशल विकास का मौका प्रदान किया जा रहा है। कौशल विकास मिशन योजना वर्ष 2014 से लागू हुई है। सरकार को स्किल इंडिया डेवलेपमेंट के साथ युवाओं का भविष्य उज्जवल करना था। मौजूदा समय में जिले में तीन केंद्र में 356 छात्रों को ब्यूटी पार्लर, सिलाई-कढ़ाई और कंप्यूटर का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

इस योजना से केंद्रों पर विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण पाकर रोजगारपरक बनने का मौका मिल रहा है। कौशल विकास मिशन में फैशन डिजाइनिंग, मोटर वाहन, कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक्स, ब्यूटीशियन कौशल सहित अन्य क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। इसमें 34 क्षेत्रों में 283 पाठ्यक्रमों के माध्यम से कौशल विकास के विस्तृत विकल्प उपलब्ध हैं। सभी कौशल विकास केंद्रों पर अंग्रेजी भाषा और कंप्यूटर शिक्षा का प्रशिक्षण भी दिया जाता है। जिले में कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम को ग्रामीण क्षेत्रों में भी चलाया जाना चाहिए। क्योंकि किसी भी देश के आर्थिक एवं सामाजिक विकास में कौशल का महत्वपूर्ण योगदान माना जाता है। कौशल एक ऐसी साधना है, जिसके द्वारा युवाओं को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। इससे उद्योगों की मांग के अनुसार कुशल कार्य बल तैयार करके स्किल गैप को आसानी से भरा जा सकता है। जिले में राज्य सरकार के अधीन तीन कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र संचालित है। इसमें से करनैलगंज क्षेत्र के भंभुआ क्षेत्र में दो और सदर तहसील के राजकीय हाईस्कूल मुंडेरवा में एक कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र संचालित है। मौजूदा समय में कुल 356 छात्र-छात्राएं प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं। इनमें ब्यूटीशियन, सिलाई-कढ़ाई और कम्प्यूटर सहित अन्य ट्रेडों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने स्किल इंडिया मिशन की शुरुआत की थी। इस मिशन का उद्देश्य था युवा कौशल विकास कर रोजगार से जुड़ें। जिले में संचालित प्रशिक्षण केंद्र पर युवाओं को नवीन तकनीकों के अंतर्गत कौशल प्रशिक्षण दिया जा चुका है और इन्हें रोजगार के अवसर प्रदान किए गए हैं। कौशल विकास केंद्र से तीन साल में 8 हजार बच्चों ने लिया प्रशिक्षण : जिले में कौशल विकास विभाग की ओर से इस समय तीन केंद्रों का संचालन किया जा रहा है। जिसमें शैक्षिक सत्र 2024-25 में कुल 356 का लक्ष्य मिला। ब्यूटी पार्लर, सिलाई-कढ़ाई के साथ कंप्यूटर का प्रशिक्षण विभिन्न केंद्रों पर दिया जा रहा है। जिला कौशल अधिकारी दीपक खरे ने बताया कि बीते तीन साल में 7 से 8 हजार छात्रों को कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया गया है। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले छात्रों को ड्रेस, आई कार्ड और संबंधित किताबें केंद्रों की तरफ से प्रदान की जाती है। जिससे बेहतर पढ़ाई कर सके। अगर स्कूलों में ही मिले कंप्यूटर की बेहतर शिक्षा तो होती आसानी : कौशल विकास से जुड़े छात्रों ने कहा कि स्कूलों में स्मार्ट क्लास व कंप्यूटर शिक्षा के लिए लैब तो बनाए गए लेकिन वहां कंप्यूटर की पढ़ाई नहीं होती है। शिक्षकों की कमी के कारण उन्हें कंप्यूटर की बेसिक शिक्षा स्कूल में नहीं मिल पा रही है। अगर स्कूलों में कंप्यूटर की बेसिक जानकारी मिले तो उन्हें इस प्रशिक्षण में और आसानी होती। छात्रों ने कहा कि प्रशिक्षण में हम लोगों को ड्रेस और आईकार्ड के साथ किताबें दी जाती हैं। छात्रों को आर्थिक सहायता के रूप में छात्रवृत्ति दी जानी चाहिए। जिससे लोग लैपटॉप या कंप्यूटर खरीदकर प्रशिक्षण समाप्त होने के बाद घर पर ही अभ्यास कर सकें। लोगों ने कहा कि सरकारी सहायता मिलने की बात तो होती है लेकिन मदद नहीं मिलने के कारण प्रशिक्षण लेने वाले बच्चों को काफी परेशानी होती है। प्रशिक्षण लेने के पूर्व उन्हें ऑनलाइन निबंधन कराना होता है। कौशल विकास केंद्र पर ही निबंधन के बाद उनकी कागजात की जांच होती तो ग्रामीण बच्चों को आसानी होती है। जिससे अनावश्यक भाग दौड़ से मुक्ति मिलती। अवधि बढ़े तो छात्रों को मिल सकता है बेहतर प्रशिक्षण कंप्यूटर प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे छात्रों ने हिन्दुस्तान के बोले गोंडा कार्यक्रम में अपनी बात रखते हुए कहा कि डीईओ कंप्यूटर कोर्स के लिए 400 घंटे की समय अवधि है। जिसको छात्र चाहे तो 3 महीने में या छह महीने में खत्म करे। लोगों ने कहा कि इतने कम समय में कंप्यूटर में बहुत सारी बातें नहीं सीख पाते हैं। इससे उनके ज्ञान अधूरे रह जाते हैं। जिससे उन्हें रोजगार में दिक्कत आती है। सरकार को प्रशिक्षण की अवधि बढ़ाकर कम से कम एक साल करनी चाहिए। जिससे बच्चे बेहतर तरीके से कंप्यूटर की शिक्षा व संवाद का प्रशिक्षण ले सकें और उन्हें कहीं भी नौकरी लेने में कठिनाई नहीं हो। केंद्र से प्लेसमेंट मिले तो बने बात : प्रशिक्षण लेने वालों का कहना है कि केंद्र स्तर से उनका प्लेसमेंट मिलता तो और बेहतर होता। प्रशिक्षण के दौरान आने वाली कंपनियां उनके कौशल देख उनका प्लेसमेंट करें। प्रशिक्षणार्थियों ने कहा कि बहुत से ऐसे छात्र हैं जो वर्षों से प्रशिक्षण के बाद रोजगार के लिए भटक रहे हैं। शिक्षा लेने के बाद जिले में निबंधन व रोजगार मेले में जाकर रोजगार के लिए प्रयास करना भारी होता है और इसमें लंबा समय भी लगता है। लोगों ने कहा कि रोजगार मेले के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है। आगे प्रशिक्षण लेना हैं या पढ़ाई जारी रखना हैं तो 3 महीने के प्रशिक्षण पर डिग्री या डिप्लोमा की डिग्री नहीं कर पाते। आर्थिक समस्या भी आती है। बैंक से लोन की प्रक्रिया भी जटिल है। कौशल विकास से प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले छात्र को न तो बेहतर शिक्षा मिल पाती है और न बेहतर रोजगार। सुझाव : 1. जिले के हर ब्लॉक में कौशल विकास मिशन अंतर्गत दो-दो कंप्यूटर प्रशिक्षण केंद्र खोले जाएं। जिससे युवाओं को सीखने में आसानी होगी। 2- कौशल विकास मिशन अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले लोगों को छात्रवृत्ति दी जानी चाहिए। जिससे प्रशिक्षण सामग्री खरीद सकें। 3- प्रशिक्षण प्राप्त करने के साथ ही केंद्र पर ही उन्हें कंपनियों में प्लेसमेंट मिले, इससे प्रशिक्षण में रुचि मिलेगी। 4-बदलते समय को देखते हुए प्रशिक्षण की अवधि कम से कम एक वर्षीय होना चाहिए। 5-प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले युवाओं को कम से कम तीस हजार रुपए प्रतिमाह के वेतन पर नौकरी मिले। शिकायत : 1-जिले से कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र की संख्या कम होने से काफी बच्चे प्रशिक्षण से वंचित हैं। 2- जिले के दूरदराज इलाकों में कौशल विकास प्रशिक्षण नहीं होने से बच्चों को परेशानी होती है। 3-कौशल प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले बच्चों को छात्रवृत्ति नहीं मिलती है। इससे छात्रों को परेशानी होती है। 4- जिले में कई युवा प्रशिक्षण प्राप्त करने के बावजूद भी रोजगार के लिए परेशान हैं। प्राइवेट कंपनिया कम वेतन देने की बात करती है। 5- कौशल विकास प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले युवाओं को सरकारी विभागों में नौकरी नहीं मिलती है। इससे युवा परेशान हैं। बोले लोग जिले के युवाओं को कम से कम 6 माह का प्रशिक्षण दिया जाए। प्रशिक्षण के बाद लोगों को रोजगार सुनिश्चित हो। इसका प्रयास होना चाहिए। रोजगार मिलने पर ही सार्थक प्रयास हो पाएगा। - अनुष्का ओझा प्रशिक्षण के दौरान सूचना तकनीकी व सॉफ्ट स्किल, सिलाई, सौंदर्य के विषय में जानकारी दी जाती है। इसमें अन्य कोर्स को भी जोड़कर बेहतर बनाने की जरूरत है। - प्रतिभा बच्चों को शिक्षा का मौलिक अधिकार का दर्जा मिला है। वैसे ही प्रशिक्षण लेने वालों के लिए रोजगार सुनिश्चित हो। इस पर सरकार को और भी ज्यादा ध्यान देना चाहिए। - अभिषेक सामाजिक संरचना में लड़कियां भी आती हैं। उन्हें भी अपनी बातें रखने, रोजगार करने का अधिकार है। उन्हें भी समाज में बराबरी का हक मिलना चाहिए। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों की लड़कियां आत्मनिर्भर बन सकें। - अजय पांडेय जिले में अक्सर छात्रों के लिए रोजगार मेला लगाया जाता है। बच्चों का प्लेसमेंट जल्द व बेहतर हो। इसकी व्यवस्था प्रशिक्षण केंद्र पर ही होनी चाहिए। जिससे प्रशिक्षण लेने में आसानी हो। - नरेंद्र यादव जिले में प्रशिक्षण के लिए छात्रों को कागजात जांच के लिए केंद्र पर ही सुविधा मिलनी चाहिए। जिससे छात्रों को परेशानी का सामना न करना पड़े। आसानी से प्रशिक्षण हासिल कर सकें। - अमन शुक्ला समाज के अंतिम पायदान पर रहने वाले को प्रशिक्षण देना ठीक है। इनके आर्थिक उत्थान के लिए योजना धरातल पर उतरनी चाहिए। सरकार को आर्थिक व सामाजिक उत्थान के लिए ठोस कदम उठाना चाहिए। - रिशु दूबे प्रशिक्षण के बाद आगे की पढ़ाई के लिए बैंकों से लोन मिलने की बात कही जाती है। इनके लिए योजना फाइलों में दब जाती है। योजना के सही क्रियान्वयन होने से प्रशिक्षण लेने वालों में खुशहाली आ सकती है। - अतुल मिश्रा प्रशिक्षण के बाद रोजगार देने की योजना है। केवल सरकारी घोषणा से काम नहीं चलता। सरकार को देखना चाहिए कि प्रशिक्षण के बाद रोजगार मिला या नहीं। - अनमोल चौबे प्रशिक्षण के बाद रोजगार के लिए भटकना पड़ता है। प्रशिक्षण वाले केन्द्रों पर प्लेसमेंट की सुविधा मिले तो प्रशिक्षण लेने वाले बच्चों के लिए और अच्छी बात होगी। - समर प्रताप सिंह प्रशिक्षण तीन माह की जगह एक साल का होना चाहिए। प्रशिक्षण के दौरान अन्य दूसरे कोर्सों को भी शामिल किया जाना चाहिए। इससे युवाओं का रोजगार पाने का सपना पूरा हो सकेगा। - अनुज पंडित प्रशिक्षण के लिए बहुत कम समय मिलता है। प्रशिक्षण की अवधि बढ़ाई जानी चाहिए। जिससे और बेहतर प्रशिक्षण मिल सके। इससे युवाओं को शिक्षा ग्रहण करने में गुणवत्ता आ सकेगी। - अंशिका पांडे दूसरे बोर्ड के छात्रों को कौशल विकास योजना का लाभ नहीं मिल रहा। दूसरे बोर्ड से पास करने वाले छात्रों को भी इसका लाभ मिलना चाहिए। इससे सबको कंप्यूटर सीखने का सपना पूरा होगा। - शिम्पी पांडे कई सरकारी योजना बेअसर साबित हो रही है। इस कारण बच्चों को रोजगार नहीं मिल रहा है। युवाओं को अगर कंप्यूटर की शिक्षा पाने के बाद अगर स्थानीय स्तर पर ही कुछ काम दिया जाएगा तो ठीक रहेगा। - पराग दत्त पांडे बोले जिम्मेदार...... जिले में मौजूदा समय में तीन कौशल विकास केंद्र संचालित हो रहे हैं। जिसमें ब्यूटी पार्लर, सिलाई- कढ़ाई और कंप्यूटर के 356 लाभार्थियों को लक्ष्य के अनुरूप प्रशिक्षण दिया जा रहा है। विगत तीन साल में 7 से 8 हजार बच्चों ने कौशल विकास का प्रशिक्षण लिया है। जिले में आयोजित 2024 रोजगार मेले में 2900 लोगों को रोजगार मिला है। - दीपक खरे, जिला कौशल अधिकारी

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