आरएमआरसी में रिसर्च के साथ वैक्सीन का ट्रायल भी होगा
Gorakhpur News - गोरखपुर के रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर (आरएमआरसी) में वैक्सीन ट्रायल का कार्य शुरू किया जाएगा। नए निदेशक प्रो. हरिशंकर जोशी ने इस दिशा में कदम उठाया है। डेंगू प्रतिरक्षण वैक्सीन का ट्रायल इस वर्ष संभव...

गोरखपुर, वरिष्ठ संवाददाता। बीआरडी मेडिकल कॉलेज परिसर स्थित रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर (आरएमआरसी) अपना दायरा बढ़ाने जा रहा है। आरएमआरसी में आने वाले दिनों में रिसर्च के साथ ही वैक्सीन का ट्रायल भी होगा। इसके लिए आरएमआरसी के नए निदेशक प्रो. हरिशंकर जोशी ने पहल शुरू कर दी है। आरएमआरसी के पास वैक्सीन ट्रायल के लिए क्लीनिकल विशेषज्ञ नहीं थे। एम्स के एसपीएम के विभागाध्यक्ष रहे प्रो. हरिशंकर जोशी के निदेशक बनने के बाद यह कमी पूरी हो गई। प्रो. जोशी एम्स में छह से अधिक वैक्सीन ट्रायल का हिस्सा रहे हैं। वह इनमें प्रमुख रिसर्चकर्ता के रूप में शामिल रहे। आरएमआरसी का चार्ज संभालने के बाद प्रो. जोशी ने वैक्सीन का ट्रायल शुरू करने का फैसला किया। इस नई पहल के लिए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) से मंजूरी मांगी गई है। मंजूरी के बाद ही आरएमआरसी की एथिकल कमेटी को सेंट्रल ड्रग कंट्रोल अथॉरिटी में पंजीकृत किया जाएगा। यही संस्था वैक्सीन ट्रायल के मानक तय करती है।
डेंगू प्रतिरक्षण वैक्सीन पर इसी वर्ष ट्रायल संभव
प्रोफेसर हरिशंकर जोशी ने बताया कि वैक्सीन ट्रायल से पहले सेंट्रल ड्रग कंट्रोल और आईसीएमआर से अनापत्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। आईसीएमआर को पत्र भेजा गया है। वहां से एनओसी मिलने के बाद सेंट्रल ड्रग कंट्रोल में पंजीकरण कराया जाएगा। मेडिकल कॉलेज के कुछ शिक्षकों ने वैक्सीन ट्रायल पर रुचि दिखाई है। उम्मीद है कि डेंगू से प्रतिरक्षण की वैक्सीन पर इसी वर्ष ट्रायल शुरू हो जाएगा। गोरखपुर-बस्ती मंडल में अभी तक सिर्फ एम्स और एक निजी अस्पताल वैक्सीन का ट्रायल होता है।
न्यूनतम अर्हता पूरी
आरएमआरसी के निदेशक प्रोफेसर हरिशंकर जोशी ने बताया कि वैक्सीन ट्रायल के लिए इंचार्ज का एमबीबीएस व एमडी होना आवश्यक है। वह पूर्व में वैक्सीन ट्रायल में मुख्य रिसर्चर रह चुके हैं। एम्स में निर्देशन में कोविड, न्यूमोकॉकल समेत आधा दर्जन वैक्सीन के ट्रायल हो चुके हैं।
बीआरडी मेडिकल कॉलेज और एम्स से होगा करार
निदेशक ने बताया कि वैक्सीन ट्रायल के लिए मरीज भी चाहिए। ऐसे में बीआरडी मेडिकल कालेज और एम्स की मदद ली जाएगी। बीआरडी और एम्स प्रशासन के साथ समझौता किया जाएगा। उनकी मदद से रिसर्च होगा।
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