डिटर्जेंट व केमिकल से बनाते थे नकली पनीर, तीन आरोपित गिरफ्तार
Gorakhpur News - डॉक्टर का पक्ष दिया जाएगा पिपराइच के बरईपुर में एक बंद फैक्ट्री में बनाया था

गोरखपुर, वरिष्ठ संवाददाता। कपड़े धोने वाले डिटर्जेंट में इस्तेमाल होने वाले रीठा, फैब्रिक व्हवाइटनर, इलेक्ट्रोप्लोटिंग पाउडर जैसे नुकसानदायक केमिकल के प्रयोग से नकली पनीर तैयार करने के तीन आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। आरोपितों के खिलाफ मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी हितेंद्र मोहन त्रिपाठी ने केस दर्ज कराया है। आरोप है कि पिपराइच के बरईपुर में इन लोगों ने एक बंद फैक्ट्री में अपना ठिकाना बना लिया था और वहां से रोजाना 32 से 35 क्विंटल नकली पनीर को तैयार कर बाजार में बेच दिया जाता था। आरोपित 125 रुपये किलो में ही धंधेबाजों को पनीर बेच देते थे, धंधेबाज उसे बाजार में 160 रुपये किलो के दर से बेचकर मोटी कमाई कर रहे थे।
पुलिस ने गिरफ्तार तीनों आरोपितों को जेल भिजवा दिया है। गिरोह में शामिल अन्य लोगों के बारे में पुलिस की जांच जारी है। पकड़े गए आरोपिातें की पहचान पिपराइच के बरईपुर निवासी मोहम्मद खालिद अंसारी, हरियाणा के नूह जिले के पुनहाना थाना क्षेत्र के मोहम्मद शकील व पुनहाना के नईगांव के मोहम्मद वहीद के रूप में हुई है। जानकारी के मुताबिक, 21 मई की शाम में पिपराइच के बरईपुर गांव में मो. खालिद की पनीर फैक्ट्री पर छापा मारा गया। यहां दौ सौ किलोग्राम मिलावटी पनीर, पनीर बनाने के लिए तैयार किया जा रहा आठ सौ लीटर घोल, मिल्क पाउडर, रिफाइंड तेल, सैकरीन और कई तरह के केमिकल मिले। टीम ने 10 नमूने लिए हैं। जांच में सामने आया कि यहां बड़े पैमाने पर नकली पनीर को तैयार किया जा रहा था और गोरखपुर के अलावा आसपास के जिलों में भी यहां से पनीर की सप्लाई की जा रही थी। जांच के बाद खाद्य अधिकारी ने इस मामले में केस दर्ज कराया और अब पुलिस ने आरोपितों को गिरफ्तारी किया है। ... विभाग की बेपरवाही पर नाम हटाकर करने लगे धंधा इस पूरे मामले में खाद्य विभाग की लापरवाही भी उजागर हुई है। दो मई को खालिद के अनमोल नाम की फैक्ट्री पर छापा मारा गया, तब करीब चार सौ क्विंटल नकली पनीर पकड़ा गया, लेकिन केस दर्ज नहीं कराया गया। इसका फायदा उठाकर उसने अनमोल नाम का बोर्ड हटा दिया और अपना धंधा चालू रखा। दोबारा ग्रामीणों ने पनीर बनाने के दौरान निकलने वाले दुर्गंध युक्त पानी की शिकायत की, जिसके बाद 21 मई को कार्रवाई की गई और अब केस दर्ज कराया गया। .... 10 बोरे में भरकर रखा मिल्क पाउडर मिला मो. खालिद की फैक्ट्री में 10 बोरे में भरकर रखा 250 किलोग्राम मिल्क पाउडर मिला। छह डिब्बे में कपड़ा साफ करने वाला डिटर्जेंट, बाल धुलने में इस्तेमाल होने वाला रीठा, ह्वाइटनर, गुलाब जल, सोयाबीन, 225 लीटर रिफाइंड व पामोलीन तेल मिला। खाद्य पदार्थों को मीठा करने में इस्तेमाल होने वाल सैकरीन भी मिला। इसके पैकेट पर अखाद्य के साथ ही लौह पदार्थों की सफाई वाली सूचना दर्ज है। इससे पहले आइसक्रीम फैक्ट्री में यह पाउडर मिला था। इसी की मदद से यह नकली पनीर को तैयार करता था। .. महराजगंज, संतकबीरनगर और कुशीनगर में बिक्री मिलावटी पनीर की बिक्री गोरखपुर में कम की जाती थी। इसे महराजगंज, संतकबीरनगर, कुशीनगर में बेचा जाता था। शाम को पनीर तैयार कर वाहनों से आर्डर वाले स्थानों पर भेजा जाता था और वापस में मिलावट के लिए सामान खरीदकर इन्हीं वाहनों के माध्यम से फैक्ट्री में पहुंचाया जाता था। गोलघर स्थित खोवा मंडी में भी कुछ मात्रा में पनीर मंगाने की चर्चा है। मो. खालिद की फैक्ट्री से रोजाना तकरीबन चार लाख रुपये के मिल्क पाउडर से मिलावटी पनीर बनाकर बेचा जाता था। यहां बड़ी मशीन भी मिली है। इसमें सोयाबीन, रीठा आदि को पीसा जाता था। ब्वायलर भी लगा मिला। पनीर बनाने के लिए तैयार घोल को चार से छह घंटे जलाया जाता था। इसके बाद स्वाद और सुगंध के लिए केमिकल डाले जाते थे। एक किलो पनीर में लगता है पांच लीटर दूध, ऐसे खुला मामला एक किलोग्राम शुद्ध पनीर तैयार करने में पांच लीटर दूध की जरूरत होती है। मो. खालिद की फैक्ट्री में सिर्फ 30 लीटर पैकेट वाला दूध मिला। बताया जा रहा है कि पहले फैक्ट्री में डेयरी खुली थी लेकिन काम नहीं चला तो मिलावट का धंधा शुरू कर दिया गया। सहायक आयुक्त खाद्य डा. सुधीर कुमार सिंह ने पूरी कार्रवाई को गोपनीय रखा था। यहां तक कि छापेमारी में शामिल 16 सदस्यीय टीम को भी नहीं पता था कि कहां जाना है। सभी को एक जगह बुलाया गया और यहां से वाहन से पूरी टीम निकली। जब छापा पड़ा तो मिलावट का बड़ा धंधा देख सभी हैरान रह गए।
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