लेखपाल ने तय किया सीमा तब तीन घंटे बाद उठी अधजली लाश
Gorakhpur News - पुलिसवालों ने लेखपाल के पास भेजा था डेडबाडी मिलने के स्थान का लोकेशनपुलिसवालों ने लेखपाल के पास भेजा था डेडबाडी मिलने के स्थान का लोकेशन इससे पहले खजन

हरनही, हिन्दुस्तान संवाद। फरियादी को किसी तरह की समस्या न हो लिहाजा एक तरफ जहां देश भर में जीरो एफआईआर पर जोर दिया जा रहा है वहीं दूसरी तरफ पुलिस अब भी सीमा विवाद से बाहर नहीं निकल पा रही है। शनिवार को सीमा विवाद की वजह से एक व्यक्ति की अधजली लाश तीन घंटे बाद उठी। इलाके के लेखपाल ने लाश मिलने वाले स्थान का लोकेशन मंगाकर जब नक्शा देखकर बताया कि यह इलाका बांसगांव थाना क्षेत्र में आता है तब बांसगांव के हरनहीं चौकी की पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजवाया। फिलहाल इसको लेकर इलाके में पुलिस की काफी किरकिरी हुई। पुलिसवालों को इस तरह से उलझता देख वहां जुटी भीड़ भी हैरान थी।
बांसगांव थाने की हरनही चौकी से कुछ दूरी पर शनिवार की सुबह पांच बजे टहलने निकले युवकों ने एकमा गांव के राम शबद का शव देखा। उन्होंने इसकी सूचना ग्राम प्रधान सुरेश साहनी को दी। प्रधान ने डायल 112 नम्बर पर फोन करने के साथ ही हरनही चौकी इंचार्ज को भी फोन किया। करीब पौने छह बजे हरनही चौकी की पुलिस पहुंची लेकिन शव उठवाने की जगह चौकी इंचार्ज ने सीमा विवाद का मुद्दा उठा दिया। बताया कि जहां शव मिला है यह उनका नहीं खजनी थाने का इलाका पड़ता है। इस बीच मौके पर लोगों की भीड़ जुट गई। राम शबद के परिवारीजन भी पहुंच गए। पूरे इलाके में हत्या की चर्चा होने लगी पर पुलिस को हत्या से पहले सीमा विवाद सुलझाना था लिहाजा खजनी पुलिस को सूचना दी गई और पौने आठ बजे के करीब खजनी इंस्पेक्टर अर्चना सिंह भी पहुंचीं। सीमा विवाद सुलझाने के लिए लेखपाल हर्षित सिंह को बुलाया जाने लगा। लेखपाल ने मौके पर पहुंचने की जगह लोकेशन मंगा लिया और मैप देखकर बताया कि यह इलाका बांसगांव थाने में पड़ता है। इस बीच बांसगांव थानेदार प्रेम पाल सिंह भी पहुंच गए। उनके पहुंचने के बाद खजनी इंस्पेक्टर लौट आईं और करीब पौने नौ बजे यह तय हुआ कि बांसगांव थाने की पुलिस ही शव का पोस्टमार्टम कराएगी। हरनही चौकी इंचार्ज ने शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेजवाया लेकिन इन सब के बीच तीन घंटे तक सीमा विवाद ने उलझाए रखा।
जिस चौकी पर साफ-सफाई कर रहा था वही काट रहे थे कन्नी
राम शबद हरनही चौकी पर ही साफ-सफाई का काम भी करता था पास में ही सो जाता था। उसे सभी पुलिसवाले पहचानते थे। पर इससे बड़ी दुखद बात क्या हो सकती थी कि उसकी मौत के बाद ही केस से बचने के लिए यही पुलिसवाले सीमा विवाद में मामले को फंसा कर कन्नी काट रहे थे। कायदे से जिस थाने या चौकी के करीब लाश मिली उसे ही शव का पंचनामा भरने की कार्रवाई कर पोस्टमार्टम के लिए भेजना चाहिए था और इस दौरान किस क्षेत्र की घटना है इसकी जानकारी कर वहां की पुलिस को केस ट्रांसफर करना चाहिए पर जब अफसरों ने हस्तक्षेप किया तब मामले का समाधान हुआ।
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