वेद विश्व की समस्त ज्ञान परंपरा के पोषक: प्रो.हरि नारायण
Gorakhpur News - गोरखपुर में केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व आचार्य प्रो. हरि नारायण तिवारी ने वेदों की वैज्ञानिकता और उनके ज्ञान परंपरा में योगदान पर व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि वेद अपौरुषेय हैं और सभी...

गोरखपुर, निज संवाददाता। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, जम्मू के पूर्व आचार्य प्रो. हरि नारायण तिवारी ने कहा कि वेदों की यज्ञ से उत्पत्ति हुई। इसका आशय यही है कि वेद अपौरुषेय हैं लेकिन ईश्वर कृत नहीं। विश्व की समस्त ज्ञान परंपरा के पोषक वेद हैं, जो समस्त विषयों को अपने में समेटे हुए हैं।
वह शनिवार को डीडीयू गोरखपुर के संस्कृत विभाग के विभागीय शोध परिषद द्वारा शुरू की गई व्याख्यान श्रृंखला के तहत ‘वेदविज्ञानम विषय पर आयोजित व्याख्यान को संबोधित कर रहे थे। वैदिक वाड्मय की समीक्षा करते हुए उन्होंने वेद की वैज्ञानिकता को व्याकरण एवं काव्य शास्त्रीय उदाहरणों के माध्यम से स्पष्ट किया।
स्वागत एवं विषय प्रवर्तन विभाग के समन्वयक डॉ. देवेंद्र पाल व संचालन डॉ. सूर्यकांत त्रिपाठी ने किया। आभार ज्ञापन शोध परिषद प्रभारी डॉ कुलदीपक शुक्ल ने किया। इस दौरान डॉ. धर्मेंद्र कुमार सिंह, डॉ. रंजन लता, डॉ. स्मिता द्विवेदी, डॉ. मृणालिनी, डॉ. ज्ञानधर भारती एवं डॉ. अर्चना शुक्ला आदि मौजूद रहे।
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