मेडिकल कालेज बेवजह मरीज रेफर न करें : योगी
Gorakhpur News - मुख्यमंत्री ने एम्स में 500 बेड क्षमता के विश्राम सदन का किया शिलान्यास कहा-

गोरखपुर। वरिष्ठ संवाददाता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मेडिकल कालेजों से चिकित्सक बेवजह मरीजों को रेफर कर रहे हैं। वह गंभीर मरीजों का इलाज नहीं करना चाहते। चिकित्सक मरीजों को रेफर करने की प्रवृति से बचें। यह प्रवृति खतरनाक है। चिकित्सक क्रिटिकल केयर उपलब्ध कराने के लिए रिस्क लेने की आदत डालें।
मुख्यमंत्री, शुक्रवार की शाम को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में 500 लोगों की क्षमता वाले विश्राम सदन (रैन बसेरे) का भूमि पूजन-शिलान्यास करने के बाद उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। करीब 44.34 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह पूर्वी उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा विश्राम सदन होगा। इसका निर्माण पावरग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड की सीएसआर निधि से कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के ज्यादातर जिलों में मेडिकल कालेज संचालित हो रहे हैं। जिन जिलों में मेडिकल कॉलेज बन गए हैं, उनमे से कई में अभी भी मरीज को क्रिटिकल केयर या ट्रॉमा की सुविधा देने के लिए कोई रिस्क नहीं लिया जाता। मरीज को लखनऊ के लिए रेफर कर दिया जाता है। यह सब बंद होना चाहिए। क्रिटिकल केयर उपलब्ध कराते हुए रिस्क लेने की आदत डालनी होगी।
एम्स दे मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों को टेली कंसल्टेशन की सुविधा
मुख्यमंत्री ने अपेक्षा जताई कि एम्स को आसपास के जिलों के मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों में टेली कंसल्टेशन के जरिए विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करानी चाहिए। टेली कंसल्टेशन जैसी टेक्नोलॉजी का उपयोग कर अधिक से अधिक लोगों को राहत दी जा सकती है। एम्स की ओपीडी 4000 तक पहुंच चुकी है, अगर यहां पर सभी सुपर स्पेशलिटी की फैकल्टी आ जाएं तो यही ओपीडी 10,000 के पार चली जाएगी। ऐसे में एसजीपीजीआई की तर्ज पर एम्स, पूर्वी उत्तर प्रदेश का चिकित्सा हब बने। यहां से अन्य मेडिकल कॉलेजों को जोड़ते हुए यहां से टेली कंसल्टेशन दी जाए।
चिकित्सा संस्थानों में तीमारदारों के लिए हो व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने करीब डेढ़ वर्ष पहले लखनऊ में एसजीपीजीआई के अपने दौरे के दौरान सड़कों पर बड़ी संख्या में लोगों को देख तीमारदारों के लिए शेल्टर होम बनाने के निर्देश दिए थे। इसके लिए प्रयास शुरू किए गए तो पेट्रोलियम मंत्रालय ने लखनऊ में एसजीपीजीआई, केजीएमयू और आरएमएल चिकित्सा संस्थान के लिए तीन रैन बसेरे दिए। ऊर्जा मंत्रालय के सहयोग से एम्स गोरखपुर के लिए रैन बसेरा स्वीकृत हुआ।
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