हर मेडिकल कॉलेज में तीमारदारों के लिए बने रैन बसेरा : योगी
Gorakhpur News - नोट- अंदर के पेज के लिए खबर सीएम योगी ने एम्स में किया विश्राम सदन

गोरखपुर, वरिष्ठ संवाददाता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि चिकित्सा संस्थान में अगर एक मरीज भर्ती होने आता है, तो उसके साथ कम से कम तीन या चार तीमारदार होते हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश में तो कई बार तीमारदारों की संख्या 10 तक हो जाती है। ऐसे में मरीज के साथ आने वाले अटेंडेंट के लिए आश्रय की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए। इसको देखते हुए हर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में तीमारदारों के लिए रैन बसेरे का इंतजाम होना चाहिए।
सीएम योगी एम्स में विश्राम सदन (रैन बसेरे) का भूमि पूजन-शिलान्यास करने के बाद उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एम्स की बेड ऑक्युपेंसी 80 प्रतिशत है। आईसीयू, क्रिटिकल केयर और ट्रॉमा सेंटर में भर्ती होने वाले मरीजों के परिजन उनके साथ नहीं रह सकते। उन्हें बाहर ही रहना पड़ता है। इस कैम्पस में कम से कम 1200 लोग ऐसे होंगे, जिनको बाहर जहां-तहां सिर छुपाने के लिए पटरी पर, सड़कों के किनारे या फिर किसी अन्य जगह पर जाकर रहने के लिए मजबूर होना पड़ता है। विश्राम सदन के रूप में हम ऐसी व्यवस्था बनाएं, जहां पर अटेंडेंट को मिनिमम यूजर चार्ज पर रहने और सस्ते कैंटीन की सुविधा हो।
गोरखपुर में एम्स के लिए वर्ष 2003 से उठा रहे थे आवाज
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि गोरखपुर में एम्स के लिए 2003 से आवाज उठा रहे थे। उस समय अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे। एम्स दिल्ली के बाहर भी स्थापित होंगे, इसके लिए उन्होंने छह एम्स की घोषणा की थी। पर, उसके बाद यह क्रम थम सा गया। वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद यह फिर से शुरू हुआ। बीते 10 वर्ष में देश के अंदर 22 नए एम्स बने या बन रहे हैं। उनमें से गोरखपुर एम्स भी एक है। 2019 में एमबीबीएस के पहले बैच ने एडमिशन लिया। 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस एम्स का लोकार्पण किया था।
याद दिलाया तीमारदारों के लिए भोजन का रियायती मॉडल
मुख्यमंत्री ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 20 साल पहले तीमारदारों के भोजन के लिए रियायती मॉडल का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज इंसेफेलाइटिस का हॉटस्पॉट था। वहां पर समूचे प्रदेश के पेशेंट आते थे। लोगों के पास खाने के लिए भोजन नहीं होता था। उस समय हम लोगों ने एक स्वयंसेवी संस्था से मिलकर व्यवस्था कराई थी। उस समय आठ रुपये में तीमारदारों के लिए दाल, चावल, रोटी, सब्जी की व्यवस्था शुरू की गई। उन्होंने कहा कि आज भी पेशेंट के अटेंडेंट को बीआरडी मेडिकल कॉलेज और गुरु गोरखनाथ चिकित्सालय में दस रुपये में भरपेट दाल, चावल, सब्जी, रोटी की सुविधा प्राप्त हो रही है।
2027 तक पूरा होगा विश्राम सदन
एम्स की कार्यकारी निदेशक डॉ. विभा दत्ता ने कहा कि विश्राम सदन सिर्फ एक भवन नहीं है बल्कि रोगियों के परिजनों को आश्रय और बुनियादी सुविधाएं सुविधा दिलाने का संवेदनशील कदम है। पावरग्रिड के निदेशक (कार्मिक) यतींद्र द्विवेदी ने बताया कि विश्राम सदन के निर्माण को 31 मार्च 2027 तक पूर्ण किए जाने का लक्ष्य है। इस दौरान सांसद रवि किशन, एम्स गवर्निंग काउंसिल के चेयरमैन देशदीपक वर्मा, महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, सलाहकार अवनीश अवस्थी, पावरग्रिड के जसवीर सिंह, कार्यपालक निदेशक वाईके दीक्षित मौजूद रहे।
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