50 हजार से 4 लाख खर्च करके बन रहे थे डॉक्टर-इंजीनियर
Hapur News - फोटो--ल -पुलिस की विवेचना में फर्जी डिग्री से बने इंजीनयर-चिकित्सकों की खुल सकती है पोल हापुड़, मुलित त्यागी बाइक बोट घोटाले का मास्टर माइंड रहने वाले

बाइक बोट घोटाले का मास्टर माइंड रहने वाले फर्जी डिग्रियां बनाने वाले सरगना ने सियासत का चोला पहनकर बिजनौर लोकसभा के युवाओं को भी सियासी भाषणों से भविष्य सुधारने को कहा था। परंतु दूसरी तरफ फर्जीवाडे ने 6 हजार से अधिक छात्र-छात्रों के भविष्य पर संकट की लकीर खींच दी है। जिला प्रशासन ने मोनाड की मान्यता रद की संस्तुति कर दी है। डिग्री 50 हजार से 4 लाख में बेची-- एसटीएफ द्वारा किए गए खुलासे में जारी प्रेस नोट में पूछताछ के दौरान बताए जाने का दावा किया है कि मोनाड विश्वविद्यालय की डिग्री हरियाणा में भी बनकर तैयार की जा रही थी।
जिनको 50 हजार से 4 लाख रुपये कीमत में बेचा जा रहा था। पहले से ही विवादों में रही विवि--- वर्ष 2014 में विश्वविद्यालय में बड़ा छात्रवृत्ति घोटाला हुआ था। इस मामले में भी उत्तराखंड एसटीएफ ने हल्द्वानी में पहली एफआईआर दर्ज कराई थी। 28 छात्रों के नाम पर करीब 20,63,900 रुपये का घोटाला सामने आया था। मोनाड विश्वविद्यालय के उप निबंधक, इंडियन ओवरसीज बैंक के अज्ञात अधिकारियों-कर्मचारियों और बिचौलियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। टीम ने पाया था कि विश्वविद्यालय ने 150 सरकारी, संस्थागत, इंटर कॉलेज और उच्च शिक्षण संस्थानों के 1800 छात्रों का सत्यापन किया गया। इसमें पुलिस ने बाहरी प्रदेशों के 62 शिक्षण संस्थानों को भी जांच के दायरे में लिया था। इन शिक्षण संस्थानों के छात्रों को जिले के समाज कल्याण विभाग से छात्रवृत्ति बांटी गई थी। मामले में विश्वविद्यालय प्रबंध समिति के कई अधिकारियों के अलावा जिला समाज कल्याण अधिकारी भी जेल गए थे। 8 नवंबर 2024 को कोतवाली पुलिस ने तीन लोगों के बैग से 140 फर्जी दस्तावेज बरामद किए थे, इसमें मोनाड विश्वविद्यालय हापुड़ की आठ मार्कशीट शामिल थीं। समय-समय पर दूसरे राज्यों की टीम भी यहां जांच के लिए आती रही हैं। कुछ दिन पहले ही गुजरात की एक टीम भी यहां जांच के लिए आई थी और कई दिन तक रुककर जांच की थी 6 सितंबर 2021 को पिलखुवा पुलिस और साइबर सेल ने सीतापुर के थाना रामपुर मथुरा निवासी अमरेश और थाना कोतवाली के शास्त्री नगर निवासी शिवम को गिरफ्तार किया था। आरोपियों से मोनाड यूनिवर्सिटी की मार्कशीट बरामद हुई थी। बाइक बोट घोटाले के बाद सियासत, फिर फर्जीवाडा-- दूसरी तरफ देखा जाए तो पिलखुवा में बनी यह मोनार्ड 2014 से ही विवादों में चल रही थी। जिसके तीन बार ऑनर भी बदल गए। परंतु 2022 में बाइक बोट घोटाले के मास्टर माइंड विजेंद्र हुड्डा ने इसको खरीद लिया। विजेंद्र हुड्डा फर्जीवाडे से बचने के लिए सियासी अखाड़े में कूद गया। जहां पर लोकसभा बिजनौर से चुनाव भी लड़ा। युवाओं को साधने का प्रयास किया। परंतु वहीं 6 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं के भविष्य पर अपने कारनामे से ग्रहण लगा दिया है। क्योंकि जिला प्रशासन ने मान्यता रद की कार्रवाई शुरू कर दी है।
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