जीवन दायिनी गंगा समेत नदियों के सुरक्षा प्रहरी हैं कछुए-भारत भूषण
Hapur News - खास खबरर मंच और वन विभाग के तत्वाधान में हुआ कार्यक्रम -गंगा नेचुरल फॉर्म में जुटी सैकड़ों की भीड़ -शिकारी गतिविधि रोकने को वन विभाग कर रहा पेट्रोलिंग

गढ़मुक्तेश्वर, संवाददाता। मोक्ष दायिनी गंगा समेत नदियों में मृत पशुओं समेत प्रदूषित सामग्री का भक्षण कर प्रहरी की भूमिका निभा रहे कछुओं के अस्तित्व को बचाने के लिए लोगों को अपनी नैतिक जिम्मेदारी के प्रति पूरी तरह जागरूक रहने का संकल्प दिलाया गया। विश्व कछुआ दिवस के उपलक्ष्य में शुक्रवार को महाभारत कालीन पुष्पावती पूठ तीर्थनगरी के गंगा नेचुरल फॉर्म में जन जागरूकता कार्यक्रम हुआ। सामाजिक संगठन लोक भारती, स्वामी विवेकानंद विचार मंच और वन विभाग के संयुक्त तत्वाधान में हुए कार्यक्रम की अध्यक्षता गंगा सेवक मूलचंद आर्य और संचालन विनोद लोदी ने किया। मुख्य वक्ता के रूप में भाग लेते हुए कार्यक्रम संयोजक एवं पर्यावरणविद् भारत भूषण गर्ग ने कहा कि आज गंगा समेत नदियों की स्वच्छता का जो स्वरूप दिखाई दे रहा है, उसमें कछुवों का एक विशेष स्थान है।
सरकारी नीतियों के चलते गंगा में शिकार पर काफी हद तक रोक लगी है, जिससे कछुवों का कुनबा बड़ी तेजी से बढ़ रहा है। --मृत पशु और प्रदूषित सामग्री का भक्षण कर कछुए गंगा समेत नदियों में सफाई कर्मी की भूमिका निभा रहे भारत भूषण ने कहा कि कछुए अन्य जीवों के लिए बिल बनाने के साथ ही मृत पशुओं समेत अन्य प्रदूषित सामग्री को खाकर नदियों समेत गंगा मैया में सफाई कर्मी का दायित्व निभा रहे हैं। --प्रजनन को सुरक्षित करने की चल रही है मुहिम भारत भूषण गर्ग ने बताया कि सामाजिक संगठन स्वामी विवेकानंद विचार मंच और लोक भारती की टीम लगातार गंगा नदी के तटीय क्षेत्र से जुड़े किसानों के बीच जाकर कछुए के घोसलों को पहचानने का कार्य कर रही है। जिससे कछुए के अंडे सुरक्षित होने से टीम द्वारा 350 से अधिक अंडों का संग्रहण करते हुए उन्हें हस्तिनापुर यूनिट को सौपा जा चुका है। गत वर्ष 279 कछुए के जो बच्चे पुष्पावती पूठ धाम के घाट पर डीएम द्वारा गंगा में छोड़े गए थे, वे इसी क्षेत्र में एकत्र किए गए अंडों से प्राप्त हुए थे। --शिकारी गतिविधि रोकने को वन टीम कर रही सघन पेट्रोलिंग विशिष्ट अतिथि के रूप में भाग लेते हुए वन रेंजर करण सिंह ने दावा किया कि गंगा नदी में शिकारी गतिविधियां रोकने को विभागीय स्तर से सघन पेट्रोलिंग की जा रही है। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि अगर शिकारियों से जुड़ी कोई भी गतिविधि नजर दिखाई दें तो अविलंब वन विभाग अथवा पुलिस को सूचित कर दें। -कछुवे की औसत उम्र डेढ़ सौ वर्ष से भी अधिक होती है वन रेंजर करणसिंह ने बताया किकछुआ ही एकमात्र ऐसा प्राणी है, जिसकी आयु औसतन डेढ़ सौ वर्ष से भी अधिक होती है। कछुए का शिकार, उसे बंधक बनाना या घर के अंदर पालना वन्य जीव अधिनियम के अंतर्गत दंडनीय प्रवृत्ति का संगीन अपराध है। गंगा सेवक मूलचंद आर्य ने कहा कि जलधारा को निर्मल बनाने वाले कछुवे की महत्ता को देखते हुए मां गंगा ने उसे अपने मानस पुत्र के रूप में स्वीकार किया हुआ है। मीनाक्षी भूषण, यथार्थ भूषण, प्रदीप कुमार, गिरीश चौहान, नारायण लोदी, डिप्टी रेंजर जोगपाल सिंह, शुभम चौहान, गौरव कुमार ने कछुवों के संरक्षण की मुहिम में बढ़ चढक़र भागीदार बनने का संकल्प लिया।
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