बोले हरदोई: अवैध ईंट भट्ठों पर लगाएं लगाम ताकि मिले हमारे काम को दाम
Hardoi News - हरदोई में अवैध ईंट भट्ठों के संचालन से वैध भट्ठा संचालकों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। इन भट्ठों को सरकारी कार्यों में ईंट सप्लाई में रोक के चलते बिक्री में गिरावट आई है। मनरेगा में ईंटों के भुगतान में...

हरदोई। जिम्मेदारों की शह पर जनपद में बड़े पैमाने पर अवैध ईंट भट्ठों का संचालन हो रहा है। अवैध ईंट भट्ठा संचालकों को न तो जीएसटी देना पड़ता है, न ही रॉयल्टी का भुगतान करना होता है। ऐसे में वह कम दरों पर ईंट बेच देते हैं, जिसका खामियाजा ईंट भट्ठा संचालकों को उठाना पड़ता है। ईंट बनाने की लागत और सरकारी टैक्स जमा करने के बाद मुनाफा निकालना भी मुश्किल हो जाता है। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान से भट्ठा संचालकों ने बताया कि सरकारी कार्यों में ईंट की सप्लाई शुरू करने और अवैध ईंट भट्ठों का संचालन रोके जाने तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो सकता है। अब जगह-जगह इंटरलॉकिंग का बढ़ता चलन भट्ठा उद्योग को गहरी चोट दे रहा है। इस पर रोक लगनी चाहिए। आज के दौर में ट्रैक्टर का रजिस्ट्रेशन भी न होना सबसे बड़ी बाधा है। पकड़े जाने पर जुर्माना भरना पड़ता है। बताया गया कि मनरेगा के तहत हो रहे कामों में ईंट देने पर उसका भुगतान काफी दिनों बाद होता है। यह भी कारण उद्योग को गहरी चोट दे रहा है। मिट्ठी की खुदाई में रॉयलटी देने के बावजूद अगल से पुलिस को रिश्वत देने के लिए मजबूर होना पड़ता। इस उत्पीड़न पर तत्काल रोक लगनी चाहिए। भट्ठा कारोबारियों एक सुर में कहा कि मिट्टी खनन में पुलिस का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। साथ ही प्रतिबंधित ईंधनों के प्रयोग पर भी सरकार को रोक लगानी चाहिए।
पक्का घर बनाने के सपने को साकार करने में सबसे अहम रोल ईंट का होता है। ईंट भट्ठा कारोबारियों ने ईंट निर्माण कारोबार में आने वाली समस्याओं को लेकर आवाज उठाई। अवैध ईंट भट्ठा से लेकर प्रतिबंधित ईंधन के इस्तेमाल से होने वाले नुकसान को भी बताया। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान से चर्चा के दौरान कारोबारी अनीस अहमद ने अपनी बात रखी। उनका कहना है कि चल रहे अवैध भट्ठे हमारे कारोबार को चोट दे रहे हैं। अगर इन पर लगाम लगे जाए तो हमारे काम को भी दाम मिलने लगे। ईंट निर्माता कल्याण समिति के अध्यक्ष मुकेश अग्रवाल ने बताया कि भट्ठा संचालकों की सबसे बड़ी समस्या ईंट की बिक्री न होना है। सरकारी कार्यों में सबसे अधिक ईंट की सप्लाई होती थी पर उस पर ज्यादातर जगह रोक लगा दी गई है, जो कुछ ईंट बिकती भी हैं तो उसका भुगतान होने में ही साल-साल भर लग जाते हैं। ऐसे में जब ईंट बिकेगी नहीं, भुगतान होगा नहीं तो भट्ठा संचालक कहां से जीएसटी जमा करेंगे?
मनरेगा में ईंटों का प्रयोग हो रहा: ईंट निर्माता कल्याण समिति के महामंत्री योगेंद्र दत्त मिश्रा बताते हैं कि मनरेगा से होने वाले कार्यों में ईंट का प्रयोग हो रहा है। मनरेगा में पहले तो साल-साल भर भुगतान नहीं होता है पर जब भुगतान की बारी आती है तो प्रधानों, प्रमुखों और मनरेगा कर्मियों की बोगस फर्मों पर भुगतान कर दिया जाता है। ईंट सप्लाई करने वाले भट्ठा संचालक भुगतान का इंतजार ही करते रह जाते हैं। अभिषेक दीक्षित ने बताया कि आरोप लगते हैं कि ईंट भट्ठा संचालक श्रमिकों का शोषण करते हैं पर हालात इसके उलटे हैं। ईंट भट्ठा संचालक श्रमिकों के बंधक बन कर रह गए हैं। ईंटा पथाई के लिए श्रमिकों को एडवांस देना पड़ता है। उसके बाद मानक अनुरूप काम न होने पर श्रमिकों पर दबाव बनाते ही उनके लिए बनाए गए लेबर लॉ के झंझटों में फंस जाते हैं। ईंट निर्माता कल्याण समिति ने एकसुर में कहा लेबर लॉ में उनके हित के लिए भी प्रावधान किए जाएं। समिति ने बताया, परिवहन निगम के जिम्मेदारों ने कॉमर्शियल रजिस्ट्रेशन वाले ट्रैक्टर-ट्रॉली से ही ईंट सप्लाई किए जाने का कानून तो बता दिया है पर ट्रैक्टर संचालकों का रजिस्ट्रेशन नहीं किया जा रहा है। जब कभी नॉन रजिस्टर्ड वाहन पकड़े जाते हैं तो उन पर दबाव बनाया जाता है। प्रतिबंधित ईंधन पर पूरी तरह से लगाएं रोक : ईंन निर्माता कल्याण समिति ने बताया कई ईंट भट्ठा संचालक प्रतिबंधित ईंधन का उपयोग करते हैं। रबर, प्लॉस्टिक अपशिष्ट, टायरों से निकलने वाली रबर, भूसा का उपयोग ईंट पकाने में किया जा रहा है। जब कभी पर्यावरण के जिम्मेदारों से शिकायत होती है तो कर्मचारी नियमों का उल्लंघन करने वाले ईंट भट्ठा संचालकों को सूचना देकर वसूली कर लेते हैं।
शिकायतें
1. अवैध ईंट भट्ठों से वैध भट्ठा संचालकों को आर्थिक नुकसान होता है।
2. सरकारी कार्यों में ईंट की सप्लाई पर रोक होने से भट्ठा संचालकों की बिक्री ठप हो गई।
3. मनरेगा भुगतान में देरी और बोगस फर्मों को भुगतान हो जाने से असली सप्लायर को घाटा।
4. श्रमिकों को एडवांस देना पड़ता है पर श्रमिकों के लेबर लॉ में उलझ जाते हैं संचालक।
5. ट्रैक्टर-ट्रॉली के रजिस्ट्रेशन में अड़चन, बिना पंजीकरण के संचालन पर दबाव और दंड।
6. प्रतिबंधित ईंधन उपयोग पर शिकायत के बावजूद प्रशासनिक लापरवाही, अवैध वसूली होती।
7. मिट्टी की खुदाई पर रॉयल्टी देने के बावजूद पुलिस को अलग से रिश्वत देनी पड़ती है।
समाधान
1. अवैध ईंट भट्ठों को बंद कर वैध भट्ठों को सरकारी संरक्षण और समर्थन दिया जाए।
2. सरकारी कार्यों में फिर से लाल ईंटों की सप्लाई को प्राथमिकता दी जाए।
3. मनरेगा में ईंट आपूर्ति का सीधा भुगतान वास्तविक सप्लायरों को समय पर किया जाए।
4. लेबर लॉ में संचालकों के हित में भी स्पष्ट और सुरक्षित प्रावधान जोड़े जाएं।
5. ट्रैक्टर-ट्रॉली पंजीकरण की प्रक्रिया सरल और शीघ्र बनाई जाए।
6. प्रतिबंधित ईंधनों की उपयोग पर सख्त रोक और पारदर्शी पर्यावरण निरीक्षण प्रणाली बने।
7. मिट्टी खनन में पुलिस हस्तक्षेप बंद हो, रॉयल्टी भुगतान पर कानूनी संरक्षण मिले।
बोले कारोबारी
ईंट की बिक्री बंद है। सरकारी कार्यों में सप्लाई शुरू हो तभी समाधान हो। -मुकेश अग्रवाल, अध्यक्ष ईंट निर्माता कल्याण समिति
मनरेगा में ईंट देने पर भुगतान सालों बाद होता है। कई जगह तो प्रधान व बोगस फर्में पैसा हजम कर जाती हैं। -योगेंद्र दत्त मिश्र
ईंट भट्ठा करोबार घाटे का सौदा बन चुका है। टैक्स और खर्च के बाद कुछ खास नहीं बचता। -जयप्रकाश अग्रवाल
अवैध ईंट भट्ठे खुलेआम चल रहे हैं। प्रशासन की मिलीभगत से ईंट व्यापार चौपट हो रहा है। इस पर रोक लगे। -अनीस अहमद
शिकायतों पर पर्यावरण अधिकारी सिर्फ नोटिस दे वसूली करते हैं। सख्त कार्रवाई नहीं होती। -महमूद हसन
भट्ठा संचालन के लिए ट्रैक्टर का पंजीकरण नहीं हो रहा है, जबकि पकड़े जाने पर अवैध वसूली होती है। -रंजन गुप्ता
रॉयल्टी भरने के बावजूद पुलिस को खनन के समय रिश्वत देनी पड़ती है। इससे निजात दिलाई जाए। -शिशिर अग्रवाल
सरकारी कार्यों में लाल ईंट की वापसी से ही भट्ठा उद्योग को राहत मिलेगी। जनप्रतिनिधि ध्यान दें। -आलोक अग्रवाल
भुगतान समय पर नहीं होता है। वर्क ऑर्डर भी नहीं मिलता है। संचालन मुश्किल हो रहा है। -सुमित अग्रवाल लकी
सरकारी प्रोजेक्टों में इंटरलॉकिंग का बढ़ता चलन नुकसान देह है। लाल ईंट की अनदेखी सही नहीं है। -मो. शकील खां
मानवाधिकार आयोग से मिलीभगत कर श्रमिक ठेकेदार झूठी शिकायतें कर संचालकों को फंसाते हैं। -शिवम
ईंट भट्ठा निर्माताओं के संग प्रशासन छह महीने में एक बार बैठक करे। समस्याएं सुनकर समाधान करें। -विमलेश गुप्ता
श्रमिकों पर नियंत्रण नहीं रह गया है। एडवांस देकर भी संचालक उनके बंधक बन जाते हैं। -अभिषेक दीक्षित
बोले जिम्मेदार
किसी भी कीमत पर अवैध ईंट भट्ठा का संचालन नहीं होने देंगे। ईंट भट्ठा संचालकों की समस्याओं को सुनकर उनका समाधान किया जाएगा। ईंट भट्ठा को शासन की ओर से निर्देशित नई संरचना के आधार पर बनवाने के लिए शासन की ओर से अनुमन्य योजनाओं का लाभ भी दिलाया जाएगा। -प्रियंका सिंह, अपर जिलाधिकारी
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