Krisna Nagariya Faces Severe Sanitation Issues and Waterlogging in Hardoi बोले हरदोई: नालियां पड़ीं चोक ..खाली प्लॉट बने कूड़ाघर, Hardoi Hindi News - Hindustan
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बोले हरदोई: नालियां पड़ीं चोक ..खाली प्लॉट बने कूड़ाघर

Hardoi News - हरदोई के कृष्ण नगरिया वार्ड 11 में प्रशासनिक अनदेखी और अव्यवस्थाओं के चलते जलभराव और सफाई की समस्याएं बढ़ गई हैं। टूटी सड़कों, गंदगी, मच्छरों और आवारा पशुओं की वजह से स्थानीय लोग परेशान हैं। जल निकासी...

Newswrap हिन्दुस्तान, हरदोईFri, 18 April 2025 01:59 PM
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बोले हरदोई: नालियां पड़ीं चोक ..खाली प्लॉट बने कूड़ाघर

हरदोई। कलेक्ट्रेट मुख्यालय से करीब डेढ़ किमी दूर नगर पालिका परिषद हरदोई का वार्ड 11 कृष्ण नगरिया प्रशासनिक अनदेखी और अव्यवस्थाओं का शिकार है। बिलग्राम चुंगी से सांडी मार्ग होते हुए कृष्ण नगरिया पहुंचते ही पहले तो लगता है जैसे पॉश इलाका है पर जैसे ही मुख्य सड़क से अंदर प्रवेश करते हैं, हकीकत सामने आ जाती है। गली-मोहल्लों में टूटी सड़कें, कचरे और गाद से भरी नालियां, बदबू फैलाते खाली प्लॉटों में जमा पानी, घूमते मवेशी आफत हैं। कहने को तो शहर के पास बसे हैं पर विकास के नाम पर यहां हकीकत कुछ और है। पांच हजार से ज्यादा आबादी वाला यह मोहल्ला आज जलनिकासी का समुचित व्यवस्था न होने से जलभराव की समस्या जूझ रहा है। आज बात कर रहे हैं कृष्णनगरिया की। यहां घरों से निकलने वाले पानी के लिए बनी नालियां खुद ‘बीमार पड़ी हैं। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान से बातचीत के दौरान रामसागर बताते हैं कि यहां दो से ढाई फिट तक नालियां गहरी हैं। इनमें ऊपर तक कचड़ा भरा हुआ है। इससे बारिश होने में पूरा इलाका एक टापू जैसा बन जाता है। खाली पड़े प्लॉट कूड़ाघर बन चुके हैं। जलनिकासी की सही व्यवस्था न होने से बारिश का पानी कई-कई दिनों तक भरा रहता है, जिसकी सड़ांध बहुत परेशान करती है। इस वजह से बच्चों और बुजुर्गों को घर में कैद होना पड़ता है।

जलभराव होने से पनप रहे मच्छर : रिंकू सिंह ने बताया कि जगह-जगह जलभराव से मच्छर बड़ी संख्या में पनप रहे हैं। मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करते हैं। जिम्मेदारों से जल निकासी और सफाई व्यवस्था में सुधार के लिए कई बार कहा गया पर कोई खास सुधार नहीं हुआ। मजबूरी में ऐसे में इस माहौल में ही रहने की आदत डाल रहे हैं। रमेश गुप्ता बताते हैं गंदगी से बीमारियों का खतरा बना रहता है। यहां के लोग अपना और परिजनों का इलाज करवाते-करवाते परेशान हो चुके हैं। रामनिवास गुप्ता ने बताया कि गलियों में झाड़ू लगाने वाला आ जाए तो समझ लो त्योहार है। वैसे हम लोग अपने आप ही झाड़ू लगाते हैं। खाली प्लॉट कूड़ा डंपिंग स्थल बन गए हैं। उनमें कचरा पूरे साल इकट्ठा रहता है, जब कचरा ज्यादा हो जाता है तो उसे आग लगा देते हैं। इससे कूड़ा तो कम हो जाता है पर काला धुआं काफी देर तक परेशान करता है।

टूटी पुलियों को नए सिरे से बनवाएं: हरीराम गुप्ता ने बताया कि बारिश में पूरा इलाका तालाब सा दिखता है। सौरभ गुप्ता ने बताया, यहां की समस्या का निदान बड़ा नाला तक नालियां बनाने और टूटी पुलिया नए सिरे से बनवाने से हो सकता है। फूलचंद गुप्ता, अरविंद गुप्ता सहित मोहल्ले के लोगों ने ने बताया कि मवेशी आएदिन टहलते हैं। इनको आश्रय स्थल नहीं भिजवाया ज रहा है। इनसे हर पल जान का खतरा बना रहता है। मोहल्ले की मुख्य गलियों के पास बड़े कूड़ेदान रखवाए जाएं। इससे लोगों को खाली प्लॉटों में कूड़ा फेंकने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा। कूड़ेदान से हर सप्ताह एक बार भी कूड़ा उठ जाएगा तो काफी राहत मिलेगी।

छुट्टा जानवर बन रहे मुसीबत : वार्ड में दर्जनों की संख्या में छुट्टा जानवर घूमते नजर आते हैं। ये लोगों के लिए जान का खतरा बन चुके हैं। गली-मोहल्लों में घूमते मवेशी बच्चों और बुजुर्गों पर अक्सर हमला कर देते हैं। कभी आपस में लड़ते हुए इधर-उधर भागते हैं तो भी सींग उठाकर मारने दौड़ते हैं। स्कूल जाते बच्चों को जानवरों से डर लगता है। नागरिकों का कहना है कि प्रशासन इन जानवरों को पकड़कर गोशालाओं में भेजे ताकि मोहल्ला सुरक्षित हो सके।

स्ट्रीट लाइटों को दुरुस्त कराया जाए : मोहल्ले में कई जगह स्ट्रीट लाइट व्यवस्था गड़बड़ है। इस कारण शाम होते ही अंधेरा पसर जाता है। वहीं कुछ स्थानों पर पोलों पर स्ट्रीट लाइट लगी है लेकिन तार टूटा है। कुछ में तकनीकी खराबी के कारण वह बंद रहती हैं। इनकी मरम्मत हो जाए तो शाम के बाद पूरी रात अंधेरे से निजात मिले।

शिकायतें

1. टूटी सड़कों के कारण आए-दिन दुर्घटनाएं होती हैं। बच्चों और बुजुर्गों को पैदल चलने में दिक्कत होती है।

2. नालियों में गाद भरने से पानी रुकता है। इससे बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।

3. खाली प्लॉटों में बारिश का पानी भरने से बदबू और मच्छरों का प्रकोप फैला है।

4. नियमित सफाई न होने से गंदगी का ढेर जगह-जगह नजर आ रहा है।

5. फॉगिंग न होने से डेंगू-मलेरिया फैलने का डर हमेशा बना रहता है।

6. आवारा पशु गलियों में घूमते रहते हैं। कभी इनके हमले तो कभी बचकर भागते वक्त बच्चों को चोट लग जाती है।

7. टूटी पुलिया से लोगों का आना-जाना जोखिम भरा हो गया है। कोई ध्यान नहीं देता।

सुझाव

1. सड़क मरम्मत के लिए स्थायी योजना बनाकर वार्षिक रखरखाव सुनिश्चित किया जाए।

2. नालियों की सफाई के लिए समयबद्ध अभियान शुरू किया जाए।

3. खाली प्लॉटों में जमा कूड़ा उठवाया जाए। जल निकासी की व्यवस्था को सुनिश्चित किया जाए।

4. नियमित रूप से सफाई कर्मियों की ड्यूटी तय की जाए। ताकि सफाई हो सके।

5. फॉगिंग मशीन से छिड़काव कराकर हर सप्ताह कीट नियंत्रण किया जाए।

6. आवारा पशुओं के लिए गोशाला बने। उन्हें पकड़ने का अभियान चलाया जाए।

7. टूटी पुलिया को तत्काल बजट आवंटित कर बनवाया जाए। हादसों पर रोक लगे।

बोले बाशिंदे

अब तो घर के आसपास उठने वाली बदबू के बीच रहने और मच्छरों से लड़ने की आदत बन चुकी है। जिम्मेदारों से उम्मीद नहीं बची। - रामसागर

बीमारियों का खतरा गंदगी की वजह से हर समय बना रहता है। हर साल इलाज में पैसा खर्च हो जाता है। सफाई पर किसी का ध्यान नहीं जाता। -रमेश गुप्ता

मोहल्ले में सफाईकर्मी कभी-कभी ही आते हैं। अक्सर हमें खुद ही सफाई करनी पड़ती है। नियमित सफाई होनी चाहिए।- विकास गुप्ता

यहां सफाई होना किसी त्योहार से कम नहीं। मजबूरी में अवकाश के दिनों में हम लोग ही झाड़ू लगाते हैं। इससे छुटकारा कब मिलेगा। -रिंकू सिंह

खाली प्लॉटों में कचरा जमा होता रहता है। पालिका से कोई भी कचरा उठाने नहीं आता है। अंत में लोगों को ही उसे जलाना पड़ता है। - बब्लू गुप्ता

बारिश आते ही गली-गली पानी भर जाता है। पूरा इलाका तालाब सा लगता है। मेरे घर के सामने भी चलना मुश्किल हो जाता है।-रामनिवास गुप्ता

आए दिन कोई न कोई बच्चा, बुजुर्ग या राहगीर छुट्टा जानवरों की चपेट में आकर चोटिल हो जाता है। इन पर अंकुश लगना चाहिए। -राजीव कुमार

गंदगी से निकलने वाली बदबू बर्दाश्त के बाहर हो गई है। बीमारियां बढ़ रही हैं। जल निकासी का उचित प्रबंध किया जाए। - रामप्रकाश गुप्ता

सफाई कर्मचारी नियमित रूप से नहीं आते हैं। गलियों में कूड़ा फैला पड़ा रहता है। साफ-सफाई न होने से बड़ी समस्या होती है। -फूलचंद गुप्ता

घर के पास अधिकांश क्रॉस टूटे पड़े हैं। नालियां बनी हैं पर सफाई न होने से कचरे और गाद से भरी रहती हैं। कोई ध्यान नहीं देता है। - हरीराम गुप्ता

अगर नालियों को मुख्य नाले से जोड़ दिया जाए। बड़ी पुलिया बनवा दी जाए तो जल निकासी की समस्याएं समाप्त हो जाएंगी। - सौरभ गुप्ता

मोहल्ले में कई जगह नालियां जर्जर पड़ी हैं। इनकी मरम्मत कराई जाए। गलियों के गड्ढे भी दुरुस्त होने चाहिए। ऐसा करने से बारिश में होने वाले जलभराव से राहत मिलेगी। -अभिषेक

साफ-सफाई के अभाव से जीवन नर्क हो गया है। लगता है किसी दूर दराज के गांव में रहते हों। नगरीय सुविधाओं का अभाव है, जिसे उपलब्ध करवाया जाए। ताकि कुछ राहत मिल सके। -राहुल

बोले जिम्मेदार

सफाई व्यवस्था को बेहतर करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। नालियों की सिल्ट जल्द ही निकलवाई जाएगी। यदि कहीं पर स्ट्रीट लाइट खराब है तो उसकी मरम्मत के लिए कर्मचारियों को निर्देशित करें। नगर पालिका की ओर से बेहतर सुविधाएं देने का काम किया जा रहा है। -सुखसागर मिश्रा मधुर, चेयरमैन

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