कब तक लॉन्च होगा NSE का आईपीओ? सेबी चेयरमैन ने खुद दे दिया अपडेट
- भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने इस आईपीओ पर अपडेट दिया है। उन्होंने कहा कि बाजार नियामक आईपीओ से जुड़ी समस्याओं को देख रहा है।

शेयर बाजार के इंडेक्स नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) का इंतजार कर रहे हैं तो ये खबर आपके लिए है। दरअसल, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने इस आईपीओ पर अपडेट दिया है। उन्होंने कहा कि बाजार नियामक आईपीओ से जुड़ी समस्याओं को देख रहा है। इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि योजनाओं पर निर्णय लेते समय कॉमर्शियल हित को आम जनता के हित पर हावी नहीं होने देगा।
तुहिन कांत ने कहा- हम कॉमर्शियल हितों को आम जनता के हितों पर हावी नहीं होने देंगे और यह सुनिश्चित करना नियामक का काम है। पांडेय ने स्पष्ट किया कि भारत ने एक ऐसा मॉडल अपनाया है, जिसमें कॉमर्शियल या लाभ कमाने वाली इकाइयां शेयर बाजार बन गई हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह सुनिश्चित करना नियामक का काम है कि आम जनता के हितों से समझौता न हो। उन्होंने कहा कि शेयर बाजारों के बीच किसी भी तरह के टकराव को सुलझाना भी नियामक का काम है।
कब तक हो जाएगा समाधान
जब उनसे पूछा गया कि नियामक कब तक मुद्दों को सुलझाना चाहता है, तो उन्होंने कहा कि यह जल्द से जल्द किया जाएगा। यह ध्यान देने वाली बात है कि एनएसई की आईपीओ योजना पिछले आठ साल से अटकी हुई है। इक्विटी एक्सचेंज ने इस साल योजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए नियामक से अनापत्ति मांगी थी।
समिति का गठन
सेबी ने एनएसई के आईपीओ पर विचार करने के लिए एक आंतरिक समिति गठित की है और बाजार नियामक ने एनएसई से सभी मुद्दों को सुलझाने को कहा है। रिपोर्ट के अनुसार, सेबी की चिंताओं में प्रमुख प्रबंधन कर्मियों को दिया जाने वाला मुआवजा और समाशोधन निगम व अन्य में बहुलांश स्वामित्व आदि शामिल हैं।
बता दें कि एनएसई ने पहली बार 2016 में लिस्टिंग के लिए आवेदन किया था, लेकिन विनियामक चिंताओं के कारण सेबी मंजूर नहीं कर रहा है। साल 2019 में सेबी ने एनएसई के को-लोकेशन मामले को हल करने के लिए कहा। हालांकि, एनएसई ने इसके बाद कई बार सेबी से मंजूरी मांगी लेकिन अब तक हरी झंडी का इंतजार है।