बोले हरदोई: विकास का पता नहीं.. आश्वासन पाते रहो
Hardoi News - हरदोई के लक्ष्मीपुरवा मोहल्ले के लोग जलभराव और बुनियादी सुविधाओं की कमी से परेशान हैं। पिछले 15 सालों से बारिश के दौरान गलियों में पानी भर जाता है। मोहल्ले में न तो कोई पार्क है और न ही सफाई की सही...

हरदोई। हमारे लिए आश्वासन के तराने पुराने हो चुके हैं। त्योहार और चुनाव आते हैं तो उम्मीद बंध जाती है कि सफाई होगी। सालों से आवाज उठा रहे हैं पर समस्याओं का स्थायी हल नहीं निकल पा रहा है। यहां बांधों का पानी तो नहीं आता पर बारिश में हर साल बाढ़ जैसी स्थिति जरूर बन जाती है। तब मोहल्ले की हर गली में घुटने से ऊपर बहता पानी सभी उम्मीदों को अपने साथ बहा ले जाता है। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान से संवाद के दौरान लक्ष्मी पुरवा मोहल्ला के लोगों का दर्द उभरकर सामने आया। यहां के बाशिंदे विकास की योजनाओं के बीच अपने को ठगा सा महसूस करते हैं। नालों की सही से सफाई न होने से बारिश के दिनों में होने वाला जलभराव काफी परेशान करता है। लोगों का कहना है कि गंदगी की वजह से मच्छराें की फौज तैयार है, जो शाम होते ही काटना शुरू कर देती है। इसे देखते हुए पालिका को फॉगिंग करानी चाहिए। वहीं, बच्चों और बुजुर्गों के लिए मोहल्ले में एक पार्क तक नहीं है। एक समस्या हो तो बताई जाए, यहां ढेरों समस्याएं मुंह बाए खड़ी हैं। मोहल्ले में घूमने वाले अन्ना मवेशी भी आएदिन हमला करते हैं। इनको पकड़कर गोशाला में भेजा जाए। जगह-जगह कूड़ादान भी रखवाया जाए, ताकि खाली प्लॉटों पर कूड़ा न फेंका जाए।
आज से करीब 20 साल पहले बसा मोहल्ला लक्ष्मीपुरवा अपनी अनदेखी पर दुखी है। कलेक्ट्रेट से दो किलोमीटर की दूरी पर बसे मोहल्ले के लोग 15 साल से जलभराव की समस्या झेल रहे हैं। विकास के नाम पर दौड़भाग के बाद जैसे-तैसे कुछ गलियों में तो इंटरलॉकिंग बन गई पर लाभ यहां के बाशिंदों को कभी नहीं मिल पाया, क्योंकि यहां का ध्वस्त ड्रेनेज सिस्टम मुसीबत बना है। हर साल बारिश में गंदे नालों में इंटरलॉकिंग की गई गलियां बदल जाती हैं। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान से दशकों पुरानी समस्याओं की दास्तां सुनाते हुए उमा देवी का कहना है कि हमारे यहां विकास का दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है। सिर्फ कोरे आश्वासन ही मिलते आए हैं। इस वजह से आज भी राहत नहीं मिल सकी है। अब तो हारकर हम लोगों ने अपने घरों को भी मौसम के मुताबिक, ढालना शुरू कर दिया है। मूसलाधार बारिश होने पर घर के अंदर तक गंदा पानी बैक मारता है, जिससे संक्रमण होने का डर बना रहता है।
कटवाए जाएं सूखे यूकेलिप्टस के पेड़ : मोहल्ले में खाली पड़े छोटे से खेत में तालाब जैसा नजारा दिखता है। यहां पर खेत के किनारे यूकेलिप्टस के कई पेड़ लगे हैं, जिनमें से सात से आठ पेड़ सूख चुके हैं, जो कभी भी टूटकर गिर सकते हैं। इससे हादसा होने की आशंका बनी हुई है। रामबरन ने बताया कि कई पेड़ सूखकर गिर चुके हैं। प्लॉट मालिक से बात कर सूखे पेड़ों को कटवा दिया जाना चाहिए, जिससे किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
नाले में पानी के बहाव को ठीक किया जाए : मोहल्ले में मुख्य स्थान पर प्रवेश करते ही किनारे से बड़ा नाला शुरू हो जाता है, जो बराबर उफनाता रहता है। इसके पानी का बहाव ठीक हो जाए तो मोहल्ले में जलभराव से बचाव हो सकता है। रामगुनी ने बताया कि कई बार नाला को ठीक करने के लिए कवायद हो चुकी है। जिम्मेदार आश्वासन भी देते रहते हैं पर सालों बाद भी हालात नहीं सुधारे जा सके।
अप्रैल में काम करवाने का मिला था आश्वासन : लोगों का कहना है कि हर साल त्योहारों के मौके हों या फिर कोई सरकारी कार्यक्रम हो तब मोहल्ले में बड़े स्तर पर सफाई कार्यक्रम शुरू होता है। इससे लगता है कि समस्या जड़ से खत्म हो जाएगी पर विशेष अवसर जाते ही स्थितियां पहले की तरह लाचार और बेबस हो जाती हैं। इस बार भी सुनने में आ रहा है कि नगर पालिका अध्यक्ष की ओर से अप्रैल में विकास कार्य करवाए जाएंगे।
एक पार्क बने तो बुजुर्गों को मिले राहत : लक्ष्मीपुरवा के लोगों का कहना है कि कहने को तो वे लोग शहर के पास बसे हैं पर एक पार्क के लिए तरस रहे हैं। जिम्मेदारों को सर्वे कर ऐसा स्थल चयनित करना चाहिए, जहां पार्क बनाया जा सके। इस पार्क में लोगों के पैदल चलने के लिए पाथ-वे और बैठने के लिए बेंच बनें। ताकि बुजर्ग सुबह-शाम टहल सकें। कसरत कर सेहतमंद हो सकें। छुट्टी के समय बच्चे यहां खेलकूद सकें। अभी खाली प्लॉट, कच्ची गलियों में बच्चे खेलने को मजबूर हैं। इससे कभी वाहन रुकावट बनते हैं तो कभी जलभराव मुसीबत बन जाता है। इन ढेर सारी दिक्कतों से आखिर कब छुटकारा मिलेगा।
शिकायतें
1. मोहल्ले में एक भी पार्क ऐसा नहीं है, जहां पर शाम के वक्त बुजुर्ग बैठ सकें या सुबह टहल सकें।
2. मुख्य नाले की ढलान गड़बड़ होने की वजह से यह लगातार उफनाता रहता है।
3. बारिश होते ही चंद घटों के अंदर गलियों में पानी भर जाता है, जो कई घंटे बाद भी बना रहता है।
4. मच्छर नाशक दवा और फॉगिंग के नाम पर केवल खानापूरी की जाती है।
5. खाली प्लॉटों में लोग कूड़ा फेंकने के लिए मजबूर हैं। इससे गंदगी फैली हुई है।
समाधान
1. मुख्य नाले में तीन फीट तक जमा सिल्ट निकाली जाए। इसके बाद ढलान सही करें।
2. मोहल्ले में कम से कम एक पार्क पालिका बनवाए, जिससे लोग सुबह-शाम टहल सकें।
3. महीने में कम से कम दो बार खाली प्लॉटों से भी कूड़ा उठवाकर दूर फेंका जाए।
4. मोहल्ले में घूम रहे अन्ना मवेशियों को पकड़कर गोशाला में बंद कराएं।
5. मोहल्ले में अधिकांश सार्वजनिक स्थानों व गलियों में कूड़ेदान रखे जाएं।
बोले बाशिंदे
जल निकासी नहीं होने की वजह से गंदे पानी का तालाब जैसा बन गया है। सर्वे कराकर समस्या दूर की जाए। -मुकेश सिंह
घरों से निकला गंदा पानी नालियों से होते हुए मोहल्ले में जगह-जगह इकट्ठा होता है। इससे मच्छरों की भरमार है। -आकाश गुप्ता
त्योहारों के अवसर पर सफाई अभियान चलाया जाता है। ऐसा करने के बजाय समस्या का स्थाई हल निकाला जाए। -राम भजन
बारिश में मोहल्ले का नजारा बाढ़ जैसा होता है लोग गंदगी से होकर घर पहुंचते हैं। यह दिक्कत अब दूर होनी चाहिए। -ब्रज किशोर
बारिश का पानी घरों में घुस जाता है। हम लोगों ने ऊंचे चबूतरे बनवाएं हैं। अधिकारी मौके पर आकर देखें तो पता चले। -लज्जावती
नालियों के किनारे मिट्टी चढ़ाकर गंदे पानी को घर में घुसने से बचाते हैं। नालियों की मरम्मत कराकर ठीक कराएं। -रामबरन गुप्ता
घर के बाहर बनीं नालियां संकरी और कम गहराई की हैं। इनकी मरम्मत की जाए। जरूरत के अनुसार चौड़ाई बढ़े। -सरला
कई बार सरकारी विभाग की ओर से सर्वे हुआ है पर जल निकासी की समस्या अभी तक दूर नहीं हो सकी है। -सुशीला
बच्चों को स्कूल जाने में बारिश के दिनों में बड़ी समस्या होती है। अक्सर छुट्टी करनी पड़ती है। अब इससे छुटकारा मिले। -रामदेवी
गली में घुटनों तक पानी भरने से ग्राहक दुकान तक सामान खरीदने नहीं आ पाते हैं। दुकानदारी प्रभावित होती है। -नीलम
बोले जिम्मेदार
लक्ष्मीपुरवा के लोगों को जलभराव की समस्या से राहत दिलाने के लिए प्रयास करेंगे। मुख्य नाले की छानबीन कराई जाएगी। जल निकासी के लिए जो भी उचित कदम होंगे उन्हें उठाया जाएगा। फॉगिंग कराई जाएगी। -रामेंद्र सिंह, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका
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