पौधरोपण के लिए किसान करें गड्ढ़े की खोदाई
Jaunpur News - जौनपुर में वरिष्ठ उद्यान निरीक्षक रवींद्र कुमार सिंह ने किसानों को बारिश के समय पौधरोपण के लिए गड्ढे खोदने का सुझाव दिया है। गड्ढा एक मीटर लम्बा, चौड़ा और गहरा होना चाहिए। इस प्रक्रिया से हानिकारक...

जौनपुर, संवाददाता। बारिश के समय पौधरोपण करने वाले किसान अब गड्ढे की खोदाई कर दें। आमतौर पर पौधरोपण के लिए एक मीटर लम्बा-चौड़ा व एक मीटर गहरा गड्ढ़ा खोद लें। इस समय गड्ढ़ा खोद कर छोड़ देंगे तो कड़ी धूप से गड्ढ़ों व मिट्टी में रह रहे हानिकारक जीवाणु मर जाएंगे। जिससे पौधों में रोग लगने की संभावना नहीं रहेगी। यह सुझाव किसानों-बागवानों को वरिष्ठ उद्यान निरीक्षक रवींद्र कुमार सिंह दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि आम के पौधों का रोपण 10-10 मीटर की दूरी पर किया जाएगा। इसी प्रकार अमरूद का रोपण छह-छह मीटर की दूरी पर होगा। केला का रोपण 1.8-1.8 मीटर की दूरी पर किया जाता है।
उद्यान निरीक्षक ने बताया है कि मई माह में गड्ढ़ा खोदाई करा देंगे तो मिट्टी धूप से जलकर पक जाएगी। इससे उसमें जल घारण क्षमता बढ़ जाएगी। जब पौध रोपण करेंगे तो पौधों को कम पानी देना होगा। बारिश का पानी गड्ढों में अवशोषित हो कर काफी दिनों तक नमी बनाए रखेगा। वरिष्ठ उद्यान निरीक्षक रविन्द्र सिंह ने बताया कि खोदे गए गड्ढे की भराई जून के दूसरे सप्ताह में करेंगे। भराई करते समय गड्ढे से निकली मिट्टी में नीम की खली, ट्राइकोडर्मा पावडर मिलाकर भराई की जाएगी। मिट्टी में देशी या कम्पोस्ट खाद भी मिलाई जाएगी। उन्होंने बताया कि गड्ढ़ा भराई करते समय ध्यान रहे कि मिट्टी इतनी भरें कि गड्ढ़ा करीब एक फिट तक खाली रहे। जिससे पौध रोपण के बाद ठीक से मिट्टी भरी जा सके। पौधरोपण के बाद मिट्टी को खूब दबा देंगे ताकि बारिश होने या सिंचाई के बाद थाले में दरारें न पड़ें। दरारें पड़ेंगी तो पौधे सूख जाएंगे।
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