20 लाख की आबादी और स्टाफ की कमी से जूझ रहा जिले का अग्निशमन विभाग
Kannauj News - कन्नौज में आग बुझाने वाले विभाग के पास केवल 32 कर्मचारी हैं, जबकि 200 की आवश्यकता है। जिले में केवल 6 बड़ी गाड़ियां और 2 छोटी गाड़ियां हैं। गर्मियों में आग लगने की घटनाएं बढ़ती हैं, लेकिन विभाग अपनी...
कन्नौज, संवाददाता। आग बुझाने वाला फायर ब्रिगेड विभाग खुद ही समस्याओं से जूझ रहा है। 20 लाख की आबादी वाले जिले में केवल 32 फायर कर्मचारी है, जबकि 200 कर्मचारियों की जरूरत है। पूरे जिले में आग बुझाने के लिए केवल 6 बड़ी गाड़ियां, 2 छोटी गाड़ियां और 2 बुलेट हैं। आग बुझाने के समय एक गाड़ी पर सात से आठ कर्मचारियों को होना चाहिए। गर्मियों की शुरूआत के साथ ही गांव-घरों में लगने वाली आग से बचाव की कोई व्यवस्था नहीं हो सकी। कारणवश प्रत्येक वर्ष दर्जनों गांवों के लोग प्रभावित होते हैं और शासन प्रशासन तक को कोसने को विवश होते हैं। गर्मियों का मौसम आते ही जिले में आग लगने की घटनाएं बढ़ने लगती हैं। हालांकि संसाधनों के अभाव के बाद भी विभाग लगातार अपनी ड्यूटी के प्रति पूरी तरह से मुस्तैद रहता है। विभाग में मानव संसाधन की कमी अक्सर दिक्कतें खड़ी करती है। इन सब हालातों में अग्निशमन महकमा व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने की कवायद में लगा रहता है। जिले में तीन फायर स्टेशन हैं। महकमे करीब 32 लोगों का स्टाफ है। जिनमें 6 वाहन चालक, 5 हेड कांस्टेबल, दो अग्निशमन अधिकारी हैं। आग की सूचना पर अग्निशमन विभाग की टीम फौरन सक्रिय हो जाती है और आग पर काबू पाने का प्रयास शुरू कर देती है। विभाग के पास संसाधनों की बात करें तो 6 बड़ी गाड़ियां, 2 छोटी गाड़ियां और 2 बुलेट हैं। वहीं विभाग में अभी 2 वाहन चालक, 2 लीडिंग फायर मैन, 2 अग्निशमन अधिकारी द्वितीय और 5 अग्निशमन अधिकरियों की कमी बनी हुई है। इन सब कमियों के बीच भी जिले के लोगों को आग से बचाने की कवायद मं विभाग मुस्तैदी से जुटा रहता है।
पानी को लेकर लाइट की आती दिक्कत
अग्निशमन विभाग के पास जिले में तीन फायर स्टेशन हैं। जिनमें तिर्वा स्टेशन की लाईट ग्रामीण फीडर से जुड़ी है। विभाग के अफसरों का कहना है कि गर्मियों में अक्सर फाल्ट तो कभी रोस्टिंग के चलते लाईट गायाब रहती है। एसे में स्टेशन पर लगे पम्प आदि को चालाने में दिक्कत आती है। बताया कि अफसरों से इसे मेडिकल कालेज वाले फीडर से जुड़वाने की बात की गई पर इसपर अमल नहीं हो पाया है। हालांकि पानी की कमी तो बहुत नहीं रहती है। क्योंकि कोल्ड स्टोरेज और होटल आदि से पानी मिल जाता है।
शंहर की संकरी गलियां बनतीं मुसीबत
अग्निशमन विभाग के कर्मियों ने बताया कि कन्नौज शहर पुराने ढ़र्रे पर बसा शहर है। संकरी गलियों में कहीं कारखाने हैं तो कहीं अन्य कारोबार संचालित होते हैं। जब कभी याहर के अंदर अग्निकांड की सूचना मिलती है तो अग्निशमन की टीम तुरंत मौके पर पहुंचने का प्रयास करती है। बावजूद इसके संगरी गलियों के चलते वहां समय पर पहुंचने में दक्कत आती है। कई बार तो गलियों में बड़ी गाड़ी जा ही नहीं पाती है। एसे में बचाव कार्य में बहुत दिक्कत आती है। जो काम जल्दी समाप्त कर लिया जाता वह घंटों तक करना पड़ता है। जिससे नुकसान भी अधिक होता है।
कोट
जिले में जो संसाधन उपलब्ध हैं उनसे आग की घटनाओं पर काबू पाने का पूरा प्रयास किया जाता है। हालांकि स्टाफ की कुछ कमी है बावजूद इसके कोई विशेष दिक्कत नहीं है। विभाग के अधिकारी और कर्मचारी पूरी मेहनत से काम करते हैं। - मुकीमुल हक जिला अग्निशमन अधिकारी
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