समाज के लिए जरूरी नवाचारों को करें पाठ्यक्रम में शामिल
Kanpur News - समाज के लिए जरूरी नवाचारों को करें पाठ्यक्रम में शामिल समाज के लिए जरूरी नवाचारों को करें पाठ्यक्रम में शामिल

कानपुर। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, मशीन लर्निंग, 5जी व 6जी नेटवर्क जैसी अत्याधुनिक तकनीक की मदद से ऐसे नवाचार किए जा रहे हैं जो समाज के लिए बहुत उपयोगी साबित हो रहे हैं। ऐसे नवाचारों को प्रसारित करने के साथ पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाना चाहिए। यह बात आईआईटी रुड़की के पूर्व निदेशक प्रो. अजीत कुमार चतुर्वेदी ने कही। कहा, पाठ्यक्रम में नवाचार शामिल होने से युवा अत्याधुनिक तकनीक से परिचित होने के साथ ही खुद नवाचार करने के लिए प्रेरित होंगे। छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) के ऑडीटोरियम में विवि और ऑरेल व्लाइकु यूनिवर्सिटी ऑफ अराद, रोमानिया की ओर से दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आईसीआरएईसीसीटी-2025 का आयोजन हुआ। शुक्रवार को इसका शुभारंभ विवि के प्रति कुलपति प्रो. सुधीर कुमार अवस्थी, आईआईटी रुड़की के पूर्व निदेशक प्रो. अजीत कुमार चतुर्वेदी, रूस से आए प्रो. सेलेजनेव टिम, प्रो. बृष्टि मित्रा ने किया। प्रो. चतुर्वेदी ने कहा कि इलेक्ट्रानिक्स इंजीनियरिंग और कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग के फील्ड्स को मिलाकर एक नए पाठ्यक्रम को डिजाइन करने की आवश्यकता है। वर्तमान में अगली पीढ़ी की कंप्यूटिंग प्रणालियां, स्मार्ट नेटवर्किंग व कम्युनिकेशन मॉडल, मशीन लर्निंग के व्यावहारिक अनुप्रयोग जैसी तकनीक के बारे में बताया।
पुर्तगाल की यूनिवर्सिटी ऑफ लिस्बन की प्रो. अल्वारो रोचा, रूस की आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस लैब की डायरेक्टर प्रो. सरगी लेवाशकिन, यूएसए के डॉ. भार्गव कोंडा ने भी जानकारी दी। पहले दिन नौ सत्र हुए, जिसमें राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय शोधार्थियों ने 60 शोधपत्र प्रस्तुत किया। इस मौके पर विवि के रजिस्ट्रार डॉ. अनिल कुमार यादव समेत शिक्षक व छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
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