अनुसंधान कार्यों को बचाने के लिए प्रयोग करें आईपीआर
Kanpur News - कानपुर में भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान (आईआईपीआर) में विश्व बौद्धिक संपदा दिवस-2025 मनाया गया। मुख्य अतिथि विवेक श्रीवास्तव ने बौद्धिक संपदा अधिकारों और पेटेंट फाइलिंग के बारे में जानकारी दी। डॉ....

कानपुर। भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान (आईआईपीआर) में शुक्रवार को बौद्धिक संपदा और संगीत: आईपी की धुन को महसूस करें थीम पर विश्व बौद्धिक संपदा दिवस-2025 मना। मुख्य अतिथि यूनाइटेड एंड यूनाइटेड, नई दिल्ली के पेटेंट हेड विवेक श्रीवास्तव ने विभिन्न प्रकार के बौद्धिक संपदा अधिकारों, पेटेंट सर्च और उनके फाइलिंग की विधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने रचनात्मकता की सुरक्षा के लिए प्रारंभिक प्रोविजनल पेटेंट दाखिल करने की प्रक्रिया पर विशेष जोर दिया। निदेशक डॉ. गिरीश प्रसाद दीक्षित ने अनुसंधान और विकास में बौद्धिक संपदा के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों को अपने अनुसंधान कार्यों को बचाने के लिए पेटेंट, कॉपीराइट, डिजाइन और ट्रेडमार्क जैसे बौद्धिक संपदा अधिकारों (आईपीआर) का संरक्षण सुनिश्चित करना चाहिए।
यहां डॉ. मन मोहन देव और डॉ. आरके मिश्रा ने अपने विचार रखे।
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